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Photograph: (Pinterest)
Important Things to Know Before Becoming a Mother for the Second Time : मां बनना एक खास अनुभव है। पहली बार में तो इंसान को कई चीजें नहीं पता होती है तो ऐसी बातें दूसरी में ध्यान रखनी होती है। यह पहली बार की तुलना में अलग चुनौतियाँ और ज़िम्मेदारियाँ लेकर आता है। पहली गर्भावस्था से मिले अनुभव ज़रूर मदद करते हैं, लेकिन दूसरी बार की तैयारी थोड़ी अलग होती है। क्यूंकि अब आपके साथ आपका पहला बच्चा भी है। यहाँ हम बता रहे हैं ऐसी जरूरी बातें जो दूसरी बार माँ बनने से पहले जाननी चाहिए।
दूसरी बार माँ बनने से पहले जरूर जानें ये बातें
1.मेंटली और फिजिकली तैयार रहें
पहली प्रेग्नेंसी (pregnancy) के बाद शरीर में कई बदलाव आते हैं। अगर आपकी पहली डिलीवरी सी-सेक्शन से हुई थी, तो दूसरी प्रेग्नेंसी की प्लानिंग से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी ले। साथ ही, मेंटली खुद को तैयार करना भी जरूरी है क्योंकि अब आपको एक से ज्यादा बच्चों की देखभाल करनी होगी।
2.बच्चों के बीच एज गैप समझदारी से तय करें
बच्चों के बीच उम्र का अंतर उनकी आपसी बॉन्डिंग और आपकी ज़िम्मेदारियों पर असर डालता सकता है। छोटा अंतर रखने से दोनों बच्चों की परवरिश एक साथ हो सकती है, लेकिन आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़गी, अगर अंतर ज्यादा हो तो आप पहले बच्चे को थोड़ा इंडिपेंडेंट बना सकते हैं। इसलिए सोच समझ कर ही एज गैप तय करें।
3. पहले बच्चे को जरूर शामिल करे
आपको अपने पहले बच्चे को इस प्रोसेस का हिस्सा बनाए। दूसरे बच्चे के आने से पहले पहले बच्चे को मेंटली तैयार करें। उसे बताएं कि वो बड़ी बहन या बड़ा भाई बनने वाला है। उसे छोटी-मोटी जिम्मेदारियाँ दे। जिससे उनको भरोसा करवाए कि अभी भी वो खास है।
4.पैसों का मैनेजमेंट करे
दूसरी प्रेग्नेंसी मतलब सबसे पहले प्रेग्नेंसी पीरियड और डिलेवरी के खर्च। उसके बाद बच्चे की मेडिकल एजुकेशन और डेली ज़रूरतों का खर्च। इसके लिए पहले से प्लानिंग करें। बीमा, सेविंग्स और मनी मैनेजमेंट पर ध्यान दें ताकि आगे चलकर किसी बड़ी परेशानी का सामना न करना पड़े।
5. दोनों बच्चों में बैलेंस बना कर रखे
प्यार और ध्यान का संतुलन बनाए रखें। जब दूसरा बच्चा आता है तो उसको ज्यादा केयर और सुरक्षा की जरूरत होती है। ऐसे में ध्यान अक्सर उसी पर चला जाता है। इससे पहले बच्चे को नजरअंदाज होना महसूस होता है। इससे बचने के लिए दोनों बच्चों के बीच बराबर प्यार और ध्यान देना जरूरी है ताकि कोई भी बच्चा खुद को अकेला न महसूस करे।