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कोरोना वायरस संक्रमण फ़ैलता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यह स्वीकार कर लिया है कि कोरोनावायरस हवा के माध्यम से भी फैल सकता है। 200 से अधिक साइंटिस्ट ने कोरोना वायरस के हवा से फैलने के सबूत डब्ल्यूएचओ को सौंपे। वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ से कोरोनावायरस को लेकर नए गाइडलाइंस जारी करने के लिए आग्रह किया है।
इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि कोरोनावायरस सांस से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है। WHO ने यह भी कहा था कि यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुंह से निकली छोटी ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। लेकिन जिनेवा में स्थित डब्ल्यूएचओ को क्लीनिकल इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में सोमवार को एक ओपन लेटर पब्लिश हुआ था जिसमें 32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने इस बात के सबूत दिए कि हवा में मौजूद कोरोना के नन्हें कण लोगों को इंफेक्टेड कर सकते हैं।
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मंगलवार को हुई प्रेस ब्रीफिंग में कोरोना वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी लीड बेनेडेटा अल्लेग्रांज़ी ने कहा कि पब्लिक एरियास में हवा से कोरोना वायरस फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।डब्ल्यूएचओ में कोरोना महामारी के तकनीकी प्रमुख वान केरखोव ने कहा कि डब्ल्यूएचओ आने वाले समय में वायरस के फैउ के तरीकों पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक ब्रीफ साइंटिफिक स्टेटमेंट पब्लिश करेगा।
यह काफी मुश्किल समय है। ऐसे में हमें और सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। घर और बाहर दोनों जगहों पर मास्क पहनें। घर को सैनिटाइज़ करते रहे। घर या बाहर किसी भी अनजान चीज़ों को बिल्कुल न छुएं। बाहर से लौटें तो सबसे पहले अपने हाथों को धोएं। पहने हुए कपड़ों को धोएं।
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हवा के माध्यम से फैल सकता है कोरोना वायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यह स्वीकार कर लिया है कि कोरोनावायरस हवा के माध्यम से भी फैल सकता है। 200 से अधिक साइंटिस्ट ने कोरोना वायरस के हवा से फैलने के सबूत डब्ल्यूएचओ को सौंपे। वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ से कोरोनावायरस को लेकर नए गाइडलाइंस जारी करने के लिए आग्रह किया है।
32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने इस बात के दिए सबूत
इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि कोरोनावायरस सांस से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है। WHO ने यह भी कहा था कि यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुंह से निकली छोटी ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। लेकिन जिनेवा में स्थित डब्ल्यूएचओ को क्लीनिकल इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में सोमवार को एक ओपन लेटर पब्लिश हुआ था जिसमें 32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने इस बात के सबूत दिए कि हवा में मौजूद कोरोना के नन्हें कण लोगों को इंफेक्टेड कर सकते हैं।
और पढ़ें - 99-वर्षीय महिला Covid-19 को मात देने वाली कर्नाटक में सबसे बुज़ुर्ग पेशेंट है
मंगलवार को हुई प्रेस ब्रीफिंग में कोरोना वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी लीड बेनेडेटा अल्लेग्रांज़ी ने कहा कि पब्लिक एरियास में हवा से कोरोना वायरस फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।डब्ल्यूएचओ में कोरोना महामारी के तकनीकी प्रमुख वान केरखोव ने कहा कि डब्ल्यूएचओ आने वाले समय में वायरस के फैउ के तरीकों पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक ब्रीफ साइंटिफिक स्टेटमेंट पब्लिश करेगा।
अधिक सावधान रहें !
यह काफी मुश्किल समय है। ऐसे में हमें और सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। घर और बाहर दोनों जगहों पर मास्क पहनें। घर को सैनिटाइज़ करते रहे। घर या बाहर किसी भी अनजान चीज़ों को बिल्कुल न छुएं। बाहर से लौटें तो सबसे पहले अपने हाथों को धोएं। पहने हुए कपड़ों को धोएं।
और पढ़ें -इन कोरोनावारियर मॉम्स को हमारा सलाम