How Can Women Stop Hustle Culture: आजकल एक शब्द बहुत ज्यादा चर्चित रहता है। इसे बहुत ही रोमांटिक समझा जाता है। हमें लगता है कि अगर हम दिन रात किसी एक चीज के पीछे भागेंगे और उसके लिए मेहनत करेंगे तभी हम उसे हासिल कर पाएंगे लेकिन कहीं ना कहीं यह गलत है। अगर हम अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस नहीं कर पाते हैं तब हम किसी एक स्पेक्ट्रम में पीछे रह जाते हैं। इसलिए हसल कलचर कुछ हद तक ठीक है लेकिन उसके नुकसान भी हैं। आज हम इसके बारे में बात करेंगे-
Hustle Culture क्या है और कैसे महिलाएं इससे बाहर निकल सकती हैं?
हसल कलचर एक ऐसा कलचर है जिसमें यह माना जाता है अगर आप ज्यादा घंटे तक काम करेंगे, खुद को नजरअंदाज करेंगे और अपनी मेंटल और फिजिकल वेल बीइंग के ऊपर ध्यान नहीं देंगे तब ही आप सफल हो पाएंगे। इसे बर्नआउट कलचर भी कहा जाता है। इसमें यह माना जाता है कि हमें अपनी सारी अटेंशन काम को ही देनी है तभी हम सब कुछ जिंदगी में हासिल कर पाएंगे।
सबसे पहले हमें इस बात को समझाना पड़ेगा कि जब किसी चीज की हद नहीं रहती तब वह हमारे लिए नुकसानदायक हो जाती है। आपको मेहनत करने से कोई नहीं रोक रहा है लेकिन अगर आप अपना सारा समय एक ही काम को देंगे तो आप बाकी कामों में पीछे रह जाएंगे। इससे आपकी नींद पूरी नहीं होगी, आपकी मेंटल हेल्थ पर असर पड़ेगा और आपको बहुत सारी शारीरिक बीमारियां जैसे हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, कम इम्यूनिटी aur पेट की समस्याएं रहने लगेंगी। महिलाओं में इसके कारण प्री मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम और फर्टिलिटी भी इफेक्ट होती है तो इसलिए हमें इसे रोकना होगा। आईए जानते हैं कि इससे हम कैसे छुटकारा पा सकते हैं।
इन टिप्स से बाहर निकलें महिलाएं
लाइफ को बैलेंस करें
सबसे पहले हमें लाइफ को बैलेंस (Work Life Balance) करना सीखना होगा। हम सब की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ हैं। इन दोनों के बिना हमारे जीवन की गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती लेकिन अगर आप दोनों में से किसी भी एक चीज को ज्यादा प्रायोरिटी देने लग जाते हैं तब हम एक चीज को पीछे छोड़ देते हैं और दूसरी में बहुत आगे बढ़ जाते हैं। इसका हमें पहले नहीं पता चलता है लेकिन बाद में इसके नतीजे हमें मिलते हैं। उस समय हमें लगता है कि शायद हमने पहले ही इस बात को सोच लिया होता। इसलिए अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करके चले और सक्सेस के लिए आपकी कंसिस्टेंसी मैटर करती है। आप जितना भी टाइम अपने काम को दे रहे हैं, उसमें क्वालिटी होनी चाहिए। आप रोज अपने काम को करें और दूसरों की टर्म पर अपनी जिंदगी को मत डिफाइन करें।
दूसरों के साथ Boundaries बनाएं
इसके साथ ही हमें लोगों को मना करना सीखना होगा। अगर आप काम पर यह सोच रहे हैं कि मैं मना करूंगी तो मैं पीछे रह जाऊंगी या फिर बॉस को अच्छा नहीं लगा तब आप गलत कर रहे हैं। अगर आप थक चुके हैं, आपके काम का समय खत्म हो गया है तो आप मना कर सकते हैं। जब आपका वर्कलोड बढ़ेगा तब आपकी एनर्जी खत्म होती जाएगी। आप एकदम से एग्जास्ट हो जाएंगे इससे आपकी फैमिली प्रॉब्लम्स भी पैदा हो सकती हैं। आपके अपने पार्टनर के साथ इश्यूज पैदा हो सकते हैं क्योंकि उन्हें भी आपके साथ समय व्यतीत करना है। लाइफ में हर चीज को एक साथ लेकर चले।
Wellbeing का ध्यान रखें
लाइफ में सफल होने के कारण हम अपनी मेंटल और फिजिकल हेल्थ को तो भूल ही जाते हैं। हमें लगता है कि हमें सारा ध्यान अपने काम पर देना है लेकिन अगर आपकी वेल्बीइंग ही अच्छी नहीं होगी तब आप काम कैसे कर पाएंगे। इसलिए खुद के लिए समय निकालना कभी मत भूलें। आप सेल्फ केयर रूटीन सेट करें और उन कामों के लिए भी समय निकालें जो आपको करने अच्छा लगता है।अपनी नींद को किसी भी हालत में कंप्रोमाइज मत करें। रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद पूरी करें।
खुलकर जिंदगी व्यतीत करें
खुद को आइसोलेट मत करें अपनी ख्वाहिशों और जरूर तो को नजर अंदाज मत करें. अगर आप दिन में 7 से 8 घंटे काम कर रहे हैं और उसके बाद अगर आप एक दो घंटा एंजॉय कर रहे हैं तो उसमें कुछ गलत नहीं है। आपको उसके लिए गिल्टी फील करने की जरूरत नहीं। आप अपने दोस्तों से मिलिए। उनके साथ घूमने जाइए, ट्रैवल करें और नए-नए एक्सपीरियंस इकट्ठा करें।आपकी लाइफ को सिर्फ एक चीज डिफाइन नहीं करती है। अगर आप चीजों में फेल भी होते हैं तब भी उसमें कुछ भी बुरा नहीं है। लोगों के साथ अपनी जर्नी को शेयर करें और खूब सारा इंजॉय करें