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हम अक्सर ऐसी बातें पीरियड के बारे में सुनते है जिनमें कोई सच्चाई नहीं होती और ऐसी अफवाहों पर यकिन भी आसानी से कर लेते हैं जो की हमारी सेक्सुअल और मेन्टल हेल्थ को बहुत नुकसान पहुँचाता है। तो चलिए आज ऐसे ही कुछ पीरियड से जुड़े मिथ और सच के बारे में जानते है डॉक्टर तान्या नरेंद्र से, मिथ जिनमें कोई सच्चाई नहीं है और हम कैसे उन्हे सुधार सकते है। पीरियड से जुड़े मिथ और सच
सच: डॉक्टर तान्या कहती हैं, पीरियड ब्लड बिल्कुल भी गंदे नहीं होते, यह वही ब्लड हैं जो आपकी बॉडी की रगों(veins) में होता है। ऐसा लोग इसलिए सोचते हैं क्योंकि यह ब्लड ऐसी जगह से निकल रहा होता है (वजाइना), जिसे समाज ने हमारे दिमाग में डाल दिया है की यह जगह गंदी या (unclean) है।
सच: डॉक्टर तान्या के अनुसार, आपने कई बार लोगों को कहते हुए सुना होगा की पीरियड पेन(pain) में दवाई लेने से आगे जाकर यह और बढ़ जाएगा। यह बिल्कुल भी सच नहीं है। जब पीरियड का दर्द बढ़ जाए तो दवाई लेने में कोई नुकसान नहीं है और इससे आगे जाकर कोई तकलीफ नहीं होगी।
सच: इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। देखा जाए तो इसके उल्टा पीरियड में एक्सरसाइज करना हमारे लिये अच्छा होता है, क्योंकि एक्सरसाइज से बॉडी में खुशी वाले (Endorphine hormone) रिलीज होते हैं। इससे पीरियड वाले बुरे या (annoying) मूड को ठीक करने में मदद मिलती है।
सच: डॉक्टर तान्या कहती हैं, यह बातें पूरी तरह गलत हैं। पीरियड ब्लड भी वही ब्लड होते हैं जो हमारी बॉडी की नसों में दौर रहे होते हैं। इसलिए इस वक़्त हमें महिलाओं की ज्यादा (care) करनी चाहिये ना की उन्हें अकेले रहने, अलग खाने या किचन/पूजा घर में जाने से मना करें। यह याद रखें की पीरियड बिल्कुल भी (impure) या गंदा नहीं है बल्कि पूरी तरह नेचुरल(natural) है।
सच: डॉक्टर तान्या कहती हैं, कई बार आपने लोगों को कहते हुए सुना होगा की पीरियड के वक़्त मसालेदार खाना या खट्टा जैसे की अचार नहीं खाना चाहिये, यह जान लें की इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है। आपका जो मन करे आप खा सकती हैं और इससे आपकी बॉडी पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होंगे इसलिए ऐसी बातों को दिमाग से निकाल दें।
आखिर में डॉक्टर तान्या कहती हैं, जैसे की लोग कहते हैं की पीरियड्स "वीमेन इश्यू(women issue)" है। नहीं! पीरियड (human rights issue) है, क्योंकि सिर्फ महिलाओं को ही पीरियड नहीं होता बल्कि बड़ी संख्या (Trans men) भी हैं जिन्हें पीरियड होता है। इसलिए इस (issue) को इग्नोर ना करके इसके बारे में खुलकर बात करें और लोगों के पीरियड से जुड़े मिथ को बदलें।
पढिए: क्या आपके पीरियड्स मिस हुए हैं? जानिए इसके 6 कारण
मिथ: पीरियड ब्लड गंदे और (unclean) होते हैं!
सच: डॉक्टर तान्या कहती हैं, पीरियड ब्लड बिल्कुल भी गंदे नहीं होते, यह वही ब्लड हैं जो आपकी बॉडी की रगों(veins) में होता है। ऐसा लोग इसलिए सोचते हैं क्योंकि यह ब्लड ऐसी जगह से निकल रहा होता है (वजाइना), जिसे समाज ने हमारे दिमाग में डाल दिया है की यह जगह गंदी या (unclean) है।
मिथ: पीरियड पेन(pain) में दवाई नहीं लेना चाहिये!
सच: डॉक्टर तान्या के अनुसार, आपने कई बार लोगों को कहते हुए सुना होगा की पीरियड पेन(pain) में दवाई लेने से आगे जाकर यह और बढ़ जाएगा। यह बिल्कुल भी सच नहीं है। जब पीरियड का दर्द बढ़ जाए तो दवाई लेने में कोई नुकसान नहीं है और इससे आगे जाकर कोई तकलीफ नहीं होगी।
मिथ: पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज(exercise)नहीं करना चाहिये!
सच: इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। देखा जाए तो इसके उल्टा पीरियड में एक्सरसाइज करना हमारे लिये अच्छा होता है, क्योंकि एक्सरसाइज से बॉडी में खुशी वाले (Endorphine hormone) रिलीज होते हैं। इससे पीरियड वाले बुरे या (annoying) मूड को ठीक करने में मदद मिलती है।
मिथ: पीरियड्स के वक़्त महिलाएँ अशुद्ध (impure) होती हैं!
सच: डॉक्टर तान्या कहती हैं, यह बातें पूरी तरह गलत हैं। पीरियड ब्लड भी वही ब्लड होते हैं जो हमारी बॉडी की नसों में दौर रहे होते हैं। इसलिए इस वक़्त हमें महिलाओं की ज्यादा (care) करनी चाहिये ना की उन्हें अकेले रहने, अलग खाने या किचन/पूजा घर में जाने से मना करें। यह याद रखें की पीरियड बिल्कुल भी (impure) या गंदा नहीं है बल्कि पूरी तरह नेचुरल(natural) है।
मिथ: पीरियड्स में खट्टा या मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिये!
सच: डॉक्टर तान्या कहती हैं, कई बार आपने लोगों को कहते हुए सुना होगा की पीरियड के वक़्त मसालेदार खाना या खट्टा जैसे की अचार नहीं खाना चाहिये, यह जान लें की इन बातों में कोई सच्चाई नहीं है। आपका जो मन करे आप खा सकती हैं और इससे आपकी बॉडी पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होंगे इसलिए ऐसी बातों को दिमाग से निकाल दें।
Menstruation is a Human rights issue.
आखिर में डॉक्टर तान्या कहती हैं, जैसे की लोग कहते हैं की पीरियड्स "वीमेन इश्यू(women issue)" है। नहीं! पीरियड (human rights issue) है, क्योंकि सिर्फ महिलाओं को ही पीरियड नहीं होता बल्कि बड़ी संख्या (Trans men) भी हैं जिन्हें पीरियड होता है। इसलिए इस (issue) को इग्नोर ना करके इसके बारे में खुलकर बात करें और लोगों के पीरियड से जुड़े मिथ को बदलें।
पढिए: क्या आपके पीरियड्स मिस हुए हैं? जानिए इसके 6 कारण