Durga Puja In West Bengal : ये 10 चीजें बनाती हैं बंगाल के दुर्गापूजा को सबसे खास

ब्लॉग: नवरात्रि भर मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना पूरे देश भर में की जाती है, लेकिन पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। बंगाल में दुर्गापूजा महज 9 दोनों का उत्सव ना होकर पूरे साल भर के उल्लास का त्यौहार होता है।

author-image
Ruma Singh
New Update
Durgapuja In West Bengal

These 10 Things Make Bengal’s Durga Puja The Most Special: मां दुर्गा को समर्पित यह 9 दिन अलग-अलग क्षेत्रों में नवरात्रि, नवदुर्गा और दुर्गापूजा समेत कई नाम से पुकारे जाते हैं। दुर्गापूजा को लेकर देशभर में चहल-पहल और रौनक पूरे 9 दिनों तक बनी रहती हैं, लेकिन जब बात आती है पूरे देशभर में सबसे ज्यादा आकर्षक और खूबसूरत परंपरा की तो सबसे पहला नाम पश्चिम बंगाल का आता है। जहां पूरे वर्ष का सबसे बड़ा त्यौहार दुर्गापूजा होता है, क्योंकि पूरे 9 दिनों तक बंगाल एक अलग ही रंग में नजर आता है। जहां की दृश्य मनमोहक और आकर्षित हो जाती है। इस दौरान हर श्रद्धालु के आंखों के सामने मां दुर्गा की भव्य मूर्ति, भव्य पंडाल, पूजा की पवित्रता, सिंदूर खेला और धुनुची नृत्य समेत कई चीजें आकर्षित करने लगती हैं।

क्यों है बंगाल की दुर्गापूजा सबसे खास? 

Advertisment

नवरात्रि भर मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना पूरे देश भर में की जाती है, लेकिन पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। पूरे 9 दिनों तक एक अलग रौनक देखने को मिलती है। इस दौरान पूरा बंगाल मां दुर्गा की प्रतिमा से जगमगा उठता है। यहां पंडालों को थीम के अनुसार सजाया जाता है। कई तरह के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजण की भीड़ उमड़ जाती हैं। बंगाल में दुर्गापूजा महज 9 दोनों का उत्सव ना होकर पूरे साल भर के उल्लास का त्यौहार होता है।

ये 10 चीजें बनाती हैं बंगाल की दुर्गापूजा को सबसे खास

1. मूर्ति 

पश्चिम बंगाल में मां दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी स्वरूप की पूजा की जाती है। जहां मां दुर्गा त्रिशूल पकड़े हुए महिषासुर का वध करते हुए देखी जाती हैं। यहां मूर्ति बनाने की प्रक्रिया कई महीने पहले से शुरू हो जाती हैं। इस मूर्ति में मां दुर्गा के पीछे उनका वाहन शेर भी मौजूद रहता है। साथ ही मां लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं भी यहां बनाई जाती हैं।

2. पंडाल 

बंगाल के दुर्गा पूजा की सबसे आकर्षित और खूबसूरत चीज वहां की पंडाल होती है। जिसको हर साल एक अलग ही रूप दिया जाता है। यह पूरी तरह से थीम पर आधारित होता है, जो सजावट और लाइटिंग के जरिए पूरे साल दुनिया भर में हो रहे घटनाओं को फिर से जीवित करता है। ऐसे पंडालों को देखने के लिए लाखों के कदार में दर्शनकारियों की भीड़ उमड़ी रहती हैं।

3. चौक्खू दान 

Advertisment

ऐसे तो मां दुर्गा की प्रतिमा पूजा के एक हफ्ते पहले तक बनकर तैयार हो जाती है, लेकिन उनकी आंखें रह जाती है, जो खास तौर पर महालय के दिन ही तैयार की जाती है। जिसे चोक्खू दान कहते हैं। इस परंपरा के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा इसी दिन धरती पर आती है।

4. कुमारी पूजन 

बंगाल में खासतौर पर इसका प्रचलन देखने को मिलता है। नवरात्रि के नौवे दिन कुमारी पूजन की पूजा की जाती है। जहां लोग घरों, मोहल्ले में मां दुर्गा की तरह कुमारियों का पूजन करते हैं। दरअसल, यह प्रचलन बेलूर मठ में स्वामी विवेकानंद द्वारा शुरू किया गया था।

5. अष्टमी पुष्पांजलि 

अष्टमी के दिन मां दुर्गा के प्रति भक्तजण में अलग-अलग रौनक देखने को मिलती हैं। इस दिन महिलाएं व पुरुष नए-नए पोशाक पहनकर पंडालों में जाकर अष्टमी की पुष्पांजलि देते हैं और मां देवी के मंत्रों का जाप करते हैं।

6. संध्या आरती 

Advertisment

इस दौरान संध्या आरती पूरे 9 दिनों तक की जाती हैं। जहां शंख, ढोल, नगाड़ों, संगीत, घंटियों सहित नाच गाने के साथ संध्या आरती की रस्म पूरी की जाती है।

7. पारा और बारिर पूजा 

यहां पूजा पारा और बारिर दो तरह से मनाई जाती हैं। जहां पारा का आयोजन बड़े सामुदायिक केंद्र और पंडालों में किया जाता है, तो वहीं, बारिर का आयोजन कोलकाता के उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में किया जाता है।

8. सिंदूर खेला 

सिंदूर खेला यहां की दुर्गा पूजा की सबसे आकर्षित रस्म है। जिसमें महिलाएं लाल व सफेद रंग की साड़ी पहनकर सिंदूर खेला मनाती है और एक-दूसरे को सिंदूर से रंगती है।

9. धुनुची नृत्य  

Advertisment

यह आमतौर पर मां दुर्गा की शक्ति रूप को समर्पित नृत्य है। इसमें कोकोनट कॉयर और हवन सामग्री को हाथ में रखकर मां की आरती करते हुए नृत्य किया जाता है। यह सप्तमी से लेकर नवमी तक होता है।

10. विजयदशमी  

यह दुर्गा पूजा का सबसे आखरी दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा का विसर्जन बड़े धूमधाम के साथ किया जाता है। जिसे लेकर बंगाल की सड़कों पर एक अलग ही भीड़ देखने को मिलती है।

Navratri Shardiya Navratri Special kolkata durga pandal नवरात्रि Shardiya Navratri शारदीय नवरात्रि नवरात्रि पूजा विधि