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WhyIt'sImportantForChildernToSpendTimewithTheirGrandparents: हम अपने माता-पिता से ज्यादा दादा-दादी से सीखते हैं। वे हमें परंपरा के साथ मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। दादा-दादी का स्थान बच्चों के जिंदगी में बहुत अनमोल और विशिष्ट होता है, उनके साथ समय बिताने से बच्चों की जिंदगी पर सकारात्मक असर पड़ता है। उनके साथ बिताया हुआ पल केवल खुशियों का ही नहीं बल्कि उन पलों के कारण बच्चे अपने व्यक्तित् और भविष्य को सही दिशा में ले जाते हैं। जब बच्चे दादी-दादी के साथ समय बिताएंगे तो वह अपनी सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू होते हैं। तो आइये जानते हैं बच्चों को अपने ग्रैंडपेरेंट्स के साथ समय बिताना क्यों जरूरी है।
बच्चों को अपने Grandparent's के साथ समय बिताना 5 कारण से जरूरी है
1. पारंपरिक ज्ञान
दादा–दादी के पास जीवन का अनुभव और पारंपरिक ज्ञान का भंडार होता है। वे घर के बड़े होते हैं और वह अपने सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखना चाहते हैं। ग्रैंडपेरेंट्स परिवार को एक सही दिशा में ले जाने के लिए सक्षम होते हैं। परिवार को आगे ले जाने में बच्चों का योगदान होता है अगर वह अपने दादा-दादी से उनके अनुभव के अनुसार सीख लेते हैं तो उनका फ्यूचर सही दिशा में जाता है और साथ ही वह अपने संस्कृति परंपराओं और पूर्वजों के बारे में सीखते हैं। यह उनके लिए गौरव और पहचान के विकास में सहायक होता है।
2. सपोर्ट और प्यार
दादा–दादी अपने पोते–पोतियो को सबसे ज्यादा चाहते हैं और उन्हें विशेष प्रकार का प्रेम और समर्थन प्रदान करते हैं। बच्चे चाहे जितने भी बड़े हो जाए उनके लिए प्रेम कभी भी खत्म नहीं होता। वह बहुत ही नरम और समझदार होते हैं जो बच्चों को भावनात्मक सुरक्षा और सुकून का अनुभव करते हैं। इस प्यार भरे रिश्ते के कारण बच्चे आत्मसमर्पण और आत्मसम्मान का अनुभव करते हैं। ग्रैंडपेरेंट एस का प्यार दुनिया में सबसे अनोखा होता है।
3. अनुभव और सीख
जैसे कि हम जानते ही हैं दादा-दादी का अनुभव हमारे माता-पिता से भी अधिक होता है वह बच्चों को जीवन के बहुत सारे पहलुओं से परिचित कराते हैं जैसे की परंपरा खेल, कहानी और पुरानी यादें। उनका अनुभव बच्चों को एक सही दिशा में ले जाता है। यह न केवल बच्चों को ज्ञान प्रदान करने में सहायक होते हैं बल्कि पारिवारिक परंपराओं को भी जीवित रखने का काम करते हैं। हर छोटी–बड़ी बातों से कैसे सीख लेनी चाहिए यह उनसे बेहतर बच्चों को कोई भी नहीं सिखा सकता।
4. सामाजिक और नैतिक विकास
दादा–दादी के साथ समय मिटाने से बच्चे सामाजिक व्यवहार और नैतिक मूल्यों को समझते हैं। उनके साथ बातचीत और समय बताने से बच्चों को सहनशीलता, आदर और सम्मान का सही मूल्य पता चलता है। वह जिंदगी के गुना से अवगत कराते हैं कैसे समाज में आदर के साथ जीना है वह हम उनसे ही सीखते हैं। क्या हमारे सामाजिक विकास में मददगार होते हैं। जिंदगी जीने का सही मतलब हम उनसे ही सीखते हैं।
5. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य
दादा–दादी के साथ समय बिताने से बच्चे मानसिक रूप से सुकून और खुशहाली का अनुभव करते हैं और उनकी शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। एक स्वस्थ और खुशहाल मानसिक स्थिति के लिए वह बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। दादा–दादी के न होने से मानो जीवन अधूरा सा होता है। हमारी खुशियां उनसे ही जुड़ी होती है ऐसा अनुभव करना बहुत सुखद होता है।