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सेक्सुअल एनकाउंटर के बाद पॉज़िटिव और नेगेटिव दोनों ही तरह के रिजल्ट हमें मिलते है। कम एक्सपीरियंस, इसके बारे में कम जानकारी या सेक्स से जुड़ी हुई किसी तरह की परेशानी भरी हिस्ट्री शायद आपको सेक्सुअल एक्टिविटी में शामिल होने से डरा सकती हैं। महिलाएं और पुरुष दोनों ही इससे जुड़े हुए अलग-अलग तरह के डर का सामना करते हैं। आइए जानते हैं sexual anxiety kaise overcome kare
आप पता करें कि ऐसा क्या है जो आपको डरा रहा है? बात जब सेक्स से जुड़े डर की हो तो जरूरी है कि आपको मालूम होना चाहिए, कि वो क्या चीज़ है, जो आपको डरा रही है। बैठकर उन सारी बातों की एक लिस्ट बना लें जो आपके मन में सेक्स को लेकर डर पैदा कर रही हैं।
अपने सेक्स के ऊपर के डर पर काबू पाने के लिए आपको धीरे-धीरे उस प्रोसेस के ऊपर काम करना होगा। रिसर्च से ऐसा पता चला है, कि अगर कोई इंसान इमैजिन करते हुए या असल में उस स्थिति को महसूस करते हुए अपने डर का सामना करता है तो उसका डर काफी हद तक कम हो सकता है।
अपने आपको छूकर, मास्टरबेट करके देखें कि आपको क्या अच्छा लगता है। फिर अपने पार्टनर के साथ, धीरे-धीरे हाथ पकड़ने, किस करने, मसाज करने, सेक्सुअल टचिंग, और आखिर में इंटरकोर्स करते हुए अपनी sexual anxiety पर काबू पाया जा सकता है।
यह याद रखिए की अपने ऊपर बहुत जल्दी बहुत कुछ करने का दबाव न डालें क्योंकि ऐसा करके आप आपके अंदर महसूस होने वाले डर को और ज्यादा बढ़ा लेंगे।
आपकी परवाह करने वाले किसी इंसान से बात करते वक़्त बहुत काइंड और केयरिंग रहें और उन्हें दिखाएँ कि आप इमोशनली कितने ओपन हैं। सेक्स एक इमोशनल एक्सपीरियंस है, तो जब भी इसके बारे में बात करें या कोई आपसे बात करे, तो अपना पूरा ध्यान इसके ऊपर लगाकर रखें।
अगर आप किसी भी तरह से फिजिकली या इमोशनली अनकम्फ़र्टेबल हैं, तो ये बता दें और आपको कम्फ़र्टेबल होने में जितना वक़्त लगे, उतना वक़्त लें। अगर आप जल्दी में हों या फिजिकली ठीक न हों, तो कहें, “यहाँ पर रुकना ठीक होगा। मैं कम्फ़र्टेबल नहीं हूँ।” बहुत जल्दी किसी भी सेक्सुअल रिलेशन में आने की कोशिश न करें।
सेक्सुअल रिलेशन एन्जॉय करने के लिए ही बने हैं, इसलिए आप रिलैक्स रहें और इसके एक्साइटमेंट में खुद को शामिल कर लें। इससे आपके आपका सारा ध्यान इसके pleasure पर आ जाएगा और आप किसी भी डर के बारे में सोच तक नहीं पाएंगे।
सेक्सुअल मोमेंट के दौरान मूड को हल्का करने से आपको उस वक़्त पर एकदम फ्री फील करने से मदद मिलेगी। जैसे थोड़े प्लेफुल बन जाएँ, एक-दूसरे के साथ जोक शेयर कर सकते हैं, यह आप दोनों ही को कम्फ़र्टेबल कर देगा।
अपने आप पर बेमतलब का दबाव बनाकर रखना सिर्फ anxiety को बढ़ाता है। अगर आपके मन में इस बात का डर है, कि आप अपने पार्टनर की expectation पर खरा नहीं उतरेंगे तो फिर आपको अपनी इस सोच को जल्दी सुधारना होगा क्योंकि intimacy एन्जॉय करने की चीज़ है, यह कोई रेस नहीं है की जहां आपको फ़र्स्ट आना है।
और तो और खुद को कभी भी जज नहीं करना चाहिये। आपकी अपनी पहचान आपके सेक्सुअल परफ़ोर्मेंस पर डिपेंड नहीं करती।
महिलाओं के मन में सेक्सुअल एक्टिविटीज़ में शामिल होने पर, उसकी सुरक्षा ही उनकी सबसे बड़ी चिंता होती है। अगर आपके मन में प्रेग्नेंट होने का डर बैठा हो आपकी वर्जिनिटी के खोने का डर हो या फिर आपके पैरेंट्स के सामने बात खुलने का डर हो तो यह जान लें की आपके शरीर पर सिर्फ आपका कंट्रोल होता है।
पहले श्योर हो जाएँ कि आप सेक्सुअल एक्टिविटी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, फिर बर्थ कंट्रोल पिल्स लेकर, और कंडोम का इस्तेमाल करके एक सेफ़ सेक्स एन्जॉय करें।
सेक्सुअली एक्टिव होना शुरू करना हर किसी की लाइफ का एक टर्निंग पॉइंट होता है। आपकी सेक्सुअल लाइफ बहुत पर्सनल और यूनिक होती है, ये आपका एक्सपीरियंस है, इसके ऊपर आपका और सिर्फ आपका ही अधिकार होना चाहिए। किसी को भी आपके फैसले को नेगेटिवली जज न करने दें।
सेक्सुअल असॉल्ट, डेटिंग या घरेलू हिंसा, और पीछा करना बहुत गंभीर मामले हैं और एक महिला होने के नाते या ऐसा कोई भी इंसान होने के नाते, आपके साथ हो सकने वाले सेक्सुअल मोमेंट के समय आपको अपने पार्टनर के इरादों के बारे में बिल्कुल क्लियर होना जरूरी है। अपने पार्टनर से यह जरूर discuss कर लें और आप जब भी “नहीं” और “रुको” बोलें तब उसका मतलब “रुकना” ही होना चाहिए।
अगर आप सेक्सुअल कांटैक्ट को अवॉइड कर रहे हैं और सेक्स को लेकर आने वाले ख्याल मात्र से आपको बहुत ज्यादा और बिना मतलब की चिंता या डर महसूस होता है, तो आपको किसी प्रोफेशनल थेरेपिस्ट से मिलना चाहिए। कई बार यह किसी आम डर के बजाय एक तरह के फोबिया होने के लक्षण भी हो सकते हैं।
इन कंडीशंस से निपटने में एक काउंसलर आपकी मदद कर सकता है। अगर आप ने पहले कभी सेक्सुअल अब्यूस (abuse) का सामना किया है, जिसकी वजह से आप खुद को सेक्सुअल एक्टिविटी से दूर करते जा रहे हैं, तो थेरेपिस्ट से मिलें। एक काउंसलर से बात करने पर आपको दूसरों के साथ पॉज़िटिव रिलेशनशिप में आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी। sexual anxiety kaise overcome kare
पहले अपने डर को पहचानें।
आप पता करें कि ऐसा क्या है जो आपको डरा रहा है? बात जब सेक्स से जुड़े डर की हो तो जरूरी है कि आपको मालूम होना चाहिए, कि वो क्या चीज़ है, जो आपको डरा रही है। बैठकर उन सारी बातों की एक लिस्ट बना लें जो आपके मन में सेक्स को लेकर डर पैदा कर रही हैं।
खुद की बॉडी और इंटरेस्ट को डिसकवर करें।
अपने सेक्स के ऊपर के डर पर काबू पाने के लिए आपको धीरे-धीरे उस प्रोसेस के ऊपर काम करना होगा। रिसर्च से ऐसा पता चला है, कि अगर कोई इंसान इमैजिन करते हुए या असल में उस स्थिति को महसूस करते हुए अपने डर का सामना करता है तो उसका डर काफी हद तक कम हो सकता है।
अपने आप को खुश करना सीखें।
अपने आपको छूकर, मास्टरबेट करके देखें कि आपको क्या अच्छा लगता है। फिर अपने पार्टनर के साथ, धीरे-धीरे हाथ पकड़ने, किस करने, मसाज करने, सेक्सुअल टचिंग, और आखिर में इंटरकोर्स करते हुए अपनी sexual anxiety पर काबू पाया जा सकता है।
यह याद रखिए की अपने ऊपर बहुत जल्दी बहुत कुछ करने का दबाव न डालें क्योंकि ऐसा करके आप आपके अंदर महसूस होने वाले डर को और ज्यादा बढ़ा लेंगे।
अपनी फीलिंग्स को लेकर एकदम क्लियर रहें।
आपकी परवाह करने वाले किसी इंसान से बात करते वक़्त बहुत काइंड और केयरिंग रहें और उन्हें दिखाएँ कि आप इमोशनली कितने ओपन हैं। सेक्स एक इमोशनल एक्सपीरियंस है, तो जब भी इसके बारे में बात करें या कोई आपसे बात करे, तो अपना पूरा ध्यान इसके ऊपर लगाकर रखें।
अगर आप किसी भी तरह से फिजिकली या इमोशनली अनकम्फ़र्टेबल हैं, तो ये बता दें और आपको कम्फ़र्टेबल होने में जितना वक़्त लगे, उतना वक़्त लें। अगर आप जल्दी में हों या फिजिकली ठीक न हों, तो कहें, “यहाँ पर रुकना ठीक होगा। मैं कम्फ़र्टेबल नहीं हूँ।” बहुत जल्दी किसी भी सेक्सुअल रिलेशन में आने की कोशिश न करें।
सेक्स को एन्जॉय करने सीखें, इसे बोझ की तरह बिल्कुल ना लें।
सेक्सुअल रिलेशन एन्जॉय करने के लिए ही बने हैं, इसलिए आप रिलैक्स रहें और इसके एक्साइटमेंट में खुद को शामिल कर लें। इससे आपके आपका सारा ध्यान इसके pleasure पर आ जाएगा और आप किसी भी डर के बारे में सोच तक नहीं पाएंगे।
सेक्सुअल मोमेंट के दौरान मूड को हल्का करने से आपको उस वक़्त पर एकदम फ्री फील करने से मदद मिलेगी। जैसे थोड़े प्लेफुल बन जाएँ, एक-दूसरे के साथ जोक शेयर कर सकते हैं, यह आप दोनों ही को कम्फ़र्टेबल कर देगा।
अपनी परफ़ोर्मेंस को बेहतर करने के ही बारे में ना सोचते रहें।
अपने आप पर बेमतलब का दबाव बनाकर रखना सिर्फ anxiety को बढ़ाता है। अगर आपके मन में इस बात का डर है, कि आप अपने पार्टनर की expectation पर खरा नहीं उतरेंगे तो फिर आपको अपनी इस सोच को जल्दी सुधारना होगा क्योंकि intimacy एन्जॉय करने की चीज़ है, यह कोई रेस नहीं है की जहां आपको फ़र्स्ट आना है।
और तो और खुद को कभी भी जज नहीं करना चाहिये। आपकी अपनी पहचान आपके सेक्सुअल परफ़ोर्मेंस पर डिपेंड नहीं करती।
हमेशा सेफ़ सेक्स हो यह पक्का करें।
महिलाओं के मन में सेक्सुअल एक्टिविटीज़ में शामिल होने पर, उसकी सुरक्षा ही उनकी सबसे बड़ी चिंता होती है। अगर आपके मन में प्रेग्नेंट होने का डर बैठा हो आपकी वर्जिनिटी के खोने का डर हो या फिर आपके पैरेंट्स के सामने बात खुलने का डर हो तो यह जान लें की आपके शरीर पर सिर्फ आपका कंट्रोल होता है।
पहले श्योर हो जाएँ कि आप सेक्सुअल एक्टिविटी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, फिर बर्थ कंट्रोल पिल्स लेकर, और कंडोम का इस्तेमाल करके एक सेफ़ सेक्स एन्जॉय करें।
खुद को कभी भी दूसरों के साथ में कंपेयर न करें
सेक्सुअली एक्टिव होना शुरू करना हर किसी की लाइफ का एक टर्निंग पॉइंट होता है। आपकी सेक्सुअल लाइफ बहुत पर्सनल और यूनिक होती है, ये आपका एक्सपीरियंस है, इसके ऊपर आपका और सिर्फ आपका ही अधिकार होना चाहिए। किसी को भी आपके फैसले को नेगेटिवली जज न करने दें।
'नो' कहना सीखना भी बहुत जरूरी है।
सेक्सुअल असॉल्ट, डेटिंग या घरेलू हिंसा, और पीछा करना बहुत गंभीर मामले हैं और एक महिला होने के नाते या ऐसा कोई भी इंसान होने के नाते, आपके साथ हो सकने वाले सेक्सुअल मोमेंट के समय आपको अपने पार्टनर के इरादों के बारे में बिल्कुल क्लियर होना जरूरी है। अपने पार्टनर से यह जरूर discuss कर लें और आप जब भी “नहीं” और “रुको” बोलें तब उसका मतलब “रुकना” ही होना चाहिए।
अगर फिर भी anxiety कम ना हों तो एक थेरेपिस्ट से मदद लेने में हिचकिचाएँ नहीं।
अगर आप सेक्सुअल कांटैक्ट को अवॉइड कर रहे हैं और सेक्स को लेकर आने वाले ख्याल मात्र से आपको बहुत ज्यादा और बिना मतलब की चिंता या डर महसूस होता है, तो आपको किसी प्रोफेशनल थेरेपिस्ट से मिलना चाहिए। कई बार यह किसी आम डर के बजाय एक तरह के फोबिया होने के लक्षण भी हो सकते हैं।
इन कंडीशंस से निपटने में एक काउंसलर आपकी मदद कर सकता है। अगर आप ने पहले कभी सेक्सुअल अब्यूस (abuse) का सामना किया है, जिसकी वजह से आप खुद को सेक्सुअल एक्टिविटी से दूर करते जा रहे हैं, तो थेरेपिस्ट से मिलें। एक काउंसलर से बात करने पर आपको दूसरों के साथ पॉज़िटिव रिलेशनशिप में आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी। sexual anxiety kaise overcome kare