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Women In Indian Armed Forces: भारतीय सेना की 5 वीर वीरांगनाएं

आज के बदलते दौर मे देख रहे हैं कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। चाहे वह फौज का क्षेत्र हो या किसी नौकरी का। आज इस ब्लॉग में हम बात करने जा रहे हैं। भारतीय सेनाओं में महिलाओं का क्या रोल है?

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Amrita Kumari
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भारतीय सेना

भारतीय सेना में महिलाएं

Indian Army: जैसे की हम सभी जानते हैं कि पहले के समय में महिलाओं को शारीरिक रूप से कमजोर समझा जाता था और उनके ऊपर पुरुष बहुत ही ज्यादा अत्याचार करते थे। लेकिन आज के बदलते दौर मे देख रहे हैं कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। चाहे वह फौज का क्षेत्र हो या किसी नौकरी का। जैसे कि हम देख रहे हैं कि महिलाओं के अंदर भी देशभक्ति की भावनाएं बहुत ही ज्यादा बढ़ रही है और वह वायुसेना, नौसेना और थलसेना में अपना योगदान दे रही है। महिलाएं भी वीरता के साथ लड़ के अपने देश के लिए शहीद भी हो रही हैं। उनके योगदान भी पुरुषों के मुकाबले कम नहीं है। यहां हम कुछ ऐसे ही बहादुर महिलाओं के बारे में बात करेंगे जो हमारे देश भारत के लिए सेना में भर्ती होकर अपना योगदान दे रही है।

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1.पुनीता अरोड़ा
आप सब को सुनने के बाद बहुत ही गौरवमय महसूस होगा कि भारत की सबसे पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल पुनीता अरोड़ा देश के लिए और महिलाओं के लिए हमेशा से एक प्रेणना के तौर पर रहीं। लाहौर में जन्मी पुनीता अरोड़ा साल 2004 में नौसेना के अंदर लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पहुंची और अभी तक न जाने कितने सारे पदक जीत लिए हैं। अनुमान के तौर पर यह कहा जा सकता है कि पुनीता अरोड़ा ने अपने 36 साल के सर्विस में 15 से 16 पदक जीते हुए हैं।

2.किरण शेखावत
जब हम भारतीय सेना की बात करें तो उस में किरण शेखावत का नाम हमेशा से अमर रहेगा। किरण शेखावत हमारे देश भारत की पहली महिला ऑन ड्यूटी शहीद होने वाली लेफ्टिनेंट थी। उन्होंने बहुत ही वीरता के साथ 5 साल भारतीय नौसेना में अपनी सर्विस की। राजस्थान में जन्मी किरण शेखावत देश की पहली महिला लेफ्टिनेंट के पद पर भारतीय नौसेना में नेतृत्व हुई और उनकी शादी और हरियाणा राज्य में हुई थीं वीरता के मामले में किरण शेखावत ने अपना सर्वस्व बलिदान देश के लिए न्यौछावर कर दिया।

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3.पद्मावती बंदोपाध्याय
जब भी आज़ाद भारत की वीर नारियों  की बात आए तो उसमें पद्मावती बंधोपाध्याय का नाम हमेशा लिया जाएगा। पद्मावती बंदोपाध्याय भारत की वायु सेना की पहली महिला एयर वाइस मार्शल रही है। पद्मावती बंदोपाध्याय ने वायु सेना में लगभग 34 साल सर्विस की है। पद्मावती बंदोपाध्याय भारतीय वायुसेना की बहुत ही  वीर ,साहसी सर्विस कर्ता रही है। साल 2002 में पद्मावती बंदोपाध्याय एयर वाइस मार्शल की पद पर तैनात हुई।

4.दिव्या अजीत कुमार
आप सब को सुनकर हैरानी होगी और उसके साथ-साथ बहुत ही गर्व महसूस होगा कि भारत की सबसे छोटी उम्र की महीला कैडेट दिव्या अजीत कुमार को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से नवाजा गया।

5.गुंजन सक्सेना
गुंजन सक्सेना के बारे में कौन नहीं जानता है? अब तो उनके नाम से मूवी भी आ गई है तो लोगों को आसानी से पता होगा कि गुंजन सक्सेना का भारतीय वायु सेना में कितना बड़ा रोल रहा है। कारगिल गर्ल के नाम से मशहूर गुंजन सक्सेना कारगिल वार के दौरान पाकिस्तानी दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। गुंजन सक्सेना भारतीय वायुसेना की पहली महिला कप्तान थी जिन्होंने कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी दुश्मनों से डटकर सामना किया। उन्हें शौर्य वीर अवार्ड से भी नवाजा गया था।

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