Advertisment

Periods: जानिए क्यों आज भी हम पीरियड्स को गलत नज़रों से देखते हैं

इश्यूज: पीरियड्स औरतों की मासिक, शारीरिक प्रक्रिया है परंतु दुख की बात यह है कि हमारे समाज में समाज ने इतनी सी स्वाभाविक सी बात को धर्म-अधर्म की तालिका में जोड़ दिया है जो कि अस्वाभाविक है आइये जानते हैंI अधिक इस ब्लॉग में-

author-image
Sukanya Chanda
New Update
Periods (Zardozi Magazine).png

Know Why Do We Still Misunderstand Periods (image credit: Zardozi Magazine)

Know Why Do We Still Misunderstand Periods: यह अफ़सोस की बात है कि 21वीं सदी में भी लोगों की पीरियड्स को लेकर इतनी गलत विचारधारा है जो कि कई पीढ़ियों से चली आ रही हैI हमें जहां अपने बच्चों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए, पीरियड्स जैसे विषय के बारे में बिना किसी संकोच के बात करना सिखाना चाहिए वहीं हम इसे एक एक टैबू के रूप में देखते है जिसके बारे में बात करना ही शर्मनाक हैI ऐसे में जब एक लड़की का पीरियड्स शुरू होता है उसे वह उचित शिक्षा प्राप्त नहीं होती जो उसे मिलनी चाहिए बल्कि उसे दुनिया भर की पीरियड्स से संबंधित पाबंदी या अंधविश्वास का ज्ञान दिया जाता हैI 

Advertisment

पीरियड्स को लेकर हमारे समाज में कौन-कौन सी गलतफहमी हैं

1. औरतों को अपवित्र मानना

यह बात तो हम सब जानते हैं कि मंथली मेंस्ट्रुएशन के वक्त औरतें कमज़ोर पड़ जाती है परंतु इसका यह अर्थ नहीं कि उन्हें अपवित्र माना जाएI पवित्रता-अपवित्रता मन का वहम है इसका किसी के स्वास्थ्य से कोई लेना-देना नहीं हैI हमें नारी का सम्मान करना चाहिए ना कि उनके शारीरिक स्थिति का अपमान करना चाहिएI

Advertisment

2. पूजा करने और मंदिर से दूरी रखना

यह बात तो सच है कि ईश्वर के घर में कौन नारी, कौन पुरुष? कौन स्वस्थ या कौन अस्वस्थ? इससे ईश्वर को कोई फर्क पड़े या ना पड़े लेकिन हम लोगों को ज़रूर पड़ता है जैसे कि आज के युग में भी जब किसी महिला को पीरियड्स होता है तो उसे भगवान के मूर्ति को छूने की, पूजा करने की और यहां तक की मंदिर में पैर रखने की भी इजाज़त नहीं हैI हम भी कमाल के हैं खुद नियम बनाकर ईश्वर के नाम पर थोप देते हैंI जबकि प्राचीन काल में पीरियड्स से हुई कमज़ोरी के कारण औरतों को मंदिर में पूजा एवं बाकी काम करने से मना किया जाता था ताकि वह आराम कर सकें लेकिन शर्म की बात यह है कि उसका हमने यह मतलब निकाला I

3. छुआ-छूत की समस्या

Advertisment

जैसा कि पहले बताया गया था कि पीरियड्स में किसी औरत को बिना बात के अपवित्र माना जाता है और यदि तब अगर उसने गलती से भी किसी चीज़ को छू लिया तो उस चीज़ को धोना आवश्यक हैI स्पष्ट शब्दों में कहें तो जो कभी गंदा ही नहीं हुआ था उसे साफ़ किया जाता हैI यहां तक कि कभी-कभी तो औरत को इन सब के चलते आइसोलेटेड भी कर दिया जाता हैI

4. इस मुद्दे को लेकर चुप्पी बनाए रखना 

हमारे समाज में पीरियड्स को एक पाबंदी के रूप में देखा जाता है जोकि हमारे लिए काफ़ी शर्मनाक बात हैI इसी कारण महिलाएं आज तक पीरियड्स के बारे में कभी भी खुलकर चर्चा नहीं कर पाई जिस कारण लड़कियां पीरियड्स संबंधित कई महत्वपूर्ण बातों से अनजान रह जाती हैंI सच तो यह है कि जहां आज के युग में हम जागरूकता की बात करते हैं वहीं हम किसी शारीरिक अवस्था के बारे में ओपन-माइंडेड होकर बात करने से घबराते हैंI पीरियड एक ऐसा विषय है जिसकी जानकारी केवल महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी होनी चाहिएI

Advertisment

5. बालों को धोने से मना करना

एक और अविश्वसनीय पाबंदी यह है कि पीरियड्स के वक्त औरतों का अपना बाल धोना मना है जोकि बिल्कुल बेबुनियाद हैI इसका यह व्याख्यान हो सकता है कि पुराने दिनों में वाशरूम्स की कमी के कारण औरतों को नहाने में दिक्कत होती थी ऐसे में मेंस्ट्रुएशन के दौरान उन्हें यह सलाह दी जाती थी कि वह अपने बाल ना धोएं ताकि उन्हें ज़्यादा वक्त ना लगे, अफ़सोस की बात यह है कि उसका आज यह मतलब निकाला जा रहा हैI

Periods पीरियड्स महिला जागरूकता
Advertisment