Tulsi: तुलसी के पौधे को सुख और कल्याण के रूप में जाना जाता है। तुलसी पुराने समय से एक औषधि के रूप में इस्तेमाल होता है। आपको बता दें आयुर्वेद में तुलसी को एक पूर्ण औषधि के रुप में जाना जाता है। विज्ञान तक तुलसी के फायदों को मानता है। स्वास्थ्य के साथ-साथ तुलसी पर्यावरण के लिए भी काफी इफेक्टिव है। Tulsi ke fayde
रोज सुबह तुलसी का पत्ता खाने से आदमी हमेशा स्वस्थ रहता है और इससे आपकी इम्युनिटी भी बढ़ती है। और जैसा हमने देखा देश में फिर से COVID19 बढ़ने लगा है इसलिए अपने इम्यूनिटी को मजबूत रखने का यह सबसे आसान और नेचुरल उपाय भी माना जा सकता है।(Tulsi upaye) आइए आज के इस ब्लॉग में जानते हैं तुलसी के कुछ बड़े फायदे-
1. कई प्रकार के Infection से बचाव
आपको बता दें की तुलसी में एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल और फंगल के गुण होते हैं, जो कई प्रकार के इन्फेक्शन से आपको बचाते हैं। तुलसी के पत्तों का रस इंजरीज को भरने में भी काफी मददगार साबित होता है है। भारत में बहुत से लोग इसीलिए पुराने समय से रोज चाय में या सुबह उठते ही से खाली पेट तुलसी का पत्ता जरूर लेते थे।
2. ऑक्सीजन का है अच्छा स्रोत
न सिर्फ पुराने बड़े लोग बल्की अब विज्ञान भी यह मानता है कि तुलसी का जो पौधा होता है उसको ऑक्सीजन के पौधे के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि यह लोगों के ऑक्सीजन लेवल को सही रखता है। इसका सेवन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
3. सर्दी जुखाम में फायदेमंद
सर्दी और जुकाम जैसी समस्याओं के लिए तुलसी का पत्ता वरदान है। तुलसी का पत्ता सर्दी जुखाम में बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। आप तुलसी के पत्ते को पीसकर उसमें शहद मिलाकर खा सकते हैं। आप चाहे तो अपनी चाय में तीन-चार तुलसी के पत्ते डाल दें और उसको अच्छी तरह उबाल कर पी लें इससे भी आपको सर्दी व जुकाम में काफी राहत मिलेगी।
4. आंखों के स्वस्थ के लिए कारागार
तुलसी के एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण इंफेक्शन को रोकता है और इससे आपकी आंखों में भी किसी प्रकार का इन्फेक्शन नहीं होता है। इसलिए आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। आंखों में जो सूजन होती है उनको भी तुलसी के सेवन से कम किया जा सकता है।
5. इम्यूनिटी बूस्टर
जी हां आपने बिल्कुल सही सुना है तुलसी का सेवन आपकी इम्यूनिटी को भी बढ़ावा देता है। बहुत से लोगों ने सुना होगा कि COVID19 के समय अधिकतर लोगों को कहा जा रहा था Tulsi का सेवन करें, काढ़ा पीएं। काढ़ा आदि में अधिक मात्रा में तुलसी का उपयोग किया जाता है।