Things A Bride's Family Should Never Feel Sorry About: शादी एक लड़की के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पलों में से एक है जहां केवल एक लड़की नहीं बल्कि उसके परिवार वालों के लिए भी यह पल काफी महत्वपूर्ण हैI लेकिन क्या आप बता सकते है कि आज के इस युग में जहां हम तकनीक या फिर व्यापार के तौर पर आगे बढ़ रहे हैं वहां इंसानियत के तौर पर पीछे क्यों रह जाते है? साफ शब्दों में कहे तो शादी दो इंसानों के एक होने का साक्षी है, दोनों परिवार के साथ आने का मौका है लेकिन इसमें भी क्यों दुल्हन और उसके घर वालों को सबसे ज्यादा फिक्र एवं दबाव का सामना करना पड़ता है? वह इसलिए क्योंकि आज भी लड़की वालों को ही समझौता करना पड़ता है और किसी भी तरह का अपमान सहने के लिए तत्पर रहना पड़ता हैI क्योंकि वह लड़की के परिवार है?
किन मजबूरियों से गुजरना पड़ता है लड़की वालों को?
शादी दो दिलों का मेल होता है जहां लोग मिलन का जश्न मनाते हैI लेकिन जब यही जश्न बोझ बन जाए तब वह शादी नहीं दिखावट बन जाती हैI चाहे हम जितना ही मौज मस्ती क्यों न कर ले लेकिन क्या आपको पता है कि इस शादी में लड़की एवं उसके घर वालों को कितनी तरह की फिक्र लगी रहती है? कहीं लड़के वालों के आओ भगत में कोई कमी ना रह जाए? कहीं उन्हें दिए जाने वाले उपहार कम ना पड़ जाए? कहीं खाने-पीने में कोई कसर न रह जाए?
हम तो मेहमान के तरह शादी अटेंड करने जाते हैं खाना खाते हैं और यदि खाना अच्छा ना लगे तो बुराई करके चले आते हैं लेकिन लड़की के उसे पिता का क्या जिन्होंने अपनी पूरे उम्र की जमा पूंजी अपनी बेटी की शादी में लुटा दी, उसके शादी को यादगार बनाने के लिएI कभी उसे पिता के श्रम के बारे में सोचा है? उसे माता का क्या जिसे इस बात की फिक्र होती है की कहीं लड़के वाले असंतुष्ट ना रह जाए ताकि उनकी बेटी को ससुराल जाकर दो बातें ना सुनना पड़े? यदि हम नए जीवन की ओर अग्रसर दुल्हन की बात कर तो उसे भी कई तरह की इनसिक्योरिटी का सामना करना पड़ता है कि वह ठीक देख रही है कि नहीं? ठीक से एक दुल्हन की तरह बर्ताव कर रही है कि नहीं?
क्या इस तरह का बोझ उनके लिए जायज़ है?
बिल्कुल भी नहीं! लड़की या उसके परिवार को कभी भी किसी भी दबाव का अनुभव नहीं करना चाहिए क्योंकि जीवन के जिस नए पड़ाव का शुरुआत ही चिंता एवं तनाव के साथ हो, हम उससे खुशहाली की कामना कैसे कर सकते है? जाहिर सी बात है कि यदि लड़की के माता-पिता चिंतित हो तो भला लड़की कैसे खुश हो सकती है और यदि लड़की सोच में रहे तो माता-पिता को सुकून कहां से मिलेगा? शादी किसी को दिखाने या फिर संतुष्ट करने का अवसर नहीं, खुशी मनाने का अवसर हैI जहां आप भले ही अपना संपूर्ण दे लेकिन यदि फिर भी कोई असंतुष्ट रहे तो वह आपकी जिम्मेदारी नहीं और यदि लड़केवालों से आपको किसी भी तरह की परेशानी महसूस होती है तो अपने आप से दोबारा यह प्रश्न पूछिए कि "जहां बेटी के जाने से पहले ही आप पर दबाव बनाया जाए, यदि आप अपनी बेटी को वहां भेज देते है तो उसे कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा?" क्योंकि बेटी के शादी से कई ज्यादा बेटी का जीवन आपके लिए अनमोल होना चाहिएI
एक दुल्हन का असली श्रृंगार उसके चेहरे की खुशी होती है ना ही कोई कॉस्मेटिकI आपकी असली सुंदरता आपके चेहरे की निखार है इसलिए अपने आप को किसी दायरे में बाध्य न करके जी भरकर उन पलों का आनंद उठाएI लड़के वाले एवं लड़की वाले समान रूप से अपनी जिम्मेदारियों को बांटे और प्यार के साथ अपनी बेटे और बेटी के विवाह का आयोजन करेI