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आखिर क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
यह एक ऐसा डाइट प्लान है जिसमें लंबे समय तक भूखे रहकर मील स्किप करना होता है। साथ ही किस समय खाना खाना है और किस समय नहीं, ये पहले से तय होता है। कुछ लोग 12 घंटे के अंदर ही अपने मील्स ले लेते हैं तो कुछ 14 से 18 घंटे तक कुछ नहीं खाते है। इस फास्टिंग में जब भी खाना खाया जाता है, तब कार्बोहाइड्रेट्स कम और प्रोटीन व फाइबर जायादा लेने पर फोकस किया जाता है जिससे कि शरीर का वजन भी कम होने में मदद मिलती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में कैसे मददगार है?
आपका शरीर डाइजेशन प्रोसेस में 70-80% जरूरी एनर्जी खर्च करता है, जिससे आपके शरीर को ठीक रखने के लिए सिर्फ 20% एनर्जी बची रहती है। इसलिए जब आप फास्ट करते हैं, तो आप अपने शरीर को मरम्मत के लिए एनर्जी देते हैं। यह सीरम इंसुलिन के लेवल को नीचे लाता है जिसका मतलब है- यह इंसुलिन को कम कर फैट को कम करने में मदद करता है। इसलिए एक तय वक्त के लिए खाना खाने से कैलोरी को लिमिट करने और भूख को कम करने में सहायता मिलती है।
क्या हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे?
-रिसर्च के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने में मदद करता है और उम्र बढ़ने के लक्षणों को भी कम करता है।
-यह दिल की हेल्थ में सुधार, मस्तिष्क के कार्यों में सुधार और किसी इंसान के जीवन को बढ़ाने में सहायक होता है।
-इसके साथ ही यह शरीर में इंफ्लेमेशन को कम करती है और इंसुलिन में सुधार करने में उपयोगी है।
-इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। यह डायबिटीज और कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाने में मददगार है।
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का सोच रहे हैं तो ऐसे में आपको फल, सब्जियां, बाजरा, जई, ब्राउन राइस, दाल, लीन चिकन, अंडे, नट्स, दूध और दूध से बनी चीज़ों को खाना चाहिए।
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