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इन भारतीयों ने अपने Eco Friendly Invention से लाया पर्यावरण में बदलाव

प्रेरणादायक | ब्लॉग: आजकल कई तरह के नॉन बायोडिग्रेडेबल प्रोडक्ट के कारण हमारे वातावरण को हानि पहुंचती है जो घूम फिर कर हमें भी हानि पहुंचाने में सक्षम होती है इसलिए इन लोगों ने इसका हल भी अपने ज्ञान से ढूंढ निकालाI

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Sukanya Chanda
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Indians Who Brought Change In The Environment With Their Eco-Friendly Inventions (image credit- LBB)

Indians Who Brought Change In The Environment With Their Eco-Friendly Inventions: बदलते दिनों में हमारे आसपास के वातावरण में प्रदूषण फैलती जा रही है और इसका कारण केवल एक ही है ग्लोबल वार्मिंगI परिणामस्वरूप, हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है जैसे कि रेस्पिरेटरी समस्या या फिर शरीर में डिफिशिएंसी और सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि पशुओं को भी इसका भुगतान भरना पड़ता हैI

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हम भूलते जा रहे है कि हमारे निर्माण से वातावरण को किस हद तक हानि पहुंच रही हैI परंतु यह हमारा ही दायित्व है कि हम अपनी गलती सुधारे और ऐसे तरीकों का आविष्कार करें जिससे कि हमारा वातावरण प्रदूषण मुक्त हो पाए और पृथ्वी के सभी प्राणी खुलकर जी सकेI इसी सोच को मद्देनज़र रखते हुए भारत में से कुछ प्रतिभाशाली व्यक्तित्व ने एक इको फ्रेंडली वातावरण बनाने की पहल की और ऐसे आविष्कार लेकर आए जिससेहमारे आसपास एक स्वच्छ और निर्मल वातावरण बना रहेI 

कौन है यह भारतीय वैज्ञानिक जिन्होंने वातावरण को बदलने की पहल की?

1. डॉ. अशोक गाडगिल

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वह एक भारतीय विज्ञानी और आविष्कारक है जो किफायती, एनर्जी एफिशिएंट टेक्नोलॉजी के विकास के लिए जाने जाते हैं। डॉ. गाडगिल ने "यूवी वॉटरवर्क्स" नामक एक पर्यावरण के अनुकूल वॉटर प्यूरीफायर का आविष्कार किया। यह डिवाइस पानी को कीटाणु से मुक्त करने के लिए अल्ट्रावॉयलेट लाइट का उपयोग करता है, जिससे यह पीने के लिए सुरक्षित हो जाता है और विकासशील देशों में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। 

2. पूनम वीर कस्तूरी 

पूनम जी एक एनवायरमेंटलिस्ट है जिन्होंने 'डेली डंप' नामक संस्था की शुरुआत की जो शहरों में वेस्ट मैनेजमेंट और कंपोस्टिंग को बढ़ावा देती हैI इस साल वह सोनी टीवी के प्रचलित शो 'शार्क टैंक' के सीज़न 2 में अपने असाधारण अविष्कार के साथ मौजूद हुईI जिसका नाम है 'कंभाI' यह एक कंपोस्टिंग मटका है जो टेराकोटा से बना हैI शहर के घरों में रोजमर्रा के जीवन में उत्पाद किए हुए वेस्ट को यदि बाहर फेंकने के जगह इन मटकी में स्टोर किया जाए तो इससे निकाले गए खाद से लैंडफिल में जमा हो रही हानिकारक कचरा से छुटकारा मिल सकता है और उस खाद से मिट्टी की क्वालिटी भी काफी हद तक सुधरती हैI

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3. बिनीश देसाई

'वेस्ट-वारियर' के रूप में जाने जाने वाले, बिनीश देसाई ने रीसायकल किए गए पदार्थों से एक इको-फ्रेंडली उत्पादों से ऐसे कई आविष्कार किए हैं जिससे कि हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे। उन्होंने "पी-ब्लॉक" का आविष्कार किया, जो इंडस्ट्रियल वेस्ट अर्थात औद्योगिक कचरे और सीमेंट के कांबिनेशन से बना है और रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल किए जाने वाले ईंटों के बदले उपयोग किया जा सकता है। देसाई ने "पी-लॉग्स" कभी निर्माण किया है जो एग्रीकल्चरल वेस्ट से बने इको फ्रेंडली फायरलॉग्स है अर्थात लकड़ी से आग जलाने की जगह हम 'पी-लॉग्स' का इस्तेमाल कर सकते है। 

4. प्रोफेसर वीना सहजवाला

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वह एक भारत में जन्मी ऑस्ट्रेलियन वैज्ञानिक है जो रीसाइक्लिंग और टिकाऊ निर्माण में अपने रिसर्च के लिए जानी जाती है। प्रोफेसर सहजवाला ने "ग्रीन स्टील" नामक एक प्रक्रिया का आविष्कार किया, जो स्टील निर्माण प्रक्रिया में कोक के विकल्प के रूप में बेकार रबर टायरों का उपयोग करता है, जिससे कार्बन एमिशन और लैंडफिल वेस्ट को कम किया जाता है। यदि उनके आविष्कार का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा किया जाए तो हमारे पर्यावरण में बदलाव जरूर आएगाI 

5. अरुणाचलम मुरुगनाथम

वह इको फ्रेंडली एवं बॉडी फ्रेंडली सैनिटरी पैड बनाने वाली मशीन के आविष्कारक है। मुरुगनाथम के आविष्कार ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए किफायती सैनिटरी पैड प्रदान की है और यह भी निश्चित किया कि भारत के सभी क्षेत्रों तक इसकी पहुंच बड़ेI इसके इस्तेमाल से पारंपरिक पैड से जुड़े स्वास्थ्य में हानि और पर्यावरण प्रदूषण में घटाव आया है। अरुणाचलम जी ने न केवल पर्यावरण के भलाई के लिए सोचा बल्कि अपने आविष्कार के साथ लड़कियों के समस्या के लिए भी हल निकाला ताकि उन्हें आमतौर पर व्यवहार करने वाले सेनेटरी नैपकिन से होने वाले नुकसानों को झेलना ना पड़ेI 

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