Dussehra 2024: आखिर क्यों नीलकंठ पक्षी का दर्शन दशहरा के दिन माना जाता है शुभ ?

ब्लॉग: हिंदू मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के मुताबिक सदियों से दशहरा पर नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने की परंपरा चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि यदि दशहरा पर नीलकंठ के दर्शन हो जाएं तो यह अत्यंत शुभ और भाग्य उदय करने वाले होते हैं।

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Ruma Singh
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Why Is The Neelkanth Bird Considered Auspicious On Dussehra? हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व दशहरा भी है। जिसे लेकर हर साल उत्साह व उमंग का माहौल रहता है। इसे विजयादशमी भी कहा जाता है। यह पर्व आश्विन माह की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इसे अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। यह त्यौहार दो कारणों से काफी विख्यात हैं, जिसका संबंध प्रभु श्री राम और मां दुर्गा से हैं, क्योंकि इसी दिन प्रभु श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था और लंका पर जीत हासिल किया था। साथ ही इसी दिन मां दुर्गा भी नौ दिनों के युद्ध के बाद महिषासुर राक्षस का वध की थी और बुराइयों से मुक्ति दिलाई थी, इसलिए विजयदशमी का पर्व सनातन धर्म में बेहद खास और महत्वपूर्ण है। जिसे हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हालांकि, इस दिन को नीलकंठ पक्षी को देखकर और खास बनाया जा सकता है। हिंदू मान्यता के अनुसार दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना बेहद शुभ माना गया है।

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नीलकंठ पक्षी का दर्शन दशहरा पर क्यों होता है शुभ?

हिंदू मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के मुताबिक सदियों से दशहरा पर नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने की परंपरा चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि यदि दशहरा पर नीलकंठ के दर्शन हो जाएं तो यह अत्यंत शुभ और भाग्य उदय करने वाले होते हैं, इसलिए लोग दशहरा के दिन हर तरह से कोशिश करते हैं कि नीलकंठ के दर्शन हो जाएं। ताकि उन्हें सारे कामों में सफलता प्राप्त हो सकें और घर में भी सुख समृद्धि की बढ़ोतरी हो पाएं। 

नीलकंठ पक्षी से जुड़ी मान्याताएं

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  • पौराणिक कथा के मुताबिक नीलकंठ का संबंध प्रभु श्री राम से हैं। माना जाता है कि लंकापति रावण का अंत करने से पहले प्रभु श्री राम ने नीलकंठ पक्षी का दर्शन किया था। उन्होंने रावण वध से पहले शमी पौधे की पूजा की थी और नीलकंठ दर्शन किए थे। जिसके पश्चात उन्हें रावण का वध करने में सफलता प्राप्त हुई थी।
  • वहीं, दूसरी मान्यता के मुताबिक दशहरा के दिन भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रूप में धरती पर आए थे। धार्मिक कथाओं के मुताबिक रावण वध के बाद प्रभु श्री राम पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। जिससे मुक्ति पाने लिए उन्होंने अपने भाई लक्ष्मण के साथ भगवान शिव की आराधना की थी। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शंकर नीलकंठ पक्षी के रुप में दर्शन दिए थे।

दशहरा पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन से मिलते हैं ये संकेत

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