Is Loneliness The Reason To Be In A Relationship?: एक रिश्ते में सबसे महत्वपूर्ण होता है जब दोनों पार्टनर्स के बीच प्यार होता है, भावनाएं मौजूद होती है, जब उन दोनों के बीच एक किस्म का लगाव होता है और दोनों एक दूसरे को समझते हैं लेकिन आज के ज़माने में शायद ही यह शब्द केवल कविताओं के पन्नों के लिए बनकर रह गई है जो सुनने में तो गहरी और खूबसूरत लगती है लेकिन असल जिंदगी में शायद ही कोई इस पर गौर फरमाएI क्यों? क्योंकि आज के युग में प्यार से ज्यादा साथ महत्वपूर्ण बनकर हैI प्यार हो या ना हो लेकिन किसी के साथ की भूख हमारी पहली प्राथमिकता हैI सच में खुश हो या ना हो लेकिन सोशल मीडिया के पेज पर खुशी सब जाहिर करते हैं पर क्या है इसका मूल कारण?
क्या अकेलेपन से होती है किसी रिश्ते की शुरुआत?
यह सुनने में जितना अजीब लग रहा है असलियत में यह उतना ही सच हैI आज के ज़माने में जितना हम लोगों से घिरे हुए हैं उतना ही हम अंदर से अकेले हैं, जितना भी हमारे पास अपनों का साथ क्यों ना हो हमें उतना ही प्यार की तलाश हैI ऐसे में आप सोचेंगे कि किसी के साथ की चाह में गलत क्या है? बिल्कुल नहीं! किसी के साथ की चाहत भला गलत कैसे हो सकती है लेकिन जब वह चाहत हमारी ज़रूरत बन जाए तब हमें साथ चाहिए होता है भले ही उसमें प्यार हो या ना होI वह कहते हैं ना कि बरसों से किसी भूखे गरीब को जो भी दो- बासी, खराब वह बड़े चाव से खाएगा लेकिन जिसका पेट भरा हुआ हो वह केवल पौष्टिक और फायदेमंद खाना खाएगाI पता है हमारी चाहत को बढ़ावा कब मिलता है जब हम अपने दोस्तों को अपने पार्टनर्स के साथ खुश देखते हैं, जब हम उन किताबों और फिल्मों के किरदारों को प्यार में पागल दिखते हैंI तब हमारे पेट में जैसे गुदगुदी सी होती है और लगता है काश ऐसा प्यार मेरी जिंदगी में भी होता, कोई मुझे भी ऐसे समझताI इसलिए जब कोई हमारे प्रति इतनी सी भी दिलचस्पी दिखाए हमारा उनके प्रति झुकाव बढ़ जाता है लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि यह बस एक आकर्षण है जो प्यार में बदलने से पहले ही रिश्ते में बदल जाती हैI
क्या सोशल मीडिया है अकेलेपन की वजह?
सोशल मीडिया अकेलेपन की एकमात्र कारण तो नहीं लेकिन कई कारणों में से एक अवश्य हैI ऐसा इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ पाए और ज्ञान अर्जित कर पाए वह बस एक माध्यम बनकर रह गया है अपनी 'हैपनिंग लाइफ' को व्यक्त करने काI जितना हम सोशल मीडिया से जुड़ रहे हैं असल जीवन में इमोशन एवं इंटिमेसी से उतना ही दूर हो रहे हैंI आज के युग में किसी पार्टनर का होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि समझा जाता है और इस बात को जाहिर करने के लिए हम सोशल मीडिया का सहारा लेते है जहां पर हम अपने पार्टनर के साथ खूबसूरत तस्वीरें और रील्स पोस्ट करते हैं लेकिन असल में हम उनसे कितना ही जुड़ पाए हैं? और जब आप इन्हीं तस्वीरों को देखते हैं तो याद ज़रूर रखिए कि यह बस एक दिखावटी ज़रिया हैI यह तो आपको भी नहीं पता कि जिन्हें आप देख कर खुद को अकेला महसूस कर रहे है वह एक खुशहाल जीवन जी रहे हैं भी या नहीं और यदि जी भी रहे हैं तो हर चीज का एक वक्त होता है तो इसलिए इन मामलों में जल्दबाजी बिल्कुल ना करेंI
एक रिश्ते को पनपने में काफी वक्त लगता हैI पहले हमें उस इंसान को जानना चाहिए, उन्हें समझना चाहिए, यह देखना चाहिए कि हम एक दूसरे की कितनी कदर करते हैं और एक दूसरे के साथ खुश है कि नहीं? यदि आपको लगता है कि आप और वह इंसान मन से तैयार है अपने रिश्ते को आगे ले जाने के लिए तभी रिलेशनशिप में आएं इसलिए नहीं कि आप खुद को अकेला महसूस करते हैंI अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए खुद को समय दे और खुद को समझेI यदि आप खुद को ही ना समझ पाए तो आप यह आशा कैसे कर सकती है कि कोई और आपको समझे? यह याद रखिएगा कि अकेलेपन से जन्मा प्यार, प्यार नहीं बल्कि 'लस्ट' हैI