The Reasons Behind Self-Isolation: आधुनिक जीवन के जटिलताओं और तेजी से बदलते समय में बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो कुछ कारण की वजह से खुद को सेल्फ आइसोलेट कर लेते हैं। सेल्फ आइसोलेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें लोग खुद को दूसरों से अलग कर देते हैं न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी दूर करने का फैसला लेते हैं। यह एक व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है, जो व्यक्ति की विशेष परिस्थितियों और उसकी मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। इसके कारण शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और व्यक्तिगत कुछ भी हो सकते हैं। तो आईए जानते हैं सेल्फ आइसोलेशन के कारण।
सेल्फ आइसोलेशन के 5 कारण
1.मानसिक स्वास्थ्य
जो व्यक्ति दुख, चिंता और तनाव से घिरा होता है तो वह खुद को आइसोलेट करना ही बेहतर समझता है। ऐसे समय में लोग समाज से दूर रहना पसंद करते हैं। आइसोलेशन की मदद से वे अपने भावनाओं को समझ पाते हैं और इसका समाधान भी निकलने में सक्षम होते हैं। अधिक समय तक खुद को आइसोलेट रखना हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर नेगेटिव प्रभाव डालता है।
2.आत्म-सुधार
कुछ लोग आत्मनिरीक्षण, ध्यान, या आत्म-सुधार के लिए सेल्फ आइसोलेशन का निर्णय करते हैं। यह समय उन्हें अपनी भावनाओं, विचारों, और जीवन के उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देता है। इस तरह का आइसोलेशन स्वैच्छिक होता है और आमतौर पर कुछ दिनों या हफ्तों तक ही सीमित होता है।
3.व्यक्तिगत स्थिति
किसी भी व्यक्ति की पर्सनल लाइफ में कोई ना कोई तनाव चल रहा होता है। कभी-कभी ऐसी परिस्थितियों उत्पन्न हो सकती है जब व्यक्ति को अपने जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ सकते हैं उसके लिए उन्हें कुछ समय अकेले व्यतीत करने की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में आइसोलेशन व्यक्ति को अपनी जिंदगी को एक नई सिरे से देखने में मदद करता है। इसकी वजह से व्यक्ति सही निर्णय ले पता है।
4.सामाजिक और पारिवारिक दबाव
अक्सर लोग अपने समाजिक और पारिवारिक स्थिति के कारण खुद को आइसोलेट करने का निर्णय लेते है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति समाज या परिवार से जुड़े मुद्दों का सामना करना पड़ता है पर वो खुद को सबसे दूर करने में ही उससे भलाई मेहसूस होती है। इससे उन्हें राहत तो मिलती है पर समस्या का सही समाधान तब निकलता है जब हम उन मुद्दों का सामना बिना डरे करते है।
5.सदमा
अगर कोई व्यक्ति किसी आहत जैसे किसी अपने की मृत्यु, किसी प्रकार की दुर्घटना या बहुत बड़े नुकसान का सामना करता है तो वो सेल्फ आइसोलेशम का निर्णय लेता है। सेल्फ आइसोलेशन की वजह से व्यक्ति उस दुख को समझने, उसे एक्सेप्ट करने और उबरने में सहायता करता है। ऐसे समय में आइसोलेशन की मदद से व्यक्ति अपनी भावनाओं को अकेले समझने में सफल होता है पर लंबे समय तक आइसोलेट रहना उनकी मानसिक स्थिति के लिए ठीक नहीं।