Causes of Premature Delivery: समय से पहले डिलीवरी, जिसे प्रीमैच्योर डिलीवरी या प्रीटर्म बर्थ कहा जाता है, तब होती है जब किसी गर्भवती महिला का शिशु गर्भावस्था के 37 वीक्स से पहले जन्म ले लेता है। सामान्य रूप से, गर्भावस्था 40 वीक्स की मानी जाती है, जिसमें शिशु का पूर्ण विकास होता है। हालांकि, जब शिशु 37 वीक्स से पहले जन्म लेता है, तो उसे प्रीमैच्योर या समय से पहले जन्मा माना जाता है। इस स्थिति में शिशु को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उसका शारीरिक और मानसिक विकास पूरी तरह से नहीं हो पाता है। समय से पहले डिलीवरी के कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में जानकारी होना जरूरी है ताकि समय पर इलाज और सावधानियां ली जा सकें। तो आइये जानते हैं समय से पहले डिलेवरी होने के कारण।
समय से पहले डिलेवरी होने के 5 कारण
1. गर्भाशय की समस्या
जिन महिलाओं का गर्भाशय या गर्भाशय के ग्रीवा में पहले से सर्जरी हुई रहती है उन्हें प्रीमेच्योर डिलीवरी होने का खतरा होता है। गर्भाशय की संरचना में किसी प्रकार की गड़बड़ी, जैसे कि गर्भाशय का असामान्य आकार या गर्भाशय ग्रीवा की कमजोरी समय से पहले प्रसव का कारण बन सकती है। जब गर्भाशय ग्रीवा समय से पहले खुलने लगती है, तो गर्भावस्था पूरी नहीं हो पाती है, जिससे शिशु का जन्म जल्दी हो सकता है।
2. पिछली प्रीमैच्योर डिलीवरी
जिन महिलाओं के पिछले प्रेगनेंसी में प्रीमेच्योर डिलीवरी हो चुकी रहती है उन्हें दोबारा समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा बना रहता है। ऐसी स्थिति में उन्हें सावधानी बरतनी और डॉक्टर के निगरानी में रहना आवश्यक है। ऐसी महिलाओं को डॉक्टर के देखरेख और निगरानी में रहना इसीलिए जरूरी है ताकि वह प्रीमेच्योर डिलीवरी के प्रभाव को रोक सके।
3. मल्टीपल प्रेग्नेंसी
जब महिलाएं एक से अधिक या जुड़वा शिशु को गर्भ में धारण करती हैं तो गर्भाशय में जगह न होने के कारण लेबर पेन जल्दी शुरू हो जाता है। गर्भाशय में जगह की कमी की वजह से शिशु का विकास पूरी तरीके से नहीं हो पता। जुड़वां या उससे अधिक शिशु वाले मामलों में अक्सर प्राकृतिक प्रसव से पहले C-section की योजना बनाई जाती है, लेकिन फिर भी कई मामलों में गर्भावस्था 37 सप्ताह से पहले समाप्त हो जाती है।
4. माँ के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं
अगर मां को शुगर या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा बना रहता है। गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक तनाव, चिंता या मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएँ भी समय से पहले डिलीवरी के कारण हो सकती हैं। मानसिक तनाव से गर्भ में हार्मोनल असंतुलन उत्पन्न हो सकता है, जिससे संकुचन जल्दी शुरू हो सकते हैं।
5. अन्य जोखिम कारक
अगर महिलाएं गर्भावस्था के समय धूम्रपान और शराब का सेवन करती है तो यह समय से पहले डिलीवरी का कारण बन सकता है क्योंकि यह महिलाओं के गर्भाशय के कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है जिससे लेबर पेन जल्दी शुरू हो सकता है। अधिक वजन या कम वजन प्रीमेच्योर डिलीवरी के कारण बन सकता है। प्रीमेच्योर डिलीवरी का कारण अनचाही प्रेगनेंसी भी हो सकता है।
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