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Home Chef Poonam Devnani: अगर मन में विश्वास हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं

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Swati Bundela
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पूनम देवनानी का जिन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर जज़्बा हो तो हम कुछ भी कर सकते हैं और फिर उम्र कोई भी बाधा नहीं बन सकती।  पूनम ने अपनी ज़िन्दगी की दूसरी शुरुवात 53 साल की उम्र में YouTube पर आकर की. उनका कहना है की अगर वो कर सकती हैं, तो आप भी कर सकते हैं.
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1.आपका होम-शेफ बनने का सफर कब और कैसे शुरू हुआ ?


बात यह है कि YouTube पर आने से पहले, मैंने करीबन 15 साल कुकिंग क्लासेस दी हैं. यह सफर शुरू हुआ था 2004 में जब बच्चे बड़े हुए, उससे  थोड़ा समय मिला और पैसे  की भी ज़रुरत पड़ी .
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शुरुआत में बहुत डर लगा की कैसे कर पाउंगी, पर परिवार का सपोर्ट और मेरी कुछ करने की लगन से वो कुकिंग क्लासिस बहुत अच्छे से चली. YouTube पर आने से पहले मैंने करीबन 10,000 से ज़्यादा  बच्चों को खाना बनाना सिखाया है।
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2 आपका सिग्नेचर स्टाइल ऑफ़ कुकिंग क्या है ?


मैं अपने YouTube चैनल पर हर तरह के खाने की रेसिपी शेयर करती हूँ। कम में ज़्यादा, यही मेरी शुरू से पहचान रही है. घर की चीज़ों से अपना मनपसंद खाना बनाने के मेरे तरीके भी लोगों को बहुत पसंद आते हैं. मेरे अच्छे से समझाने के तरीके पर भी वीवर्स के बहुत कमैंट्स आते हैं.
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3.कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने आपके काम को किस तरह प्रभावित किया है?


लॉकडाउन ने तो काफी लोगों को YouTube पर आकर रेसिपी देखने के लिए मजबूर कर दिया . लोगों में घर के खाने को बनाने की चाहत  बड़ी. इससे हम कुकिंग चैनल्स को फायदा हुआ और हम नए लोगों से भी जुड़ पाए. और तो और, मैं इस लॉकडाउन के समय कम से कम  5-6 बार लाइव आके कुकिंग की ताकि लोगों को विश्वास दिला सकूँ की अगर मैं कर सकती हूँ तो वो भी घर बैठे खाना बना सकते हैं.
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और पढ़ें: मैं सबको अपने हाथ का स्वाद चखाना चाहती हूँ – होम शेफ राधिका अरोड़ा
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4.पान्डेमिक के समय में लोग बहार खाना बंद करके घर पर ही नयी डिशेस बना रहे है और अपने कुकिंग स्किल्स को आज़मा रहे है।  इसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगी ?


मुझे  हुत पसंद आता है जब मैं कमैंट्स में यह पढ़ती हूँ की मेरी डिश की वजह से लोगों को अपने घरों में बहुत तारीफ मिली. और तो और, बहुत लोगों ने मुझे अन्नपूर्णा बोलकर भी सम्भोदित किया.
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मैं दिल से यही चाहूंगी की लोग कोरोना खत्म होने के बाद भी घर पे ही खाना बनाएं क्योंकि उससे हैल्दी कुछ और नहीं है. दुनिया में कोई भी ऐसी डिश नहीं है जो घर पर नहीं बन सकती

मैं अपनी सफलता का क्रेडिट अपनी कंसिस्टेंसी को देना चाहूंगी. हम लोगों ने पिछले 3 साल से हर दिन एक वीडियो लोगों के सामने पेश किया  है. आज मसाला किचन चैनल में 950 से ज़्यादा वीडिओज़ हैं और 12 लाख से ज़्यादा लोग जुड़े हुए हैं - पूनम देवनानी




  1. सोशल मीडिया का आपकी जर्नी में क्या रोल रहा है?




उम्र के उस टाइम जब आराम की ज़रूरत होती है तब मैंने बिना कुछ सोचे 2017 में YouTube पर वीडियोस डालना शुरू किया. शुरुआत में तो 1000 सब्सक्राइबर्स के लिए भी बहुत इंतज़ार करना पड़ा. फिर भी मैंने कभी हार नहीं मानी और हर बार कुछ नया लाने की कोशिश की.

मैं अपनी सफलता का क्रेडिट अपनी कंसिस्टेंसी को देना चाहूंगी. हम लोगों ने पिछले 3 साल से हर दिन एक वीडियो लोगों के सामने पेश किया  है. आज मसाला किचन चैनल में 950 से ज़्यादा वीडिओज़ हैं और 12 लाख से ज़्यादा लोग जुड़े हुए हैं. हमने एक नया चैनल भी खोला है जिसका नाम है "माँ, यह कैसे करूँ?" यह चैनल उन बच्चों के लिए है जिन्होंने अभी-अभी किचन में कदम रखा है.

6.आपके अनुसार क्या कुकिंग का जेंडर से कोई लेना देना है ?


बिलकुल भी नहीं. मुझे तो लगता है लड़के ज़्यादा आगे निकल रहे हैं कुकिंग में. YouTube पर भी बहुत से  बड़े चैनल्स लड़कों के ही हैं. वो  ज़माने गए जब सिर्फ लडकियां ही किचन में खाना बनती थी, आज कल सब हर काम में आगे हैं.

7. आपके काम को लेकर आपकी भविष्य की योजनाएं क्या हैं ?


जैसा की मैंने बताया की मैंने अपना नया चैनल माँ, यह कैसे करूँ? कुछ ही दिन पहले शुरू किया है. इस चैनल का आईडिया मुझे इस बात से आया कि मेरे बच्चे मुझसे यही कॉमन सवाल करते रहते थे की माँ, चावल कैसे बनाऊं? माँ, किचन को कैसे साफ़ रखूं? माँ, अलमीराः कैसे  सजाऊँ?

तो इस चैनल पे मैं घर की सारी चीज़ें जिसमे बच्चो को प्रॉब्लम आती है उन्हें करना बताउंगी. बाकी मेरे पहले चैनल मसाला किचन पर और बहुत  सी आसान रेसिपी डालती रहूंगी.

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