Handling Criticism: अपने लाइफ में आगे बढ़ने के लिए आपको कदम - कदम पर क्रिटिसिज्म सुनना और सहना पड़ेगा ही, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हम क्रिटिसिज्म को इतना सीरियसली ले लेते हैं। जिसके कारण हम बहुत ज्यादा हर्ट हो जाते हैं और अपना मनोबल गिरा लेते हैं। लेकिन हमे इसका बिलकुल उल्टा करना होता है। ऐसे वक्त पर आपको इसे रचनात्मक वे में लेना चाहिए ताकि आप खुद पर काम करके खुद को बेहतर कर सकें। आइये हम आपको बताते हैं कि किस तरह आप क्रिटिसिज्म को कंसट्रक्टिव वे में ले सकते हैं।
इन तरीकों को क्रिटिसिज्म सुनते वक्त जरुर ध्यान रखें
1. आप के लिए बोली गई बातों को सुनिए
जी हाँ, ये जरुरी है कि आपसे बोली गयी हर बात को ध्यान से सुने बिना बीच में बोले या डिफेंड करें जरुरी है कि आप इसे एक्सेप्ट करें। अगर आप इसे ठुकराते रहेंगे तो आप कभी बेहतर नहीं बन पाएंगे जरुरी है कि आप उसे सुने और एक्सेप्ट करें। आप उनके क्रिटिसिज्म करने के पीछे के इनटेंशन को समझाने की कोशिश करें।
2. आप पर किये गए क्रिटिसिज्म को रिस्पोंड करें
अगर आपको किसी ने कुछ कहा भी है और आपको लगता है ये आपके लिए हेल्पफुल है तो उसे थैंक्स करिए और उनको आप आश्वासन दिला सकते है कि आप इम्प्रूव करेंगे और वहीं अगर ये क्रिटिसिज्म आपको सही नही लगता तो बेहतर होगा इसे आप इग्नोर करें और आगे बढ़ें।
3. सीखें और आगे बढ़ें
आपको मिले क्रिटिसिज्म पर आप काम करें और अपनी क्रिटिसिज्म को कंसट्रक्टिव वे में लेकर रोज उसे इम्प्रोव करें। आप चाहे तो अपनी ग्रोथ रिकॉर्ड कर सकते हैं जिससे आप खुद ही कॉंफिडेंट महसूस करेंगे।
4. खुद को पर्सनली इंवोल्व नहीं करें
आपको अपना इमोशन मैनेज करना सीखना होगा आपको मेंटली स्ट्रोंग बनना होगा ताकि आगे आने वाले और कई सारे क्रिटिसिज्म आप हैंडल कर सकें याद रखना होगा कि लोग तो हमेशा ही बोलेंगे आपको उससे जितना सीखना है सीखिए और बाकि बस जाने दीजिए।
5. खुद को डिसट्रैक्ट करें
कई बार हमे क्रिटिसिज्म तब मिलता है जब हम उसे लेने के लिए मेंटली कैपेबल नहीं रहते ऐसे वक्त पर खुद को कोसने के जगह आप खुद को डिसट्रैक्ट करें और जरूरत पड़े तो प्रोफेशनल हेल्प लेकर इन चीजों से बाहर निकल सकते हैं।