Reasons That You Cannot Complete New Year Resolutions: नए साल के लिए हम कई सारे रेसोलुशन लेते तो हैं, लेकिन उनमें से कोई ही पूरा कर पाते हैं। अक्सर ये हमारी किसी डायरी का हिस्सा बन कर रह जाते हैं और फिर इनका ज़िक्र भी नहीं होता। हर साल के आखिर पर हम यही सोचते हैं कि इस बार के रेसोलुशन तो हम पूरे कर ही लेंगे, लेकिन साल शुरू होते ही कितनी भी कोशिश करने के बावजूद हम कामयाब नहीं हो पाते।
क्यों नहीं कर पाते न्यू ईयर रिज़ोल्यूशंस कम्पलीट
इस बात का हम सबको दुःख तो होता ही है कि आखिर हम अपने ही लिए हुए रेसोलुशन्स को पूरा क्यों नहीं कर पाते। आइए इसके पीछे के 5 कारणों के बारे में आज हम बात करेंगे।
1. मुश्किल लक्ष्य
कई बार हम एक्साइटमेंट में आकर कोई ऐसा रेसोलुशन ले बैठते हैं जो हमारे रिसोर्सेज और कैपबिलिटी के हिसाब से मुश्किल होता है। इसके इलावा हमारे आस-पास की सिचुएशनस भी इसे इम्पैक्ट करती हैं और हमें यह सोचना भी ज़रूरी है कि हम किसी गोल या लक्ष्य के लिए काम करने के लिए कितना तैयार हैं।
2. रेसोलुशन स्पेसिफिक नहीं है
अगर आपका लक्ष्य प्रॉपर्ली स्पेसिफिक नहीं है और आप खुद इसे समझ नहीं पा रहे कि आपको क्या करना है और आप अपने-आप और ज़िंदगी से क्या चाहते हैं तो आप इसे कभी पूरा नहीं कर पाएंगे। जब तक आप इसे समझ नहीं पाएंगे, तब तक इस पर काम करने की मोटिवेशन ही आपको नहीं आएगी।
3. कोई प्लान नहीं है
आप न्यू ईयर पर लिए रेसोलुशन को अगर पूरा नहीं कर पा रहे तो हो सकता है कि उस पर काम करने के लिए आपके पास कोई प्रॉपर प्लान नहीं है। किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोई स्ट्रेटेजी आपके पास होनी बहुत ज़रूरी है। बिना प्लान और स्ट्रेटेजी के काम करेंगे तो किसी खास नतीजे पर नहीं पहुँच पाएंगे।
4. बहुत सारे प्रॉमिसेस
हम कई बार यह सोचते हैं कि इस नए साल पर हम सारे गोल्स अचीव कर लेंगे और एक से ज़्यादा रेसोलुशन्स फिक्स कर लेते हैं। इससे हम सिर्फ अपने-आप को बर्डन कर लेते हैं और सारे प्रॉमिसेस को पूरा करना कठिन लगता है और हम कॉन्फिडेंस और मोटिवेशन खो बैठते हैं। इस वजह से सारे रेसोलुशन्स धरे के धरे रह जाते हैं।
5. पुरानी आदतें बदलना मुश्किल
जब हमें अपनी पुरानी आदतें छोड़ना मुश्किल लगता है तो हम नई आदतों को नहीं अपना पाते। जैसे जब तक हम देर तक सोना नहीं छोड़ेंगे, तब तक जल्दी उठना शुरू नहीं कर सकते। नई आदतों को बनाने के लिए हमें काफी मोटिवेशन और कंसिस्टेंसी की ज़रूरत होती है और यह एक दिन में नहीं होती। हमें इसके लिए रोज़ मेहनत पड़ती है और कई बार अपने-आप से भी लड़ना पड़ता है।