फेमिनिज़म का नाम सुनते ही हमारे मन में विचार आने लग जाता है कि कि इससे औरतें मर्दों को नीचा दिखाएगी। औरतों को मर्दों से ऊपर दिखाने के लिए फ़ेमिनिज़म का यूज़ किया जाता है। इसका मतलब हमने कभी फ़ेमिनिज़म का असली मतलब समझा नहीं है। फ़ेमिनिज़म के बारे में समाज में बहुत सी धारणायें बनी हुई है। सोशल मीडिया यह एक विवाद का मुद्दा बना रहता है लेकिन आज हम जानेंगे फ़ेमिनिज़म क्या होता है और क्यों समाज को इसकी ज़रूरत होती है।
आज हम आप को बताएँगे कि हमें फ़ेमिनिज़म की क्यों ज़रूरत है -
लड़की को उसके काम के बारे में नहीं पूछा जाता
हमारे समाज में लड़के को उसके काम के बारे में पूछा जाता है लेकिन लड़कियों के यह पूछा जाता है कि तुम्हारा पति कैसा है? उसका का अच्छा चल रहा है? क्योंकि आज भी यहीं सोच है कि लड़के ही नौकरी कर सकते है औरत ने तो घर का काम करना है। इसलिए हमें आज फेमिनिज़म की ज़रूरत है ताकि इस सोच बदल जा सके।
औरतों की पसंद आज भी मायने नहीं रखती
हमारे समाज आज भी औरतों की पसंद मायने नहीं रखती है वे क्या करना चाहती है? क्या पहनना चाहती है? किसी को इस पर ध्यान नहीं है। सब उसे अपने हिसाब से चलाना चाहते है। पति चाहता है उसकी पत्नी उसकी मर्ज़ी के हिसाब से रहे।वहीं परिवार में पिता उसे अपने हिसाब से रखना चाहते है लेकिन कोई यह नहीं पूछता तुम क्या चाहती हो।
स्लट शेमिंग
औरतों को उनकी पसंद के कपड़े पहनने पर या अपनी मर्ज़ी से ज़िंदगी जीने की आज़ादी नहीं है।ईरान में जो हो रहा है वह इसकी उदाहरण हैं। अगर कोई औरत अपनी पसंद के कपड़े पहन लेती उसकी स्लट शेमिंग की जाती है।
दोष औरत पर लगता है
जब भी किसी महिला के साथ रेप होता है। समाज में कहा जाता है की इसने ऐसे कपड़े पहने है तभी हुआ है उसके साथ रेप। हेरोइन बन के तो जाती थी इसके साथ तो यह सब होना हाई था। इतना रात को बाहर क्यों गई? हमें इसलिए फेमिनिज़म चाहिए क्योंकि आज भी महिला के साथ जब शारीरिक शोषण होता है तब भी यह समाज औरत को दोषी मानता है।
औरतों की सुरक्षा
औरतों की सुरक्षा आज भी एक बड़ी समस्या है। आज भी औरत बिना सोच-विचार किए बिना बाहर नहीं निकल सकती।हमें फेमिनिज़म इसलिए चाहिए कि औरत बेफ़िक्र होकर बाहर घूम सके।