Early Signs Of Pregnancy :गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। यह विभिन्न प्रकार के लक्षणों को ट्रिगर करते हैं। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के कई लक्षणों का अनुभव होता है जबकि अन्य को केवल कुछ ही लक्षण हो सकते हैं। प्रारंभिक गर्भावस्था के लक्षणों में मासिक धर्म का ना आना, मतली (nausea) और उल्टी, स्तन में बदलाव, थकान और बार-बार पेशाब आना हो सकता हैं। इनमें से कई लक्षण तनाव या बीमारी जैसे अन्य कारकों के कारण भी हो सकते हैं।यदि आपको संदेह है कि आप गर्भवती हो सकती हैं तो अपने डॉक्टर से मिलें।आइए जानते है प्रारंभिक गर्भावस्था के लक्षणों के बारे में।
प्रारंभिक गर्भावस्था के लक्षणों के क्या है?
1.मासिक धर्म ना आना
मासिक धर्म का ना आना अक्सर संभावित गर्भावस्था का पहला संकेत होता है। हालंकी कुछ महिलाओं को उनकी अपेक्षित अवधि के आसपास हल्के ब्लीडिंग का अनुभव होता है।
2. मॉर्निंग सिकनेस
'मॉर्निंग' सिकनेस एक ऐसी स्थिति है जो अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है। लक्षणों में मतली और उल्टी, और भूख ना लगना हो सकता हैं। मॉर्निंग सिकनेस से पीड़ित कई महिलाओं को सिर्फ सुबह ही लक्षण नहीं दिखते, बल्कि पूरे दिन उनका अनुभव होता है। मॉर्निंग सिकनेस आमतौर पर गर्भावस्था के चौथे से छठे सप्ताह के आसपास शुरू होती है और 12वें सप्ताह तक ठीक भी हो सकती है। हालांकि यह लंबे समय तक जारी भी रह सकती है या 32 सप्ताह में वापस भी आ सकती है।
3.स्तन में परिवर्तन
गर्भावस्था के दौरान स्तन भरे हुए, सूजे हुए और कोमल हो जाते हैं। यह बदलाव वैसे ही हैं जैसे आपने अपने मासिक धर्म से कुछ दिन पहले देखे होंगे। गर्भावस्था के वक्त निपल के आसपास की त्वचा का रंग काला हो जाता है और ब्रेस्ट की नसें ज्यादा स्पष्ट नज़र आने लगती हैं।
4.थकान
गर्भावस्था की शुरुआत में अत्यधिक थकान होना आम बात है। यह तब होता है जब सेक्स हार्मोन प्रोजेस्टेरोन में भारी वृद्धि हो जाती है। गर्भावस्था को बनाए रखने और बच्चे को बढ़ने में मदद करने के लिए प्रोजेस्टेरोन की आवश्यकता होती है। लेकिन यह आपके मेटाबोलिस्म को भी धीमा कर देता है। इस प्रारंभिक चरण के दौरान जब भी संभव हो थोड़ी और नींद ले या आराम करने का प्रयास करें। गर्भावस्था के चौथे महीने के आसपास आपकी टिशू का स्तर संभवत रूप से बढ़ जाएगा जब प्लेसेंटा (placenta) अच्छी तरह से स्थापित हो जाएगा। गर्भावस्था के वक्त थकान एनीमिया के कारण भी हो सकती है। जो आमतौर पर आयरन की कमी के कारण होता है।
5.जल्दी पेशाब आना
गर्भावस्था के कारण शरीर में तरल पदार्थों का स्तर बढ़ जाता है और किडनी की कार्यक्षमता (working capacity) बढ़ जाती है। सूजा हुआ गर्भाशय भी मूत्राशय पर दबाव डालता है।ज्यादातर महिलाओं को गर्भवती होने के पहले कुछ हफ्तों के अंदर बहुत बार पेशाब आने का अनुभव होने लगता है।
6.भोजन की इच्छा
गर्भावस्था में कुछ खाद्य पदार्थों की लालसा बहुत आम है खासकर उन खाद्य पदार्थों की जो एनर्जी और कैल्शियम प्रदान करते हैं जैसे दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स। आप उन खाद्य पदार्थों के प्रति अचानक अरुचि महसूस कर सकते हैं जो आपको पहले पसंद नही थे। कुछ महिलाओं में मिट्टी या कागज जैसी गैर-खाद्य वस्तुओं के प्रति भी असामान्य स्वाद विकसित हो जाता है। इसे 'पिका' कहा जाता है और यह पोषक तत्वों की कमी का संकेत दे सकता है।
चेतावनी: प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।