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हमारे भारत में शादी को सबसे पवित्र बंधन माना जाता हैं। ऐसा कहते है कि पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मो का होता है। मैरिड लाइफ में एक दूसरे की रेस्पेक्ट करना,एक दूसरे को समझना सबसे इम्पोर्टेन्ट होता है। शादी के बाद कई महिलायें अपने मैरिड लाइफ में आयी प्रॉब्लम्स को इग्नोर करती रहती है, हालांकि छोटी - मोटी नोक झोक तो हर किसी में होती है लेकिन अगर प्रॉब्लम्स बड़ी हो तो आपको उसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। मैरिड लाइफ प्रोब्लेम्स
जैसा की हमने शुरुवात में ही बताया मैरिड लाइफ में एक दूसरे की रेस्पेक्ट करना सबसे ज्यादा ज़रूरी है। अगर आपका हस्बैंड और उसकी फॅमिली आपकी रेस्पेक्ट नहीं करते ,आपको फिजिकली और मेंटली टॉर्चर करते है ,ये सभी चीज़े घरेलु हिंसा कहलाती है। भारत में घरेलु हिंसा एक बहुत बड़ा अपराध है जिसके खिलाफ़ आप आवाज़ उठा सकती है। आपको कभी भी अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी में घरेलु हिंसा नहीं सहनी चाहिए।
अक्सर शादी के बाद महिलाओं को ज़बरदस्ती सेक्स करना पड़ता है। आपका मन न होने के बावजूद आपका पति आपके साथ फिजिकल रिलेशन बनाता है ,जिसे हम मेरिटल रेप भी कहते है। हालांकि भारत में मेरिटल रेप के खिलाफ़ आजतक कोई कानून नहीं बना।
अगर आपका पति आपसे प्यार करता है तो आपके 'consent' की भी रेस्पेक्ट करेगा ,लेकिन अगर वो ऐसा नहीं करता तो फिर आपको इस बारे में गंभीरता से सोचने की ज़रूरत है।
किसी भी बात पर आपका पॉइंट ऑफ़ व्यू सुनना और उसे कंसीडर करना आपके पार्टनर की ड्यूटी है। अगर वो आपसे बातें नहीं करता, आपकी बातें नहीं सुनता तो इस बात को गंभीरता से लें। किसी भी हेल्दी रिलेशनशिप में कम्यूनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए।
अगर आपका हस्बैंड आपको कंट्रोल करने की कोशिश करता है, अपने हिसाब से चलाने कि कोशिश करता है तो भी सावधान हो जाएं। शुरुआत में महिलाओं को यह अच्छा लगता है जब उनका हस्बैंड उन पर हक जताते हुए कहता है कि ये नहीं, ये करो। लेकिन अगर आपका पति हर बात पर आपको रोक टोक करे तो ये गलत है क्योंकि आपकी खुद की मर्ज़ी भी मैटर करती है।
अगर आपके पति को आपके लक्ष्य व सपनों की परवाह नहीं है तब आपको असहाय और अकेलापन महसूस होने लगता है। इसलिए अगर आपका पार्टनर आपके सपनों और करियर का मज़ाक उड़ाता है और आपको सपोर्ट नहीं करता तो ये एक नेगेटिव पॉइंट है। शादी जैसे रिश्ते में आपके पार्टनर का सपोर्टिव होना बहुत ज़रूरी होता है।
अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी में इन 5 चीज़ो को बिल्कुल न करे बर्दाश :
घरेलु हिंसा न सहे
जैसा की हमने शुरुवात में ही बताया मैरिड लाइफ में एक दूसरे की रेस्पेक्ट करना सबसे ज्यादा ज़रूरी है। अगर आपका हस्बैंड और उसकी फॅमिली आपकी रेस्पेक्ट नहीं करते ,आपको फिजिकली और मेंटली टॉर्चर करते है ,ये सभी चीज़े घरेलु हिंसा कहलाती है। भारत में घरेलु हिंसा एक बहुत बड़ा अपराध है जिसके खिलाफ़ आप आवाज़ उठा सकती है। आपको कभी भी अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी में घरेलु हिंसा नहीं सहनी चाहिए।
'ज़बरदस्ती' का शिकार न हो
अक्सर शादी के बाद महिलाओं को ज़बरदस्ती सेक्स करना पड़ता है। आपका मन न होने के बावजूद आपका पति आपके साथ फिजिकल रिलेशन बनाता है ,जिसे हम मेरिटल रेप भी कहते है। हालांकि भारत में मेरिटल रेप के खिलाफ़ आजतक कोई कानून नहीं बना।
अगर आपका पति आपसे प्यार करता है तो आपके 'consent' की भी रेस्पेक्ट करेगा ,लेकिन अगर वो ऐसा नहीं करता तो फिर आपको इस बारे में गंभीरता से सोचने की ज़रूरत है।
कम्यूनिकेशन गैप न होने दे
किसी भी बात पर आपका पॉइंट ऑफ़ व्यू सुनना और उसे कंसीडर करना आपके पार्टनर की ड्यूटी है। अगर वो आपसे बातें नहीं करता, आपकी बातें नहीं सुनता तो इस बात को गंभीरता से लें। किसी भी हेल्दी रिलेशनशिप में कम्यूनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए।
ज़रूरी नहीं कि पति की हर बात माने
अगर आपका हस्बैंड आपको कंट्रोल करने की कोशिश करता है, अपने हिसाब से चलाने कि कोशिश करता है तो भी सावधान हो जाएं। शुरुआत में महिलाओं को यह अच्छा लगता है जब उनका हस्बैंड उन पर हक जताते हुए कहता है कि ये नहीं, ये करो। लेकिन अगर आपका पति हर बात पर आपको रोक टोक करे तो ये गलत है क्योंकि आपकी खुद की मर्ज़ी भी मैटर करती है।
अगर वो आपके सपनों की कदर न करे
अगर आपके पति को आपके लक्ष्य व सपनों की परवाह नहीं है तब आपको असहाय और अकेलापन महसूस होने लगता है। इसलिए अगर आपका पार्टनर आपके सपनों और करियर का मज़ाक उड़ाता है और आपको सपोर्ट नहीं करता तो ये एक नेगेटिव पॉइंट है। शादी जैसे रिश्ते में आपके पार्टनर का सपोर्टिव होना बहुत ज़रूरी होता है।