How To Deal Menopause During Menopause: मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को बहुत सारे लक्षणों में से गुजरना पड़ता है जो उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर प्रभाव डालते हैं। जिस कारण इसका असर आपकी दिनचर्या पर भी पड़ता है और महिला की नींद भी प्रभावित होती है। नींद के प्रभावित होने के कारण आप बहुत बेचैन रहते हैं और काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइये जानते हैं इसके साथ कैसे डील किया जाए-
Menopause के दौरान Insomnia के साथ ऐसे करें डील
इनसोम्निया क्या होता है?
यह एक तरह का स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को अच्छे से नींद नहीं आती है। Pubmed Central के अनुसार 60% महिलाएं मेनोपॉज में इनसोम्निया का शिकार होती है। नींद संबंधी डिसऑर्डर पेरी- मेनोपॉज के दौरान 16% से 47% तक और मेनोपॉज के बाद 35%-60% तक होती है।
कारण
Hot flashes: मेनोपॉज में महिलाओं को रात में पसीना आता है जो उनकी नींद को प्रभावित करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका हॉर्मोन लेवल में बदलाव आने के कारण की बॉडी के तापमान में उतार-चढ़ाव आता रहता है।
Hormone Change: मेनोपॉज का हार्मोन पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। इसके कारण आपकी नींद बहुत ज्यादा प्रभावित होती है क्योंकि प्रोजेस्टेरोन हार्मोन एकदम से गिर जाते हैं।
स्लीप रूटीन से किया जा सकता है बचाव
- अगर आप स्लीप रूटीन बनाते हैं इससे आप मेनोपॉज में इनसोम्निया से बच सकते हैं। इससे आप रोज एक समय पर सोएंगे और उठेंगे। आपका उठने और सोने का एक टाइम फिक्स टाइम बन जाएगा।
- ब्लू लाइट का भी आपकी आंखों पर असर बहुत पड़ता है। इसलिए सोने से कुछ समय पहले सारे डिवाइस को बंद कर दीजिए ताकि आप अच्छे से नींद ले सके।
- अगर आप दिन में कैफीन लेते हैं उससे भी आप रात को आपकी नींद में खनन पड़ता है। इसलिए दोपहर में कैफीन को अवॉइड कीजिए। इसके विकल्प में आप हेल्दी ड्रिंक ले सकते हैं।
- एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी करने से भी आपकी नींद पैटर्न में सुधार सकता है। यह भी इनसोम्निया की समस्या को कम करेगा। इसलिए एक्सरसाइज योगा, सैर में किसी भी विकल्प का चुनाव कर सकते हैं।
- खाने को सोने से 1 घंटे पहले ही खा लीजिए। इससे भी आपकी नींद में फर्क दिखेगा। खाना खाने के तुरंत बाद सोने से आपको एसिडिटी और बर्निंग की समस्या हो सकती है जो आपकी नींद में समस्या डाल सकती है।
- सोने से पहले अपनी बॉडी को रिलैक्स करने की कोशिश कीजिए। इसके लिए आप म्यूजिक, मेडिटेशन या फिर माइंडफुल तकनीक का सहारा ले सकते हैं। यह आपकी बहुत मदद करेगा