Signs Of One-Sided Friendship: इस दुनिया में हमें सभी रिश्ते जन्म से ही मिलते हैं लेकिन दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो हम खुद बनाते हैं। जिंदगी में अच्छा दोस्त मिलने से मुसीबतें छोटी लगने लगती हैं। उसके साथ रहने से आपको लगता है अभी मुझे किसी की जरुरत नहीं। इसका साथ मेरे लिए बहुत है। ऐसा तब होता है, जब दोस्ती दोनों तरफ से निभाई जा रही हो। दूसरी तरफ, दोस्ती में सिर्फ आप ही प्रयास कर रहे हैं, आपकी तरफ से ही बातचीत, समय और रिश्ते को बचाने के लिए कोशिश की जा रही है तो आप एकतरफा दोस्ती में हैं। आपको जरुरत है इसे पहचानने की। चलिए, एकतरफा दोस्ती के लक्षण जानते हैं-
Friendship: एकतरफा दोस्ती में कर रहे हैं समय बर्बाद? पहचाने लक्षण
आप उनकी 'प्रायोरिटी' में नहीं हो
एक तरफा दोस्ती में आपके दोस्त को सबसे पहले आपकी याद नहीं आएगी। जिसका मतलब, आप उनकी प्रायरिटी लिस्ट में सबसे नीचे हैं। उसकी लाइफ की किसी भी स्थिति में आपको सबसे बाद में बुलाया जाएगा या फिर आपको बुलाया ही नहीं जाएगा। क्योंकि उन्हें आपसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह आपको अपनी लाइफ में इतना जरूरी नहीं समझते हैं जितना वो आपके लिए अहमियत रखते हैं।
आप 'मदद' मांगने में संकोच करेंगे
गहरी और सच्ची दोस्ती वो होती है जिसमें बिना आपके कहे, दोस्त मदद करने के लिए तैयार हो जाए। आपको उसे बताना ना पड़े कि आप मुसीबत में हैं। वह देखते ही आपकी हालत का अंदाजा लगा ले। अगर आपको मदद मांगने में किसी भी तरीके का संकोच महसूस होता है। इससे पहले कई बार सोचते हैं कि मदद ली जाए या ऐसे ही मैनेज कर लिया जाए तो दोस्त सिर्फ आपकी तरफ से है।
'प्लान' बनाकर भूल जाएंगे
दोस्त को अगर प्लान बनाकर याद नहीं रहता है या फिर आखिरी मिनट पर मना कर दिया तो यह भी एकतरफा दोस्ती की ही निशानी है। सच्चा दोस्त कभी भी आपको निराश नहीं करेगा। उसे आपकी खुशी में खुशी मिलेगी। ऐसे दोस्त सिर्फ जरूरत के समय आपका इस्तेमाल करेंगे।
आपका 'भरोसा' बार-बार टूटेगा
एकतरफा दोस्ती में आपका भरोसा बार-बार टूटने के चांसेस ज्यादा है क्योंकि आप उन पर बार-बार भरोसा करेंगे। उन्हें आपसे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए वह आपका भरोसा तोड़ते जाएंगे। आपकी बताई हुई का मजाक उड़ाते हुए चार लोगों को बताएंगे लेकिन आपने वो बात उन्हें अपना समझकर या फिर भावनाओं को शेयर करने के लिए बताई थी।
'सहूलियत' के अनुसार इस्तेमाल करेंगे
दोस्त कभी भी सहूलियत के अनुसार इस्तेमाल नहीं करते। लेकिन जो व्यक्ति आपका दोस्ती नहीं, वह अपनी जरुरत के हिसाब से आपसे बात करेगा। जब उसे लगेगा कि अभी उसके पास कोई नहीं है तो आपके पास आकर, अपने दुख और दर्द को शेयर करेगा। इसके उल्ट, जब आपको आपको उसके सहारे की जरूरत होगी, वह कभी साथ नहीं देगा। यह भी एकतरफा दोस्ती का ही लक्षण है।