मेनोपॉज़ पर चुप्पी महिलाओं को कैसे नुकसान पहुँचाती है

महिलाएं मेडिकल सलाह लेने से हिचकिचाती हैं क्योंकि मेनोपॉज़ पर खुलकर बात नहीं होती। उन्हें लगता है कि यह उम्र का हिस्सा है और इलाज की ज़रूरत नहीं।

author-image
Dimpy Bhatt
New Update
How silence on menopause harms women

Photograph: (Freepik)

महिलाओं की ज़िंदगी का एक सामान्य समय होने के बावजूद, मेनोपॉज़ पर अक्सर बात नहीं की जाती। अक्सर इसे उम्र से जोड़कर टाल दिया जाता है या फिर “सबके साथ होता है” कहकर चुप करा दिया जाता है। इस चुप्पी से एक महिला के रिश्तों, मेन्टल हेल्थ, और फिजिकल हेल्थ पर बहुत ज़्यादा असर पड़ता है। जब लोग बदलाव को समझने और उसके बारे में बात करने के बजाय चुप रहना चुनते हैं, तो नुकसान होना तय है। 

Advertisment

मेनोपॉज़ पर चुप्पी महिलाओं को कैसे नुकसान पहुँचाती है

जानकारी की कमी से डर बढ़ता है

मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं के शरीर में जो बदलाव होते हैं, अगर उन्हें इसकी जानकारी न हो तो इससे परेशानी बढ़ जाती  हैं। अचानक गर्मी लगना, नींद न आना, थकान, मूड में बदलाव या चिड़चिड़ापन जैसी चीज़े उन्हें अजीब लगने लगती  हैं। गलत जानकारी की वजह से महिलाओं को लगने लगता है कि उन्हें कोई सीरियस प्रॉब्लम है। खुली बातचीत और सही जानकारी ही इस डर और गलतफहमी से होने वाले मेन्टल स्ट्रेस को कम करने का एक तरीका है।

मानसिक सेहत पर गहरा असर पड़ता है

मेनोपॉज़ के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों का सीधा असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। एंग्जायटी, डिप्रेशन और कम सेल्फ-एस्टीम आम हो सकते हैं। जब महिलाएं अपने इमोशंस को दूसरों के सामने ज़ाहिर नहीं कर पातीं, तो यह समस्या और भी बढ़ जाती है। मेन्टल थकावट के कारण महिलाओं को कमज़ोरी महसूस होने लगती है और उनके इमोशंस दब जाते हैं।

समय पर देखभाल नहीं मिल पाती

महिलाएं मेडिकल सलाह लेने से हिचकिचाती हैं क्योंकि मेनोपॉज़ पर खुलकर बात नहीं होती। उन्हें लगता है कि यह उम्र का हिस्सा है और इलाज की ज़रूरत नहीं। अच्छी डाइट, प्रॉपर नींद और रोज़ाना की आदतों में छोटे-मोटे बदलाव इस स्टेज को आसान बना सकते हैं। 

Advertisment

रिश्तों में गलतफहमियाँ बढ़ती हैं

जब परिवार को यह समझ नहीं होता कि महिला किस बदलाव से गुजर रही है, तो अक्सर उसके बेहेवियर को गलत समझा जाता है। मूड खराब होना या गुस्सा आना,चिड़चिड़ापन या थकावट समझा जा सकता है। इससे रिश्तों में तनाव और दूरी आ सकती है। महिला को इमोशनल सपोर्ट देने के अलावा, खुलकर बात करने से परिवार में समझ बढ़ती है।

महिला खुद को अकेला महसूस करती है

महिलाएं अकेला महसूस करने लगती हैं उन्हें लगता है कि यह समस्या सिर्फ़ उन्हीं की है। मेनोपॉज़ के बारे में खुलकर बात करने से महिलाओं को जानकारी के साथ-साथ सम्मान, कॉन्फिडेंस और सहारा भी मिलता है। इस चुप्पी को तोड़ना महिलाओं की हेल्थ और हैप्पी लाइफ के लिए बेहद ज़रूरी है।

मेनोपॉज एंग्जायटी फिजिकल हेल्थ