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Photograph: (financialexpress)
Does Travelling Reduce Stress Here's How Travel Can Boost Your Mood: भागदौड़ भरी ज़िंदगी काम का प्रेशर और रोज़मर्रा की टेंशन ये सब हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर डालते हैं। ऐसे में जब दिमाग और दिल दोनों थक जाएं तो एक छोटा सा ब्रेक लेना बहुत ज़रूरी हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रैवलिंग सिर्फ घूमने के लिए नहीं, बल्कि एक तरह की थेरेपी भी हो सकती है? ट्रैवल करना न केवल आपको नए अनुभव देता है बल्कि यह स्ट्रेस को भी काफी हद तक कम कर सकता है।
क्या ट्रैवलिंग से स्ट्रेस कम होता है? कैसे ट्रैवल आपके मूड को कर सकता है बेहतर
आजकल की ज़िंदगी बहुत तेज़ हो गई है। हर किसी के पास टाइम की कमी है काम का प्रेशर है और ज़िम्मेदारियाँ सिर पर चढ़ी हुई हैं। सुबह उठते ही दिमाग में यही चलता है ऑफिस के काम बच्चों की पढ़ाई घर का मैनेजमेंट और हर दिन कुछ न कुछ नया टेंशन। ऐसे में हर इंसान एक समय पर थकने लगता है मन बंधा बंधा सा महसूस होता है और छोटी छोटी बातों में चिड़चिड़ापन आने लगता है।
हम अक्सर सोचते हैं कि थोड़ी देर के लिए टीवी देख लेंगे या मोबाइल चला लेंगे तो स्ट्रेस कम हो जाएगा। लेकिन असल में इससे स्ट्रेस और भी ज़्यादा बढ़ जाता है। दिमाग को सुकून तभी मिलता है जब हम अपनी रूटीन से बाहर निकलें कुछ नया देखें और थोड़ी देर के लिए ज़िंदगी को हल्के में लें। यही ट्रैवलिंग करती है।
जब हम घर से बाहर निकलते हैं चाहे वो कोई पास की जगह हो या लंबी ट्रिप हमारा दिमाग एकदम फ्रेश महसूस करता है। नई जगहें देखना नया खाना खाना और नए लोगों से मिलना ये सब चीजें हमें हमारे डेली स्ट्रेस से दूर ले जाती हैं। सोचिए जब पूरा परिवार एक साथ कहीं घूमने जाता है तो वो वक्त कितना स्पेशल होता है। ना ऑफिस का टेंशन ना फोन कॉल्स की भरमार बस एक दूसरे के साथ हंसी-मज़ाक और अच्छा समय।
हर फैमिली कभी ना कभी इस फेज़ से गुज़रती है जब सब कुछ बोझ जैसा लगने लगता है। तब एक छोटा सा ट्रिप भले ही दो दिन का क्यों ना हो सब कुछ बदल देता है। बच्चों की मुस्कान पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम और खुद के साथ शांति का पल ये सब मिलकर मूड को बेहतर बनाते हैं।
इसलिए जब भी लगे कि लाइफ बहुत भारी हो गई है, तो एक छोटा सा बैग पैक कीजिए और निकल जाइए कहीं। क्योंकि कभी-कभी जवाब सिर्फ एक ब्रेक में छिपा होता है।