What To Do When Feel Overwhelmed At Work: आज कल लाइफस्टाइल इतना ज्यादा बिजी हो गया है कि हमें खुद के लिए समय ही नहीं मिलता है। हम बहुत ज्यादा ओवेर्व्हेलमेड हो जाते हैं जो स्ट्रेस का एक लक्षण है। जिसमें हमारे पास काम इतना ज्यादा होता है कि हम काम को कर ही नहीं पा रहे। इसके कारण हमें एंजायटी, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन महसूस होने लगता है। आज के समय में बहुत सारे लोग इसके साथ जूझ रहे हैं लेकिन समझ नहीं पाते इसके साथ डील कैसे किया जाए। इसमें हमारे इमोशंस में उतनी क्षमता नहीं रहती है कि वह स्ट्रेस के साथ डील कर पाए। आईए जानते हैं कि इसके साथ कैसे डील किया जाए-
जब काम बोझ जैसा महसूस हो तो क्या करें?
Maintain Boundaries
अगर आप चाहते हैं कि आप ओवेर्व्हेलमेड महसूस ना करें तब आपको काम और पर्सनल लाइफ के बीच में बाउंड्रीज पैदा करनी होगी। आपको अपने काम के वर्किंग टाइम सेट करना होगा। जब आप अपनी लिमिट से ज्यादा काम करते हैं तब भी हम ओवेर्व्हेलमेड हो जाते हैं। आज के समय में हमारे काम की कोई भी लिमिट नहीं है। हम सुबह से लेकर रात तक काम करते रहते हैं। स्लीप टाइम बहुत कम हो गया है। खुद के लिए समय नहीं निकलाते हैं जो ऐसे हालातो का कारण बनता है।
Mindfulness Techniques
खुद के लिए समय निकालने का माइंडफूलनेस तकनीक बहुत अच्छा मौका है। हमें जिंदगी की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में रुकने का भी मौका मिलेगा। हम बस चले जा रहे हैं, जिंदगी में विराम खत्म हो गया है। जिसके कारण हम बहुत ज्यादा बर्न आउट हो जाते हैं। माइंडफुल तकनीक में मेडिटेशन, योग और ब्रीदिंग आदि शामिल सकते हैं जो आपके मन और बॉडी दोनों को रिलैक्स करेगा।
Relax Yourself
आज के समय में खुद को शांत करना बहुत मुश्किल हो गया है। इसका एक कारण यह भी है कि हम खुद को रिलैक्स करते ही नहीं है। हमें सारा दिन काम रहते हैं। उसके बाद हम सोशल मीडिया या फोन पर अपना समय बिताते हैं। इसलिए खुद को रिलैक्स करें जो भी आपको अच्छा लगता है, उसे कीजिए। अपनी हॉबीज के लिए टाइम निकालें। काम के अलावा और भी चीजों पर ध्यान दे जो आपको खुशी देती है।
Communicate Your Feelings
आज के समय में हम जितना सोशल मीडिया पर खुश दिखाई देते हैं इतने हम असल जिंदगी में नहीं होते हैं। इसके साथ ही हमें दूसरों की जिंदगी भी सोशल मीडिया पर परफेक्ट लगती है। वहीं हम अपनी फिलिंग्स को भी दबाते जा रहे हैं जो हमारे ऊपर एक बोझ है। हम किसी को नहीं बताते कि हम दुखी हैं। हम सिर्फ अपनी अच्छी साइड दिखाते हैं जो भी हमारी मेंटल हेल्थ को बहुत नुकसान कर रहा है। अपनी लाइफ में कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके साथ आप कम्युनिकेट कर सकते हैं। उनके साथ आज से ही बात करना शुरू कीजिए।
Take Break
लाइफ में ब्रेक तो चाहिए और इसमें कोई भी गिल्ट नहीं होना चाहिए। ब्रेक का मतलब यह नहीं ह प्रोडक्टिव नहीं रहेंगे आप और एनर्जेटिक होकर प्रोडक्टिविटी बढ़ा सकते हैं। इसलिए एक दिन में छोटी ब्रेक्स और महीने बाद एक बड़ी ब्रेक लेना तो मैंडेटरी है। जब हम भागते हैं तब भी हम रूककर सांस लेते हैं लेकिन हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में से हम क्यों ब्रेक लेना भूल जाते हैं?
Exercise
आजकल शारीरिक से ज्यादा मानसिक काम करते हैं।जिस कारण हमारी शारीरिक गतिविधियां बहुत कम हो गई है। इसलिए अपने दिन के रूटीन में एक्सरसाइज जरूर शामिल करें। आप कुछ भी कर सकते हैं जैसे स्विमिंग, वॉकिंग, जॉगिंग और ब्रिस्क वॉक आदि।