Healthy Lifestyle: क्या हमें हर दिन की शुरुआत ग्रैटिट्‌यूड्‌ के साथ करनी चाहिए?

दिन की शुरुआत अगर ग्रैटिट्यूड के साथ की जाए, तो हमारा मन शांत, और दिन बेहतर बन सकता है। जानिए क्यों रोज़ ग्रैटिट्यूड महसूस करना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

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Sakshi Rai
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Photograph: (domesticgeekgirl)

Should We Start Each Day with Gratitude: हम हर सुबह उठते हैं और सीधे अपने काम प्लान या किसी टेंशन में लग जाते हैं। फोन चेक करना ऑफिस की चिंता बच्चों की तैयारी या किसी अधूरी चीज़ की लिस्ट यही सब दिमाग में चल रहा होता है। लेकिन क्या कभी आपने ठहरकर सुबह की शुरुआत एक साधारण लेकिन असरदार सोच के साथ की है मैं आज के लिए शुक्रगुजार हूं?

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ग्रैटिट्यूड यानी कृतज्ञता कोई बड़ी चीज़ नहीं है, ये बस वो एहसास है जब हम उन चीज़ों के लिए धन्यवाद महसूस करते हैं जो हमारे पास हैं। हर इंसान के जीवन में कुछ न कुछ अच्छा ज़रूर होता है चाहे वो एक प्यारा रिश्ता हो अच्छा खाना काम या बस एक सुकूनभरी नींद। लेकिन हम अकसर इन चीज़ों को नजरअंदाज़ कर देते हैं और सिर्फ उसी पर ध्यान देते हैं जो नहीं है।

क्या हमें हर दिन की शुरुआत ग्रैटिट्‌यूड्‌ के साथ करनी चाहिए?

हम में से ज़्यादातर लोग दिन की शुरुआत करते ही जल्दी में होते हैं अलार्म बंद करना, फोन चेक करना, नाश्ता बनाना, ऑफिस की तैयारी, बच्चों की देखभाल या घर के बाकी काम। इसी भागदौड़ में हम भूल जाते हैं कि दिन की शुरुआत कैसी होनी चाहिए। और इसी भूल का असर हमारे पूरे दिन पर पड़ता है। मन में तनाव, चिड़चिड़ापन और एक तरह की अधूरी-सी भावना बनी रहती है।

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हर परिवार में हर इंसान के पास कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो शायद बिल्कुल परफेक्ट नहीं है किसी के पास पैसों की टेंशन है, किसी के रिश्तों में परेशानी है, कोई सेहत से जूझ रहा है। और जब हम रोज़ यही सोचकर दिन की शुरुआत करते हैं कि आज फिर वही सब करना है, तो हमारा मन खुद-ब-खुद थक जाता है। वहीं अगर हम बस 2 मिनट बैठकर ये सोच लें कि मेरे पास जो है उसके लिए मैं आभारी हूं तो फर्क अपने आप महसूस होगा।

ग्रैटिट्यूड यानी कृतज्ञता कोई बड़ा काम नहीं है। ये एक छोटी-सी सोच है जो हमारे मन को शांत और पॉजिटिव बना देती है। अगर आपके पास आज छत है खाना है परिवार है काम है तो ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। पर जब तक हम इसे महसूस नहीं करते तब तक हमें लगता है कि मेरे पास कुछ भी नहीं है।

हर परिवार में एक वक्त आता है जब सब कुछ ठीक नहीं चल रहा होता। और ऐसे वक्त में ही ये एहसास सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है कि कुछ बातें अब भी हमारे साथ हैं और वो ही हमारे जीने का कारण हैं। जब हम दिन की शुरुआत पॉजिटिव सोच और ग्रैटिट्यूड के साथ करते हैं तो हमें छोटी चीज़ों में भी खुशी मिलने लगती है। मूड अच्छा रहता है काम में मन लगता है और रिश्तों में भी मिठास आती है।

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इसलिए यह कोई नियम नहीं है कि दिन की शुरुआत ग्रैटिट्यूड से करनी ही चाहिए लेकिन अगर आप इसे अपनाते हैं तो ज़िंदगी की नज़रिया ज़रूर बदलता है।

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