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Child Development:बच्चों में आत्म-निर्भरता कैसे बढ़ाएं

जैसे हमारे माता–पिता ने हमे आत्मनिर्भर होना सिखाया है वैसे ही हमे अपने बच्चो को भी आत्म निर्भर बनाना चाहिए। यह सिर्फ़ हमारे कॉफिडेंस को ही नही बल्कि भविष्य में आने वाली अनेकों परेशानियों का सामना करने के लिए तैयार करती है।

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Sneha yadav
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How to Foster Self-Reliance in Children

(Image credit: pinterest)

How to Foster Self-Reliance in Children: आत्म-निर्भरता को लाना बहुत जरूरी है चाहे वो बड़े या बच्चें ही क्यों न हो। आत्मा निर्भरता की भावना हमारे अंदर होनी ही चाहिए। जैसे हमारे माता–पिता ने हमे आत्मनिर्भर होना सिखाया है वैसे ही हमे अपने बच्चो को भी आत्म निर्भर बनाना चाहिए। आत्म-निर्भरता का मतलब होता है जीवन में आने वाले चुनौतियों को आत्म विश्वास और बिना किसी पे निर्भर हुए उसका सामना करना। आत्म-निर्भरता हमारे अंदर डिसीजन लेने की क्षमता, समस्याओं का समाधान और अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की क्षमता बिना किसी पे निर्भर हुए खुद से सब करने की प्रेरणा देती है। यह सिर्फ़ हमारे कॉफिडेंस को ही नही बल्कि भविष्य में आने वाली अनेकों परेशानियों का सामना करने के लिए तैयार करती है।छोटे उम्र में ही बच्चों को आत्म-निर्भरता के गुण से अवगत करना चाहिए जिससे उनका भविष्य उज्वल रहे। आइए जानते है की बच्चों में आत्म-निर्भरता कैसे बढ़ाएं।

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बच्चों में आत्म-निर्भरता बढ़ाने के 5 तरीके

1. निर्णय 

अपने बच्चो को छोटे– छोटे निर्णय लेने का अवसर जरूर दे। ऐसे निर्णय जो उनके रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े हो जैसे उन्हें क्या खाना है, कैसे कपड़े पहनने है, कौन से खेल खेलने है या फिर कहा घूमना है। अगर आप छोटे उम्र से ही उनको निर्णय लेने का अधिकार देंगे तो वह अपने पसंद और नापसंद को जान पाएंगे। उन्हें लगेगा कि उनकी राय भी मायने रखती है। और अगर उनके निर्णय का कोई पॉजिटिव रिजल्ट निकले तो उसके लिए उनकी प्रशंसा करनी चाहिए। इससे उनके अंदर आत्मविश्वास भी जागता है।

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2. जिम्मेदारियाँ 

बच्चों को रिस्पांसिबल बनाना बहुत जरूरी है ताकि आगे जाकर भविष्य में वह अपने काम के प्रति रिस्पांसिबल रह सके। हमें बच्चों को छोटी मोटी जिम्मेदारियां सौंपनी चाहिए जैसे कि बिस्तर ठीक करना, घर की साफ सफाई, पौधों को पानी देना जैसे छोटे-मोटे कम उनसे जरूर करवाने चाहिए। ताकि उन्हें महसूस हो कि उनकी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं जो बहुत महत्वपूर्ण है। इसे उनके अंदर जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न होगी। 

3.गलतियों से सीखे 

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गलतियां सभी से होती है चाहे वह बड़े हो या छोटे ही क्यों का हो। गलतियों का होना तो सामान्य बात है। पर गलती से सीखना बहुत ही अच्छी बात होती है जो हमे अपने बच्चो को जरूर सिखानी चाहिए। अगर वो कोई गलती करते है तो उन्हें डाटने और आलोचना करने से पहले उन्हें सिखाए की ऐसा क्यों नही करना चाहिए और इससे कैसे सुधारा जाए। ऐसे वो समस्या का समाधान निकालना खुद सीख जाते हैं।

4. आत्म विश्वास 

जिस तरीके से बड़ों में आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है वैसे ही छोटो में भी आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। हमें अपने बच्चों को समझना चाहिए कि हर चीज के लिए किसी और पर निर्भर होना ठीक नहीं है। अगर हमारे अंदर आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता है तो हम आगे जाकर किसी भी परिस्थिति में अपनी परेशानियों का सामना कर सकते हैं। उन्हें सेल्फ मोटिवेट करना बहुत जरूरी है। उन्हें समझाए की अपने मन में पॉजिटिविटी लाए जिसे वे अपने जीवन में सफल बन सकते है।

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5. टाइम मैनेजमेंट 

अपने बच्चो को समझाए की समय को सही तरीके से यूज करना बहुत जरूरी है। उन्हें एक प्रॉपर टाइम शेड्यूल बनाना चाहिए। अपनी पढ़ाई, खेल और अन्य गतिविधियों को किस तरीके से समय देना है उन्हें यह सिखाने में मदद करें। इससे वह समय का सही उपयोग करना सीखेंगे और आत्मनिर्भर भी बनेंगे। 

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