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Pregnancy Photograph: (Freepik)
Pregnancy Myths: प्रेग्नेंसी एक ऐसा अनुभव है, जिसे हर महिला अपनी ज़िंदगी में एक बार जरूर महसूस करती है। लेकिन इस दौरान समाज और परिवार से बहुत सारी भ्रांतियाँ और मिथक जुड़ी होती हैं। इन मिथकों का असर न सिर्फ़ महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि यह उनके प्रेग्नेंसी के दौरान के अनुभव को भी बदल देता है।
प्रेग्नेंसी से जुड़ी 5 बातें जो सिर्फ़ भ्रम हैं
1. "प्रेग्नेंसी में दो लोगों को खाना चाहिए।"
यह सबसे पुराना मिथक है जिसे हमने सभी से सुना है। हर प्रेग्नेंट महिला को यह सलाह दी जाती है कि वह "दो लोगों के लिए खा रही है", इसका मतलब होता है कि उसे खाने की मात्रा दो गुना करनी चाहिए।
लेकिन सच्चाई यह है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को ज़रूरी पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह अपनी कैलोरी का दोगुना सेवन करें। प्रेग्नेंट महिलाओं को संतुलित आहार की आवश्यकता होती है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, और अच्छे फैट्स शामिल हों, ना कि ज्यादा कैलोरी का सेवन।
2. "प्रेग्नेंसी के दौरान भारी चीज़ें उठाना मना है।"
इस मिथक के अनुसार, महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी भारी चीज़ें नहीं उठा सकतीं, क्योंकि इससे उनका गर्भपात हो सकता है।
लेकिन, अगर कोई महिला अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान स्वस्थ है और डॉक्टर से अनुमति मिली है, तो वह हल्की से मध्यम श्रेणी की गतिविधियों को कर सकती है, जिसमें कुछ भारी सामान उठाना भी शामिल हो सकता है। यह हमेशा महत्वपूर्ण होता है कि महिला अपनी शारीरिक सीमा को समझे और डॉक्टर की सलाह पर चले।
3. "प्रेग्नेंसी में सैक्स करना मना है।"
यह मिथक बहुत ज्यादा सुनने को मिलता है, कि प्रेग्नेंसी के दौरान सैक्स करना खतरनाक हो सकता है।
वास्तव में, अधिकांश महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान सैक्स करना सुरक्षित होता है, जब तक कि डॉक्टर ने कोई खास चेतावनी न दी हो। प्रेग्नेंसी के अलग-अलग चरणों में सैक्स करने के कुछ और फायदे भी हो सकते हैं, जैसे कि शारीरिक और मानसिक आराम। लेकिन अगर किसी महिला को किसी प्रकार की असुविधा महसूस होती है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
4. "प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए।"
बहुत से लोग यह मानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि से बचना चाहिए।
सच्चाई यह है कि हल्का व्यायाम, जैसे चलना या प्रेग्नेंसी योग, वास्तव में गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखने में मदद करता है। व्यायाम से न केवल ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, बल्कि यह डिलीवरी के समय भी मददगार साबित हो सकता है। लेकिन हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही कोई शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए।
5. "गर्भवती महिला को स्नान के बाद अपने पैरों को हमेशा ऊपर रखना चाहिए।"
यह भी एक ऐसा मिथक है जो बहुत से लोगों के बीच फैला हुआ है। कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को स्नान के बाद अपने पैरों को ऊपर रखना चाहिए, ताकि खून का प्रवाह सही रहे और स्वेलिंग न हो।
लेकिन यह सच्चाई नहीं है। हालांकि अगर किसी महिला को पैरों में सूजन होती है, तो उसे आराम करने और अपनी पैरों को कुछ समय के लिए ऊंचा रखने का सुझाव दिया जा सकता है, लेकिन यह कोई अनिवार्य नियम नहीं है। प्रेग्नेंसी में आराम बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन व्यस्त दिनचर्या और हल्की शारीरिक गतिविधि भी जरूरी है।
प्रेग्नेंसी एक अद्भुत और जीवन बदलने वाला अनुभव है, लेकिन इससे जुड़ी भ्रांतियाँ अक्सर महिलाओं को तनाव और भ्रम का सामना कराती हैं।समझदारी से और सही जानकारी के साथ यह यात्रा कहीं अधिक सकारात्मक हो सकती है। इन मिथकों को समझें और नकारें, ताकि आप अपनी प्रेग्नेंसी को सहज और खुशहाल तरीके से जी सकें।