Makar Sankranti 2023 : मकर संक्रांति का नाम सुनते ही मन में एक अलग सी ख़ुशी छा जाती है। जनवरी माह के बीच में होने वाला यह पर्व भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है। यह हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन सूर्य देव की पूजा होती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन से सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाता है। सूर्य उत्तरायण हो जाता है। बता दें, उत्तरायण के दौरान रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं।
Makar Sankranti 2023: धूमधाम से मनाया जाता है पर्व
मकर संक्रांति के पर्व को दान-दक्षिणा से भी जोड़ा जाता है। इस दिन दान-दक्षिणा देने से सुख और शांति मिलती है। भारतवर्ष में कई जगह मकर-संक्रांति पर्व को मनाने के लिए जगह-जगह 2-3 दिन के लिए मेले लगाए जाते हैं। खिचड़ी बांटी जाती है। घरों में तिल और गुड़ के पकवान बनते हैं। लोग पतंग उड़ाकर ख़ुशी मनाते हैं। इस दिन बड़े बच्चों को आशीर्वाद देकर उनकी मंगल कामना करते हैं। ऐसे ही बच्चे मेलों में भाग लेकर बहुत आनंदित होते हैं।
Makar Sankranti 2023: क्या है पर्व की मान्यता
शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति पर्व के दिन प्राण त्यागने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाभारत कथा के अनुसार गंगापुत्र भीष्म पितामह ने इसी दिन अपने प्राणों को त्यागा था। गंगापुत्र भीष्म पितामह 6 माह से बाणों की शैया में लेटे रहे और सूर्य के उत्तरायण होने पर प्राण त्याग कर गए।
ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है, पापों का नाश होता है। इस दिन से काम शुरू करने पर, काम सफल होता है। लोग इस दिन को शुभ कर्म के लिए चुनते हैं।
एक मान्यता ऐसी भी है कि इस दिन सूर्य भगवान अपने पुत्र शनि देव के घर गए थे। साथ ही इस दिन को देवताओं का दिन भी कहा जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि मकर संक्रांति के पर्व आने से बुराइयों का नाश होता है। सुख समृद्धि का प्रतीक ये त्यौहार भारतवर्ष में खिचड़ी, उत्तरायणी, पोंगल, माघी, उत्तरायण आदि नामों से जाना जाता है।