Pradosh Vrat: हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 दिसंबर, दिन बुधवार को देर रात में 12 बजकर 45 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन उसी रात 10 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगा। उदयातिथि और प्रदोष काल की पूजा का मुहूर्त देखते हुए प्रदोष व्रत 21 दिसंबर को रखा जाएगा।
Pradosh Vrat 2022: प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूत
पंचांग के अनुसार भगवान शिव की कृपा बरसाने वाली साल की आखिरी प्रदोष तिथि 27 दिसंबर 2022 को पूर्वाह्न 00:45 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि 10:16 बजे तक रहेगी। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती जी की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाने वाला प्रदोष काल शाम 05:29 से 08:13 बजे तक रहेगा।
Pradosh Vrat 2022: प्रदोष व्रत की पूजा की पुजा विधि
- सनातन धर्म के अनुसार किसी भी व्रत या पूजा को करने के लिए कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करके ही व्यक्ति की पूजा या व्रत सफल होते है।
- प्रदोष व्रत की पूजा का पूरा फल पाने के लिए इस दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद विधि-विधान से शिव की पूजा करें। दिन में शिव का ध्यान या मंत्र का अपने मन में जप करते हुए अपने बाकी के कार्य करें।
- इसके बाद शाम के समय एक बार यदि संभव हो तो स्नान करें या फिर स्वच्छ कपड़े पहनकर प्रदोष काल में महादेव और माता पार्वती की पूरी विधि-विधान से पूजा करें।
- प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ फल पाने के लिए महादेव की प्रिय चीजें जैसे बेलपत्र, शमीपत्र, धतूरा, रूद्राक्ष, आदि ज़रूर चढ़ाएं।
- इसके बाद प्रदोष व्रत की कथा कहें और उसके बाद रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्र का जाप करें। पूजा के अंत में भगवान आरती जरूर करें।