किशोरावस्था ज़िंदगी का ऐसा पड़ाव होता है जिसमें ना हम बहुत छोटे होते है और ना ही अभी इतनी समझ पैदा हुई होती है कि हम सही ग़लत का फ़र्क़ जान सके। यह बढ़ी नाज़ुक होती है।यहीं वहीं उम्र होती है जब हम अपना भविष्य बनाने के लिए कार्य करते है। इस समय पर ज़रूरी होता है सबसे समझदारी में काम लेना। यह ऐसा पोईंट होता यहाँ से आपके लिए हुत रास्ते निकलते है कुछ अच्छे और बुरे लेकिन तय आपको करना है आपको कौन सा रास्ता चुनना है। इस स्थिति में बच्चों के रास्ते से भटकने की भी आशंका भी होती है जो आपकी आगे आने वाली लाइफ़ को भी ख़राब कर सकता है।
Teenager Guide: किशोर अवस्था में कैसे केंद्रित रहे
इस स्टेज पर शुरू करें तैयारी
जिस भी क्षेत्र में आपको अपना करियर बनाना सबसे पहले उसे जाने। जब आप जान ले कि किस क्षेत्र की तरफ़ आपकी रुचि फिर उसमें तैयारी शुरू कर दे। कभी ना सोचे अभी बहुत टाइम पढ़ा है। बाद में देख लेंगे क्या करना है? यह भूल अक्सर हम इस उम्र में कर लेते है। इसलिए इस स्टेज पर अपनी रुचि को पहचानकर उसके ऊपर काम शुरू कर दे।
अपनी हॉबी को पूरा करें
हर व्यक्ति की कोई ना कोई मनपसंद ऐक्टिविटी या हॉबी होती है उसे ज़रूर करें जैसे किताब पढ़ना, खाना पकाना, पेंटिंग, खेलना, पॉड्कैस्टिंग जो भी आप उसे साथ-साथ में करें। इसके साथ कुछ लोगों गाना गाने का या नाचने का शोंक होता उसे भी कर सकते है। इससे आपका जो दिमाग़ वे रचनात्मक होगा।
लत का शिकार ना हो
बहुत बार ऐसा होता है इस उम्र में अक्सर बच्चे किसी लत का शिकार होता है। आजकल के समय यह लत सिर्फ़ नशे की नहीं है ये सोशल मीडिया, पोर्न, जैसे कामों की भी हो सकती है। इसलिए कोई भी ऐसी चीज़ मत करें जिसका बुरा असर आपके दिमाग़ और मेंटल हेल्थ पर पड़े।
बुरी संगत से बचे
जब हम अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित नहीं हो पाते इसका मतलब हम भटक गए है। इसका कारण बुरी संगत भी हो सकती है। इसलिए अपने दोस्तों को ध्यान से चुने। ऐसे दोस्त मत चुने जो आपको पीछे की तरफ़ लेकर जाए या फिर आपको नुक़सान करें।
अपने आप के साथ समय बताए
यह बहुत बढ़ी चीज़ है। अपने आप के समय बिताने से आप खुद के बारे जानते है। आपको आपने वीक और स्ट्रोंग पोईंट पता लगते है। आप पार्क में जा सकते है और प्रकीर्ति के साथ भी समय बिता सकते है।इससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे।