Reason Of Heavy Flow During Periods: पीरियड्स महिलाओं के शरीर में होने वाली एक महत्वपुर प्रक्रिया है। पीरियड्स या मासिक धर्म महिलाओं को एक नन्हीं सी जान को इस दुनियां में लाने की क्षमता देती है। कभी–कभी हमे पीरियड्स के दौरान बहुत सारे प्रोब्लम आते है उसमें से एक प्रोब्लम है हेवी फ्लो। यह आपको सामान लगता होगा पर इसको नजरंदाज बिल्कुल भी नही करना चाहिए। हेवी फ्लो जिसे डॉक्टरी भाषा में मेनोरेजिया कहते है। मेनोरेजिया का मतलब होता है असामान्य रूप से हेवी या लंबी ब्लीडिंग होना। महिलाओं को इसके बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है। तो चलिए जानते है पीरियड्स में हेवी फ्लो के लक्षण और कुछ कारण।
हेवी फ्लो के लक्षण–
1.हेवी ब्लीडिंग – हेवी ब्लीडिंग का मतलब है ऐसी स्थिति आना की हमे हर एक या दो घंटे में पैड को बदलना पड़े। हेवी ब्लीडिंग में यह भी संभव है की पीरियड्स 7 दिन के बाद भी कंटिन्यू रहे।
2. क्लॉट्स – पीरियड्स के दौरान अगर खून के थक्के आना। लिक्विड फॉर्म में न आना।
3.खून की कमी – ब्लीडिंग की वजह से हमारे शारीर में खून की कमी हो जाती है जिसके कारण हम एनीमिया के शिकार हो जाते है और हमें थकान, कमजोरी और चकर जैसा मेहसूस होता है।
Periods में हेवी फ्लो के 5 कारण
1. हार्मानल इंबैलेंस
हमारे शरीर में मौजुद दो हार्मोन है एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन,जो पीरियड्स को नियंत्रण करने का काम करते है। अगर यह असंतुलित होते है तो यह गर्भाशय के परत को मोटा कर सकते है। ये वही परत है जो प्रायड्स के समय टूटती है और अगर यह मोटी हुई तो हेवी फ्लो हो सकता है।
2. थायरॉइड
थायरॉइड हमारे ग्लैंड में से एक अहम ग्लैंड होता है जो हमारे शरीर के बहुत से गतिविधियों को कंट्रोल करता है। वैसे ही थायरॉइड ग्लैंड में हाइपोथायरॉइडिज्म हार्मोन की उत्पति होती है जो हमारे पीरियड्स पर असर डालती है। अगर हाइपोथायरॉइडिज्म हार्मोन का उत्पादन कम होता है तो यह हमारे पीरियड साईकिल पर असर डालता है। थायरॉइड हार्मोन की कमी होने के कारण हेवी फ्लो होता है।
3.ब्लीडिंग डिसऑर्डर
बहुत सी ऐसी महिलाएं होती है जिनके में खून जमने की समस्या होती है। उस समस्या को Von Willebrand Disease कहते है। यह हमारे पीरियड्स साइकिल में हेवी ब्लीडिंग का कारण बन सकता है। अक्सर महिलाएं इसे कॉमन समझती है। इसके लक्षण जाना बहुत जरूरी है जैसे थकान, लंबे समय तक ब्लीडिंग, चोट लगने पे अत्याधिक ब्लीडिंग और नाक से खून आना।
4.दवाइयां
अक्सर हम पीरियड को नियंत्रित करने के लिए कुछ दवाइयां लेते है। पर उन दवाइयों से हमे हेवी ब्लीडिंग होने का खतरा भी होता है। कुछ दवाइयां जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयाँ, खून पतला करने वाली दवाइयाँ और हार्मोनल उपचार। फ्लो के बड़ने का कारण गर्भनिरोधक दवाइयां और उपकरण भी हो सकते है। यह ऐसे उपकरण है जी गर्भाशय में डाले जाते है और इसकी वजह से गर्भाशय की परत में प्रभाव पड़ता है।
5.एडीनोमायोसिस
यह स्त्रीयों की समस्याओं में से एक महत्त्वपूर्ण समस्या है। इस स्तिथि में गर्भाशय की अंदर की परत गर्भाशय की मंशापेसियो में बड़ जाती है। इसकी वजह से गर्भाशय का आकार पहले के मुकाबले बड़ जाता है। इसकी वजह से गर्भाशय की परत मोती और बड़ी हो जाती है जिसकी वजह से हेवी ब्लीडिंग होती है। इसकी वजह से लंबे अवधि तक पीरियड चलता है और दर्द से भरा हुआ होता है।