Why Do Blue Marks On The Skin During Period? महिलाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा होता है मेंस्ट्रूअल साइकल। जिससे हर माह उन्हें गुजरना होता है। पीरियड्स को लेकर हर महिलाएं में अलग-अलग समस्याएं होती हैं। कई को इस दौरान ऐंठन, कमजोरी, ब्लोटिंग और दर्द की समस्या रहती है लेकिन कुछ लक्षण ऐसे भी सामने उभर कर आते हैं। जिन्हें महसूस किया जा सकता है। ऐसी ही एक समस्या है- पीरियड्स में स्किन पर नीले निशान का आना। यह समस्या आमतौर पर कुछ महिलाओं में देखने को मिलता हैं। खासतौर पर पांव, बाजू और शरीर के अन्य भागों पर।
क्यों पड़ जाते हैं पीरियड्स में शरीर पर नीले निशान?
1. एनीमिया
आरबीसी सेल्स की कमी के कारण आपके टिशूज तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। जिससे पीरियड्स में महिलाओं को हैवी ब्लड फ्लो का भी सामना करना पड़ता है और ऐसे में ब्रूइस की समस्या बढ़ जाती है, क्योंकि इस दौरान ब्लड सेल्स ऑक्सीजन की कमी से कमजोर पड़ने लगते हैं। जिस कारण त्वचा पर नीले निशान आ जाते हैं।
2. विटामिन सी की कमी
शरीर में विटामिन सी की मात्र जरूरी होती है, क्योंकि इससे ब्लड सेल्स की इंटीग्रिटी बनी रहती है, इसलिए कई बार अनियमित आहार से बढ़ाने वाली पोषण की कमी भी इसकी समस्या को बढ़ाता है।
3. गर्भनिरोधक पिल्स
कई बार गर्भनिरोधक पिल्स को ओरल कॉट्रास्पटिव और हार्मोनल आयूडी शरीर में ब्लड क्लॉटिंग का कारण बनते हैं। जिससे ब्लड सेल्स की इंटीग्रिटी पर प्रभाव पड़ने लगता है और पीरियड्स में ब्रूइस की समस्या बढ़ जाती है।
क्या है इससे बचाव के उपाय?
1. कैफीन का सेवन न करें
बार-बार कैफीन का सेवन हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं, क्योंकि यह आपके ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर देते हैं इसलिए चाय, कॉफी, शराब व धूम्रपान का सेवन करने से बचें।
2. हेल्दी डाइट लें
अपने आहार में हेल्दी डाइट रखें। जिसमें प्रोटीन, विटामिन के साथ मिनरल्स भी मौजूद है। जो कि आपके पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग से बचाने के साथ-साथ ब्लड वेसल्स की इंटीग्रिटी को भी बनाए रखता है।
3. व्यायाम करें
तनाव से बचने के लिए रोजाना सुबह व्यायाम करें ताकि हैप्पी हार्मोन रिलीज हो और पीरियड साइकिल नियमित हो पाएं। इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन भी सही बना रहेगा। जिससे ब्रूइस की समस्या पीरियड्स के दौरान नहीं दिखेगी।
4. पर्याप्त नींद लें
आपका बिगड़े स्लिप पैटर्न भी इसके कारण हो सकते हैं, क्योंकि यह हार्मोन को संतुलित करता है इसलिए इसलिए स्लीप पैटर्न बनाएं और उसी अनुसार उठने और सोने का समय तय करें, जो ब्रूइस की समस्या से भी राहत दिलाता है।