जानिए सोशल मीडिया का महिलाओं की Self Esteem पर असर

सोशल मीडिया महिलाओं की सोच, आत्मसम्मान और मानसिक शांति को कैसे प्रभावित कर रहा है? जानिए ऑनलाइन दुनिया का वो अनदेखा असर जिसे हम रोज़ महसूस तो करते हैं, पर समझ नहीं पाते।

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Deepika Aartthiya
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Photograph: (Freepik)

आज के समय में सोशल मीडिया हर किसी की ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। वक़्त के साथ सोशल मीडिया का यूज़ पहले से और भी ज़्यादा बढ़ गया है। इस समय दुनिया में कहां क्या चल रहा है हर तरह की इन्फ़ॉर्मेशन आपके fingertips पर उपलब्ध है। सोशल मीडिया हमें, ख़ासकर महिलाओं को अपनी बात कहने और पहचान बनाने का प्लेटफ़ॉर्म देता है। ऐसे में किसी के लिए भी इससे दूर रह पाना इम्पोसिबल है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि इसका लगातार इस्तेमाल धीरे-धीरे आपकी मानसिक शांति, सोच और आत्मसम्मान तीनों को प्रभावित कर रहा है? कैसे? आइए जानते हैं

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जानिए सोशल मीडिया का महिलाओं की Self-Esteem पर असर

1. हाई लाइफस्टाइल का दिखावा

हम सब जानते है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाली हर इन्फ़ोरमेशन सच हो ये ज़रुरी नहीं। यहां हर कोई अपनी ज़िंदगी का सिर्फ़ “बेस्ट पार्ट” दिखाता है। लोग कहां घूम रहे हैं, कौन कितनी लग्ज़री लाइफ़ जी रहा है, या सेलेब्रिटीज़ अपनी पर्सनल लाइफ़ में क्या कर रहे हैं जैसी इन्फ़ॉर्मेशन आपको प्रभावित कर सकती है।

2. दूसरों से तुलना

सोशल मीडिया पर दिखने वाला कंटेंट जैसे परफेक्ट लाइफ़स्टाइल, फ़िल्टर यूज़ किए हुए चेहरे से लेकर ग्लैमरस फोटोज़ तक सब कुछ केवल दिखावा है। ये सब देखकर महिलाएँ अक्सर खुद की तुलना दूसरों से करने लगती हैं। और जब उन्हें अपनी असल ज़िंदगी वैसी नहीं दिखती है, तो उनके Self Esteem पर नकारात्मक असर पड़ता है।

3. सुंदरता के अनरियलिस्टिक स्टेंडर्ड्स

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स ने स्लिम बॉडी, ग्लोइंग स्किन और ब्रांडेड कपड़े को मानो “आदर्श महिला” की पहचान बना दिया हैं। इंस्टाग्राम जैसे अन्य कई एप्स पर “ब्यूटी स्टैंडर्ड्स” को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। इस प्रेशर में महिलाएँ अपने आपको कमतर आँकने लगती हैं, जिससे बॉडी शेमिंग और लो-कॉन्फिडेंस की समस्या बढ़ती है।

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4. वेलिडेशन की तलाश 

कई महिलाएँ सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर “लाइक्स” और “कॉमेंट्स” का इंतज़ार करती है और उसी के ज़रिए अपनी वैल्यू को देखने लगती हैं। जब एक्सपेक्टेड लाइक्स नहीं मिलते, तो उनमें ‘मैं शायद इतनी अच्छी नहीं हूँ’ वाला विचार पनपने लगता है, जो आत्मसम्मान को सीधा चोट पहुँचाता है। धीरे-धीरे यह मानसिक निर्भरता का रूप ले लेता है।

5. सोशल का मीडिया पॉज़िटिव साइड

सोशल मीडिया से अक्सर लोग ये वहम पाल लेते है कि ये केवल नेगेटिव इम्पेक्ट डालता है। मगर ऐसा नहीं है। जहां पहले सोशल मीडिया का यूज़ सिर्फ़ एंटरटेनमेंट के तौर पर किया जाता था। वहीं आज ये महिलाओं के लिए सीखने, नेटवर्किंग और करियर ग्रोथ का भी बड़ा माध्यम बन चुका है। अगर इन प्लेटफ़ॉर्म्स का सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो ये महिलाओं को अपने टैलेंट दिखाने, करियर बनाने और समान विचारधारा वाले लोगों से जुड़ने का मौका देता है। कई महिलाएँ इसी प्लेटफ़ॉर्म से प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर बनी हैं।

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