Paralympic History And Situation Of Players In India: पैरालंपिक खेल की शुरुआत 1960 में इटली के रोम में हुई। यह समर ओलंपिक के तुरंत बाद पहली बार आरंभ किया गया। भारत ने पैरालंपिक में 1992 से भाग लेना शुरू किया। जो कि उस साल बार्सिलोना में हुआ था। लेकिन कई प्रयासों के बाद भी भारत को उसका मेडल नहीं मिल पाया। आखिर 2008 में भारत के जांबाज खिलाड़ियों ने पहली बार मेडल जीता और भारत का नाम रोशन किया। धीरे-धीरे भारत में पैरालंपिक खेल में अपनी पकड़ बनाई। 2020 का पैरालंपिक जो कि टोक्यो में कराया गया था कोरोना होने के कारण या 2021 में रीशेड्यूल कराया गया। यह भारत का पैरालंपिक खेल में सुनहरा साल था। 2021 में भारत का सफर पैरालंपिक खेल में काफी खूबसूरत रहा। खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल के साथ कुल 19 मेडल प्राप्त किए। आइए जानते हैं कि भारत में पैरालम्पिक खिलाड़ियों कि स्थिति कैसी है?
पैरालम्पिक खेल की कब हुई शुरुआत? भारत में खिलाड़ियों की स्थिति
1. पॉपुलैरिटी में वृद्धि
पैरालंपिक में खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के बाद से लोगों की जागरूकता और खिलाड़ियों को लेकर के सपोर्ट काफी अधिक बढ़ गया है पर कहीं ना कहीं यह सपोर्ट और पापुलैरिटी ओलंपिक खेलों से कम है। जिसको और अधिक जागरूकता की जरूरत है।
2. ट्रेनिंग सेंटर और कोच
भारत में पैरालंपिक खेलों की ट्रेनिंग कोच और ट्रेनिंग सेंटर में काफी वृद्धि हुई है। खासकर 2016 और 2021 के पैरालंपिक खेलों के बाद पर अभी भी बहुत अधिक विकास की जरूरत है क्योंकि इन सारे सेंटर को और अधिक इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता है।
3. सरकारी योजनाएं
पैरालंपिक खेलों की वृद्धि और विकास के लिए कई सारे योजनाएं चलाई जाती हैं। साथ ही इनको अधिक से अधिक इन्वेस्टमेंट देने की कोशिश की जाती है पर अभी इसकी जरूरत और अधिक है। सराहनाओं के मामले में सरकार अब पैरालंपिक खेलों को भी उतना ही वजूद देती है।
4. खिलाड़ियों का प्रदर्शन
2016 की बात से पैरालंपिक खिलाड़ियों की उन्नति काफी अच्छी हुई है। 2024 के लिए पैरालंपिक खेल में खिलाड़ियों ने लगभग 21 मेडल जीते हैं जो कि सराहनीय है। हमारे खिलाड़ियों को ज्यादा सपोर्ट और पापुलैरिटी की आवश्यकता है जिससे उनका आत्मबल बढ़ सके।
5. स्पॉन्सरशिप और फंडिंग
भारत के खेलों में सबसे ज्यादा स्पॉन्सरशिप और फंडिंग क्रिकेट में की जाती है क्योंकि यह भारतीयों का सबसे फेवरेट गेम है। ओलिंपिक खिलाड़ियों में भी काफी मात्रा में स्पॉन्सरशिप और फंडिंग की जाती है। उसी जगह पैरालंपिक खेलों में स्पॉन्सरशिप और फंडिंग की मात्रा बढ़ी तो है पर अभी और उन्नति की आवश्यकता है।