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Bhai Dooj 2024: जानिए बिहार में क्यों खिलाती हैं बहनें भाई दूज पर भाई को बजरी

ब्लॉग: बिहार के लोगों द्वारा भाई दूज एक खास परंपरा के अनुसार मनाई जाती है। इस खूबसूरत परंपरा के तहत बहनें अपने भाई को बजरी खिलाती हैं। हालांकि, परंपराएं कितनी भी हो लेकिन इन सारे परंपराओं में सबसे खास जो है, वह है- भाई व बहन का प्यार।

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Ruma Singh
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Bhai Dooj..

Unique Tradition Of Bhai Dooj In Bihar: भाई दूज भाई-बहन के खूबसूरत रिश्ते का प्रतीक होता है, जिसे बेहद शुभ माना जाता है। यह त्यौहार रक्षाबंधन के स्वरूप मनाया जाता है। जिस प्रकार रक्षाबंधन में बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर रक्षा करने का वादा करते हैं। ठीक उसी प्रकार भाई दूज के पावन दिन में भी भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वादा करते हैं। हालांकि, इसमें बहनें भाई की कलाई पर राखी ना बांध कर उन्हें तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। भाई दूज को लेकर अलग-अलग जगह पर अलग-अलग परंपराएं प्रचलित हैं। जिसमें बिहार के लोगों द्वारा भाई दूज एक खास परंपरा के अनुसार मनाई जाती है। इस खूबसूरत परंपरा के तहत बहनें अपने भाई को बजरी खिलाती हैं। हालांकि, परंपराएं कितनी भी हो लेकिन इन सारे परंपराओं में सबसे खास जो है, वह है- भाई व बहन का प्यार। जो दुनिया का सबसे अटूट व प्यारा बंधन होता है।

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क्यों मनाते हैं भाई दूज?

पौराणिक कथा के मुताबिक सूर्य देव की दो संतान यम और यमी, जो दोनों भाई-बहन थे। यमुना अपने भाई यमराज से बेहद स्नेह करती थी और निवेदन करती थी कि वह उनके घर आकर भोजन करें, लेकिन वो व्यस्त होने के कारण अपनी बहन यमुना की बातों को टाल देते थे। एक दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना अपने द्वार पर अचानक अपने भाई यमराज को खड़ा देखकर काफी हर्ष विभोर हो गई और अपने भाई का खूब आदर सत्कार की। जिसके बाद यमराज ने भोजन ग्रहण किया। इस पर यमुना ने कहा कि जो भी बहनें इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करेंगी, उसे तुम्हारा भय नहीं रहेगा, तभी से भाई दूज की परंपरा शुरू हो गई।

बिहार में भाई दूज से जुड़ी परंपराएं

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