Advertisment

Society And Women: प्रिय समाज महिलाओं से यह पांच बातें कहना बंद करें

महिलाओं को एक वस्तु के जैसे प्रदर्शित किया जाता था लेकिन कई विषम परिस्थितियों को पार करते हुए आज महिलाओं ने एक अलग स्थान की स्थापना की है। जाने इस इंस्पिरेशन ओपिनियन ब्लॉग में 5 ऐसी बातें जो समाज को महिलाओं को नहीं कहनी चाहिए-

author-image
Vaishali Garg
22 Dec 2022
Society And Women: प्रिय समाज महिलाओं से यह पांच बातें कहना बंद करें

Society And Women

Society And Women: इस बदलते समय में हम सभी को अपने विचारों में बदलाव करने की जरूरत है। कुछ रूढ़ियों को दूर करने के लिए अपनी मानसिकता में सुधार करने की आवश्यकता है। हमें नई प्रगतिशील भाषा सीखनी चाहिए जो सेक्सिस्ट (sexist)  नहीं हो और समावेशी हो। बीते समय में महिलाओं को एक वस्तु के जैसे प्रदर्शित किया जाता था लेकिन कई विषम परिस्थितियों को पार करते हुए आज महिलाओं ने एक अलग स्थान की स्थापना की है। वर्तमान समय में निम्नलिखित पांच बातें को महिलाओं से कहने से बचना चाहिए : 

Advertisment

1.तुमने वजन बढ़ाया है

आज के दौर में हमें किसी भी महिला को उसके वजन(Weight) पर कमेंट नहीं करना चाहिए। यह एक व्यक्ति का पर्सनल मामला है ; किसका वजन कितना है यह किसी व्यक्ति के चिंतन का विषय नहीं है। इसलिए अपने सोचने के तरीके को बदल कर प्रगतिशील विचारों को अपनाना चाहिए।

2. तुमने शादी का क्या सोचा है 

Advertisment

इस तरह के सवाल से एक औरत या लड़की कभी खुश नहीं होती बल्कि निराश होती है। इतना ही नहीं यह सवाल आप की चिंता नहीं दर्शाता बल्कि आपकी कालग्रस्त विचारधारा को प्रदर्शित करता है। ऐसा सवाल कर आप किसी व्यक्ति के निजी मामले में घुसने का प्रयास कर रहे हैं जो कि उचित नहीं है। ऐसा सवाल करने से बचें। 'तुमने शादी(Marriage) का क्या सोचा है' कहना बंद करें।

3. तुम्हें थोड़ा एडजस्ट करना चाहिए 

एडजस्ट करना चाहिए का क्या तात्पर्य होता है ? एडजस्टमेंट एक आपेक्षिक संकल्पना है जिसका मूल समायोजन एवं समन्वय में है। ऐसी अवस्था में यह भाव व्यक्ति के अंदर से ना की किसी के कहने से आता है। ऐसा वातावरण हो जिसमें एडजस्ट सब करें ना कि केवल महिलाएं।

Advertisment

4. इतना पढ़ लिख कर क्या होगा

यह सवाल मानसिक संकीर्णता को प्रदर्शित करता है। आज महिलाओं की सशक्तिकरण(Women Empowerment) का प्रथम मार्ग शिक्षा है और शिक्षा के लिए हर महिला को प्रेरित करना चाहिए। महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि इसी से देश की उन्नति है।

5) ओह लगता है आज दूसरा दिन है 

आमतौर पर यह सुनने में आता है कि यदि कोई महिला नाराज हो रही है या कुछ खाने की फरमाइश कर रही है तो झट पुरुष अनुमान लगाते हैं कि आज महीने का कोई दूसरा दिन ही है ( Periods Second Day)। क्या ऐसा सोचना उचित है? बिल्कुल ही नहीं। ऐसा सोचना एक पिछड़ी सोच को दर्शाता है जिससे कि आगे निकलने की जरूरत है। अतः समझदारी इसी में है कि किसी भी महिला से कुछ भी बोलने से पहले भली-भांति सोच कर एवं विचार करके बोले। महिलाओं के सम्मान से ही सुख, समृद्धि एवं शांति की राह निकलती है।

Advertisment
Advertisment