सेक्सुअल ओरिएंटेशन की बात करें, तो हम हेट्रोसेक्सुअल कपल्स, यानी पुरुष और महिला की जोड़ी के बारे में सबसे ज़्यादा समझते हैं। सिनेमा और मीडिया में भी सबसे ज़्यादा उन्हीं को रिप्रेजेंट किया जाता है। इसलिए इस ब्लॉग में हम सेक्सुअलिटी के अलग अलग टाइप के बारे में जानेंगे-
LGBTQIA+ का मतलब लेस्बियन, गे, ट्रांसजेंडर, क्वीर, इंटरसेक्स, एसेक्सुअल, प्लस अन्य लिंग और सेक्सुअलिटी जिससे लोग आइडेंटिफाई कर सकते हैं। इससे समझने के लिए हमे 3 चीज़ों का समझना ज़रूरी है:
1.सेक्स
सेक्स बायोलॉजिकल है। यह क्रोमोसोम, हार्मोन और गेनेटिलिआ द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह 3 प्रकार के होते हैं, पुरुष (xy क्रोमोसोम), मादा (xx क्रोमोसोम) और इंटरसेक्स (xxy या xyy क्रोमोसोम)। इंटरसेक्स स्टेराइल हैं। वे LGBTQIA+ का 'I' और 'Q' बनाते हैं। क्रोमोसोम के अलावा, लिंग का निर्धारण सेकेंडरी सेक्सुअल विशेषताओं जैसे शरीर के बाल की अनुपस्थिति/उपस्थिति, मांसपेशियों, स्तनों, आवाज (उच्च/निम्न पिच) आदि द्वारा किया जा सकता है। ये विशेषताएँ सेक्स हार्मोन के कारण,प्यूबर्टी के दौरान विकसित होती हैं।
2.जेंडर
जेंडर एक सामाजिक रचना है। यह मर्दानगी और स्त्रीत्व को परिभाषित करता है। यह "महसूस" के बारे में अधिक है। यह पारंपरिक अपेक्षाएं और नियम हैं जो प्रत्येक लिंग को क्या करना चाहिए, इसके लिए निर्धारित किया जाता है। यह मूल रूप से है कि लड़कियों को मृदुभाषी, शांत, विनम्र, शांत खेल खेलना, घरेलू होना आदि से जोड़ता है, और लड़कों को विपरीत होना चाहिए, अर्थात लाउड और ऑउटस्पोकेन, डोमिनेटिंग होने, आदि से जोड़ता है।
परंपरागत रूप से केवल 2 लिंगों को मान्यता दी गई थी (बाइनरी), लेकिन ऐसे लोग हैं जो उस लिंग के साथ की आइडेंटिफाई नहीं करते हैं जिससे उन्हें जन्म के समय सौंपा गया। इन लोगों को नॉन बाइनरी खा जाता है, जिससे ट्रांसजेंडर, जेंडर फ्लूइड, आदि में काटेगोराइस किया जा सकता है। वे LGBTQIA+ समुदाय का 'T', 'Q' और '+' बनाते हैं। अधिकांश ट्रांसजेंडर (उदाहरण- एक बायोलॉजिकल पुरुष जो एक महिला होने से आइडेंटिफाई करता है, या एक बायोलॉजिकल महिला जो एक पुरुष होने के साथ आइडेंटिफाई करती है) सेक्स-चेंज ट्रीटमेंट के लिए जाना पसंद करते है, जो उनके लिंग को उनके शरीर के से मिलता है।
3. सेक्सुअलिटी/ सेक्सुअल ओरिएंटेशन
सरल शब्दों में सेक्सुअलिटी या सेक्सुअल ओरिएंटेशन से तात्पर्य है कि आप किसके साथ सेक्सुअल संबंध बनाना चाहते हैं। इसका मतलब उन लोगों का जेंडर या सेक्स है, जिनसे आप सेक्सूअल रूप से आकर्षित होते हैं। सेक्सुअलिटी कई प्रकार की होती है- हेट्रोसेक्सुअल, जिसका अर्थ विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होना, समलैंगिक या होमोसेक्सुअल (गे, लेस्बियन), बाइसेक्सुअल, पैनसेक्सुअल, एसेक्सुअल, आदि। (Sexual Orientation meaning in hindi)
सेक्सुअल ओरिएंटेशन के टाइप्स:
1. हेट्रोसेक्सुअल
जिसका अर्थ विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होना। यह सबसे कॉमन सेक्सुअल ओरिएंटेशन है। महिला और पुरुष का एक दूसरे से आकर्षित होना, और रिलेशनशिप में होने को हेट्रोसेक्सुअल रिलेशनशिप कहते हैं।
2. होमोसेक्सुअल
समलैंगिक या होमोसेक्सुअल (गे, लेस्बियन) का अर्थ अपने ही लिंग के प्रति आकर्षित होना। गे वे पुरुष होते हैं जो दूसरे पुरुष के प्रति आकर्षित होते हैं, और लेस्बियन वे महिलाएं हैं जो दुसरे महिला के प्रति आकर्षित होते हैं।
3. बाइसेक्सुअल
इसका अर्थ समान और साथ ही विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होना। उदाहरण के लिए, एक बाइसेक्सुअल महिला पुरुष एवं दुसरे महिला के तरफ आकर्षित हो सकती है। बाईसेक्सुअलिटी के बारे में और जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
4. पैन सेक्सुअल
इसका अर्थ किसी भी जेंडर से आकर्षण। ऐसे लोगों को पुरुष, महिला, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स या जेंडर फ्लूइड लोगों से आकर्षण हो सकता है। उनके आकर्षण के लिए जेंडर से फर्क नहीं पड़ता है। pansexual meaning in Hindi
5. एसेक्सुअल
इसका अर्थ है सेक्सुअल आकर्षण का न होना, चाहे रोमांटिक संबंध कितने भी हों। दुसरे शब्दों में, इन लोगों को सेक्स की इच्छा या चाह नहीं होती है। वे रोमांटिक बांड ढूंढ सकते हैं। Asexual meaning in Hindi
6. ग्रे-A
एसेक्सुअलिटी का एक और टाइप होता है, जिसे ग्रे-एसेक्सुअलिटी कहा जाता है। इसका अर्थ है की ऐसे लोग सेक्सुअलिटी और एसेक्सुअलिटी के बीच में होते हैं। उन्हें कभी कभी सेक्स की इच्छा या arousal हो सकती है, मगर उनका सेक्सुअल एक्टिविटी न के बराबर होता है।
7. ऑटो-सेक्सुअल
इसका अर्थ है खुद से सेक्सुअल अट्रैक्शन होना। ऐसे लोग खुद को आईने में देख कर, या निर्वस्त्र देख कर, अपने ही तस्वीर या वीडियो देख कर सेक्सुअली aroused होते हैं। वे अपने आप को, खुद के लिए सेक्सुअली आकर्षक लगते हैं।
ऊपर लिखे गए 7 सेक्सुअलिटी के अलावा भी अन्य सेक्सुअल ओरिएंटेशन हो सकते हैं। हमारे समाज में आज भी अधिकांश प्रतिशत लोग हेट्रोसेक्सुअलिटी को छोड़ कर और कोई भी सेक्सुअलिटी स्वीकार नहीं करते हैं। कुछ लोग LGBTQ कम्युनिटी का भाग होने को बीमारी समझते हैं, कुछ श्राप समझते हैं।
यह समझना बहुत ही ज़रूरी है की सेक्सुअल ओरिएंटेशन पर किसी का कण्ट्रोल नहीं है। यह आपके साथ पैदाइश ही होता है, पर प्यूबर्टी के बाद समझ आता है। साथ ही, होमोसेक्सुअलिटी को अप्राकृतिक नहीं कहा जा सकता है क्योंकि, जानवरों में भी होमोसेक्सुअलिटी पाया गया है। हमें लोगों को खुले दिल से स्वीकार करने की आवश्यकता है।