Discrimination After Marriage: शादी के बाद अक्सर देखा जाता है कि एक लड़की से उसके ससुराल और मायके दोनों ही घरों में भेदभाव होता है। ऐसा व्यवहार लगभग घरों में देखा जाता है। कई घरों में ऐसी मान्यता होती है की बेटी पराया धन होती है और शादी के बाद मायका उसका घर नहीं रह जाता। आईए इसके बारे में थोड़ी चर्चा करते हैं।
शादी के बाद लड़की से घर में भेदभाव क्यों होता है?
बहुत से घरों में देखा जाता है कि शादी के बाद जहां मायके में लड़की को यह कहा जाता है कि यह अब उसका घर नहीं। वहीं ससुराल में यह बात कही जाती कि लड़की दूसरे घर से आई है। तो आखिर एक लड़की का असली घर है कौन सा?
बेटी और बहू में करते हैं अंतर
शादी के बाद अक्सर घर में देखा जाता है कि घर की बेटी और घर की बहू में काफी ज्यादा भेदभाव किया जाता है। चाहे वह कपड़े पहनने में हो, घर के कामों में हो या फिर खाने-पीने में। यह सब व्यवहार ही बताते हैं की शादी के बाद लड़कियों के साथ भेदभाव होता है।
शादी के बाद बेटी अपने माता-पिता का ख्याल नहीं रख सकती
शादी के बाद अक्सर लड़की के सुसराल वाले अपेक्षा करते हैं कि वह केवल इसी घर की होकर रहे और इसी घर के लोगों का ध्यान रखें। एक लड़की अपने माता-पिता का ध्यान न रखें क्योंकि यह जिम्मेदारी केवल एक बेटे की होती है जो कि बिल्कुल गलत है।
वंश केवल बेटा ही दे सकता है
बेटे के पुत्र और पुत्री को वंश माना जाता है जबकि बेटी के बच्चों को वंश नहीं माना जाता। यह भी कहा जाता है कि बेटी दूसरे घर को वंश देती है और बेटा अपने घर को वंश देता है। यह सब पुरानी रूढ़िवादी सोच है जिससे दूर करना बहुत जरूरी है। लोगों को अपनी मानसिकता बढ़ानी चाहिए और खुद को अपडेट करना चाहिए और पुरानी रूढ़िवादी मानसिकताओं को छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए।