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Gender Inequality: महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को कैसे रोकें

आज के समय में भी लैंगिक असमानता का समाज में मौजूद होना, एक बेहद चिंता का विषय है। इस विषय को जरूरत है - एक बदलाव की। इस ब्लॉग में नीचे दिए 5 तरीकों को अपनाकर हम और आप अपने वर्क प्लेस में gender equality को समाज में बढ़ावा दे सकते हैं

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Aastha Dhillon
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Global Gender Gap Index 2022

Gender Equality

Discrimination Against Women: आज कोई कार्य क्षेत्र नहीं है जहां महिलाएं काम नहीं कर रही हैं। आज महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं।  इसके बावजूद उन्हें अभी भी कुछ भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।  आज हम बात करेंगे कि अपने कार्यस्थल में भेदभाव से कैसे निपटा जाए।

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वर्कप्लेस पर डिस्क्रिमिनेशन का तात्पर्य रोजगार में समान अधिकारों, जिम्मेदारियों और अवसरों से है। समानता का मतलब यह नहीं है कि महिला और पुरुष समान हो जाएंगे, लेकिन महिलाओं और पुरुषों के अधिकार, जिम्मेदारियां और अवसर इस बात पर निर्भर नहीं होंगे कि वे पुरुष या महिला पैदा हुए हैं या नहीं। जेंडर इक्वलिटी का अर्थ है कि महिलाओं और पुरुषों दोनों के हितों, जरूरतों और वरीयताओं को ध्यान में रखा जाए है, महिलाओं और पुरुषों के विभिन्न समूहों की विविधता को पहचानते हुए।   

कैसे लाएं वर्कप्लेस में Gender Equality ?

1.महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराएँ

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महिलाओं को वर्क प्लेस में सुरक्षित महसूस कराना Gender Equality को पूरी तरह से पाने की एक कड़ी है। जबतक महिलायें खुद को अपने वर्क प्लेस में सुरक्षित नहीं समझती, तबतक Gender Equality के कोई मायने नहीं रहते। हमको और आपको जरूरत है वर्क प्लेस में महिलाओं के लिए एक ऐसा वातावरण बनाने की जहां वो खुद को पूरी तरह से सुरक्षित पाएँ। और साथ ही वहाँ उनको अपने विचारों को खुलकर सबके सामने रखने की पूरी आज़ादी हो। 

2.Gender Inequality पर खुलकर बात करें 

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कई लोग ऐसे होते हैं जो लैंगिक समानता (gender equality) को बढ़ावा भी देना चाहते हैं, मगर अपने स्पेस में  gender inequality को लेकर बात करने से भी कतराते हैं। और ये बेहद गलत चीज़ है। अगर आप अपने वर्क प्लेस में gender equality को बढ़ावा देना चाहते हैं तो आपको उस चीज को लेकर अपने वर्क प्लेस में ओपन डिस्कशन (open discussion) करने होंगे 



3. वर्कप्लेस का ओपन-माइंडेड (Open-Minded) वातावरण होना 

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वर्क प्लेस में gender equality को बढ़ावा देना तब ही संभव हो पाएगा, जब वहाँ का वातावरण ओपन-माइंडेड बनेगा । अगर वर्कप्लेस में किसी लड़की के जाने पर उसके कपड़ों से उसको जज न किया जाए, और किसी लड़के के रोने पर उसका मजाक न बनाया जाए, तो gender equality का ज़ोर वहाँ सफल माना  जाएगा। 

4. महिला सहकर्मियों को आगे आने का बढ़ावा दें 

अपने ऑफिस में महिला सहकर्मियों को हमेशा आगे आने के लिए बढ़ावा दें। उनको सबके सामने अपनी बात कहने के लिए प्रोत्साहित करें। ऐसा करने करने से आप जेंडर इक्वलिटी को बढ़ावा देंगे, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप अपने ऑफिस में महिलाओं को भी आगे आने दे।

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5. आय असमानता (Income Inequality) को लेकर बात करें 

आय असमानता, Gender Equality की राह में एक बहुत बड़ी बाधा है। और जबतक हम इसको लेकर सबके साथ खुलके बात नहीं करेंगे तबतक gender equality को बढ़ावा देना भी संभव नहीं होगा। साथ ही आय असमानता (income inequality) पर बात करने के लिए, वर्क प्लेस से बेहतर कोई और जगह नहीं। इसलिए अपने वर्क प्लेस में आय असमानता को लेकर बात करें, 

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