Easter 2024 : ईस्टर ईसाइयों का त्यौहार है और इस साल यह त्यौहार 31 मार्च को मनाया जाएगा। ईस्टर को ईसाई धर्म के लोग इसे यीशु के जन्म के रूप में मनाते है। ये त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं और गुड फ्राइडे के बाद आने वाले संडे को हर साल ईस्टर मनाया जाता है। दुनिया भर में लोग ईस्टर एक सोच एक मान्यता के साथ मानते है की भले ही जीवन में कितना घना अंधेरा हो पर आखिर में रौशनी जरूर होगी।
क्यों मनाया जाता है ईस्टर ? जानिए इसके पीछे का इतिहास.
होली बाइबल के हिसाब से जब यीशु ने सबको ये बताया की वो ईश्वर के संतान है तब उन्हें रोमन के राजा ने उन्हें मृत्यू दंड दिया था जिसके तीन दिन बाद वह पुनर जीवत होगाए तबसे उस दिन को ईस्टर के फेस्टिवल से मनाया जाता है।
कैसे किया जाता है ईस्टर को सेलिब्रेट और क्या है अंडे का महत्त्व ?
इस फेस्टिवल को मानने के लिए लोग आपस में एक दूसरे को तोहफा देते है और अंडे से अपने घर को सजाते हैं। कई लोग अंडे को कई क्रिएटिव तरीके से सजाते है उसपर अनेक रंगों से रंगते हैं। अब आप सोच रहें होंगे की लोग इसमें अंडे का उपयोग क्यों करते हैं? दरअसल, ईसाई धर्म में ये माना गया है की अंडे से नया जीवन की उत्पत्ति होती है। इसलिए इस त्यौहार को अंडे के जरिए मानते है। लोग कई सारे बास्केट में अंडे, खिलौने, कॉक्लेट, रखकर सजाते हैं। कई जगह बच्चें आपस में चॅाक्लेट बाटकर खाते हैं। कहते हैं, इस दिन ईस्टर बन्नी यानी एक खरगोश जिसे ईस्टर का सिंबल माना जाता है वो बच्चों के लिए ढेर सारे खिलौने, गिफ्ट्स, चॉकलेट आदि लाता है बिल्कुल संता क्लॉस की तरह। भारत देश में वाइजैग, कोच्चि, मुंबई, गोवा, तमिल नाडु और नागालैंड में ईस्टर मनाया जाता हैं।
दुनिया भर में कैसे मनाया जाता हैं ईस्टर ?
दुनिया भर के ईस्टर को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। इस दिन लोग गिरजाघर जाते हैं, प्रार्थना करते हैं। हर जगह को अंडो से सजाया जाता हैं कई तरह के गेम्स खेले जाते हैं और कई देशों में तो इस दिन खास परेड भी होती हैं ।