Advertisment

कर्नाटक: SSLC के छात्रों के लिए दस-वर्षीय दिव्यांग लड़की ने बनाये मास्क

author-image
Swati Bundela
New Update
हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया कि उसने 15 मास्क बनाए और 25 जून को स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SSLC) की परीक्षा देने वाले बच्चों में डिस्ट्रीब्यूट किया। सिंधुरी का जन्म से ही बाएं हाथ की कोहनी से नीचे का हिस्सा नहीं है।
Advertisment


ANI की रिपोर्ट के अनुसार “10 साल की सिंधुरी उडुपी की रहने वाली है। वह एक डिफरेंटली - एबल्ड लड़की है। फिर भी, उसने अपने एक हाथ से मास्क सीला है और उन्हें ज़रूरतमंदों को दिया है। दरअसल, सिंधुरी ने गुरुवार को SSLC परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले छात्रों को यह मास्क डिस्ट्रीब्यूट किये , ”
Advertisment

और पढ़िए : कोरोना वारियर : शांति चौहान मुंबई में 5,500 माइग्रेंट फैमिलीज़ की मदद कर रही हैं
Advertisment

सभी से प्रशंसा प्राप्त करने के बाद, अब सिंधुरी ने जरूरतमंद लोगों के लिए एक लाख मास्क बनाने की सोची है। SSLC छात्रों को 1 लाख मास्क डिस्ट्रीब्यूट करने का स्काउट और गाइड विंग का लक्ष्य था। मैंने 15 मास्क बना दिए । शुरू में, मैं एक ही हाथ से सिलाई करने में संकोच कर रही थी । माँ ने नकाब सिलने के लिए मेरा साथ दिया। अब सभी मेरी प्रशंसा कर रहे हैं, ”उसने एएनआई से कहा।

"शुरू में, मैं एक ही हाथ से सिलाई करने में संकोच कर रही थी । माँ ने नकाब सिलने के लिए मेरा साथ दिया। अब सभी मेरी प्रशंसा कर रहे हैं" - सिंधुरी

Advertisment

सिंधुरी संतकेशेत कल्लनपुर के माउंट रोज़री इंग्लिश मीडियम स्कूल में जाती है। उसके टीचर्स ने बताया की वो एक कीन स्टूडेंट और फ़ास्ट लर्नर है। वह अब COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में अपना हिस्सा निभाने के लिए पूरे जोश में है। आज सुबह से, एक सिलाई मशीन की मदद से सिंधुरी की मास्क सीलते हुए की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। नेटिज़ेंस उसे एक कोरोना वारियर कह रहे हैं और ज़रूरत के समय में मास्क बनाने के उसके उसकी प्रशंसा कर रहे हैं।

Advertisment
और पढ़िए: कोरोना वारियर : 99 वर्षीय महिला माइग्रेंट्स के लिए खाने के पैकेट बना रही हैं
इंस्पिरेशन
Advertisment