Normalise Menstruation: हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहां हमारे देश ने ना जाने कितनी महान चीजें हासिल करी है। हमने चांद पर कदम रखा तो मार्स के चक्कर भी लगाएं। परंतु अभी हम सोच से बड़े नहीं हो पाए हैं। अभी हम पीरियड जैसी नॉर्मल चीज को नॉर्मलाईज नहीं कर पाए हैं।
हम सब ने कहीं ना कहीं यह देखा है कि हमारा समाज आज भी पीरियड को एक टैबू टॉपिक मानता है। आज भी हमारे घरों में पीरियड्स (Periods) के बारे में बोलने से लोग कतराते हैं। आज भी हमारे बच्चों को पीरियड्स के बारे में जानकारी नहीं है। आखिर कब तक होगा ऐसा? अब बारी है पीरियड्स को नॉर्मलाईज करने की।
अब समय है पीरियड्स को नॉर्मलाईज करने का
हमारी तक अपने बच्चों को पीरियड्स या उनसे संबंधित चीजों के बारे में बोलने से कतराते हैं। हम अपने बेटों को पीरियड जैसी चीजों के बारे में जानने और उन्हें समझने का मौका ही नहीं देते। हमारे मुताबिक यदि उन्हें इस चीज के बारे में पता चला तो वह अपनी राह भटक जाएंगे। परंतु हमें खुद से यह प्रश्न पूछना होगा कि क्या पीरियड गलत है? क्या हम अपने बच्चों को इसके बारे में ना बता कर गलती तो नहीं कर रहे? और क्या हमें इसे एक रोजमर्रा की चीज की तरह ट्रीट नहीं करना चाहिए?
ऐसे प्रश्न ना केवल एक नए नजरिए से सोचने में मदद करेंगे बल्कि आपको एक बेहतर पेरेंट, एक बेहतर इंसान बनने में भी मदद करेंगे। यदि हम अपने बच्चों को इन चीजों के बारे में नहीं बताएंगे, तो वे ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल करेगा। ऐसे में वह गलत चीजों के बारे में भी जान सकता है जिसमें पोर्न सबसे ऊपर रहेगा। तो बेहतर सॉल्यूशन यही है कि हम खुद ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें और उन्हें पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करनी का मौका दें।
जरूरी कदम
हमें यह तो जान लिया कि हमें पीरियड को नॉर्मलाईज करना है। आइए जानते हैं कुछ तरीके जिससे यह काम आसान होगा।
1. खुद करें पहल
यदि हमें अपने बच्चों को इस बारे में बताना है तो हमें पहले खुद पहल करके उन्हें पीरियड्स और अन्य चीजों के बारे में बताना होगा।
2. सेक्स एजुकेशन (Sex Education)
हमारे परिवारों में लोग इसे गलत तरीके से समझते हैं। हमें अपने बच्चों को सेक्स एजुकेशन अच्छे से देनी होगी और यह कोशिश करनी होगी कि वह अच्छे से इन चीजों के बारे में समझे।
3. खुले विचार
हमें बच्चों की जिज्ञासा को खत्म नहीं करना। यदि वह कोई भी प्रश्न पूछे चाहे हो थोड़ा आपत्तिजनक भी हो तो उसे खुल कर बताना है ताकि उनके मन में कोई प्रश्न ना रहे।