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Unsafe Delhi: भारत की राजधानी दिल्ली में कितनी सुरक्षित है लड़कियां?

जब आप बाहर होते हैं तो आप कभी भी अपनी सुरक्षा के प्रति बहुत सावधान नहीं हो पाते। सोचिए अगर महिलाओं को हमलों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत ही ना पड़े। लेकिन यह उस दुनिया की वास्तविकता नहीं है। आइए जानते हैं हाल ही में घटित- घटना इस न्यूज़ ब्लॉग के जरिए

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Aastha Dhillon
03 Jan 2023
Unsafe Delhi: भारत की राजधानी दिल्ली में कितनी सुरक्षित है लड़कियां?

Women Safety

Unsafe Delhi: दिल्ली भारत के कैपिटल होने के साथ-साथ क्राइम कैपिटल के नाम से भी जाना जाता है। दिल्ली में रोज ना जाने कितने ही मामले आते हैं जो वुमन सेफ्टी और हरासमेंट से जुड़े होते हैं। देश का सबसे बड़ा रेप कांड जो कि निर्भया केस था। वह भी दिल्ली में ही हुआ था। ऐसे में हम सभी के मन में यह बात हमेशा उठती है कि क्या दिल्ली ट्रैवल करने के लिए सेफ है? 

उत्तर है, नहीं। दिल्ली में ट्रैवल करना बिल्कुल भी सेफ नहीं माना जाता और वह भी अगर नाइट ट्रैवल हो तो। न्यू ईयर की शाम में ऐसी ही घटना हुई जो आपका दिल दहला देगी। आइए जानते हैं इस न्यूज़ ब्लॉग के जरिए 

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आखिर क्या हुआ था न्यू ईयर की शाम ?

दिल्ली के अंदर न्यू ईयर की रात एक बहुत ही शर्मनाक हादसा हुआ। कंझावाला नामक एक जगह पर एक 20 साल की युवती को कार से बांधकर उसे घसीटा गया। उस युवती को कई किलोमीटर तक घसीटा गया और बाद में फेंक दिया गया। युवती को जब एडमिट किया गया उसके शरीर पर कोई स्किन नहीं बची थी। उसके हाथ और पैर पर बुरी तरह से चोट लगी थी। युवती के परिजनों का अनुमान है कि उस युवती के साथ रेप भी हुआ है।

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पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि नहीं की है। दिल्ली पुलिस ने इस केस से संबंधित विचारों अपराधियों को अपनी कैद में ले लिया है। पुलिस के मुताबिक यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप के बारे में लिखा आता है तो उन अपराधियों पर रेप की चार्जेस भी लगेंगे।

Women Harassment, रेप जैसे मामले केवल दिल्ली से नहीं नहीं बल्कि पूरे देश से आ रहे हैं। 2012 में हुए दिल्ली रेप केस से लेकर अब तक Shraddha Walker के मामले तक कुछ भी नहीं बदला है। आज भी महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है उन्हें परेशान किया जा रहा है और बाद में उनकी हत्या की जाती है। श्रद्धा वाॅकर के मामले में उसकी हत्या कर 35 टुकड़े कर दिए गए थे।

बदलनी होगी सोच

देश की कैपिटल होने के साथ-साथ इतना भद्दा टैग दिल्ली को मिलना उसे शोभा नहीं देता। अब हमारी बारी है कि हम अपने समाज को बदलें और समाज में ऐसे अपराध होने से रोके। हमें अपने समाज की सोच बदलनी होगी और वुमन सेफ्टी के लिए कड़े कदम उठाने पड़ेंगे।

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