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Photograph: (iStock)
महिलाओं के लिए सभी कार्य समय पर करना एक प्रथा बन चुकी है, भले उन्हें खुद के स्वास्थ्य के लिए ही समय न मिले। गृहस्थ जीवन से, बच्चों से, पैसे कमाने तक सभी काम उन्हें स्वयं करने हैं। कोई उनकी स्थिति के बारे में नहीं पूछता। क्या यह सही है?
Self Care: महिलाएं जानें खुद का ध्यान रखना स्वार्थ नहीं है?
स्वास्थ्य एक ऐसा विषय है, जिसपर हम सभी काध्यान रखना सर्वोपरि है, लेकिन आज के दौर में यह सबसे नज़रअंदाज़ करने का विषय बन चुका है। भागती-दौड़ती ज़िन्दगी में, बदलते समय में, लोगों की दिनचर्या में काफ़ी बदलाव आए हैं, ख़ासकर महिलाओं के जीवन में। उनके जीवन में कोई अवकाश नहीं, यूँ तो अवकाश भी एक शाप है, बोझ है, जिससे वह जूझती आई हैं।
स्वास्थ्य पर बात करना एक बहुत ही गंभीर विषय है, यहाँ सिर्फ़ शारीरिक थकान की नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की भी बात हो रही है।
1. स्वयं के लिए समय निकालें
स्वयं के लिए प्रतिदिन 2 घंटे निकालना कोई स्वार्थ नहीं बल्कि आवश्यकता है, जिससे महिलाएँ अपना शारीरिक एवं मानसिक स्थिति में प्रसन्न रह सकती हैं।
2. पर्याप्त नींद लें
7–9 घंटों की पूरी नींद, इससे आप पूरे दिन ताज़ा रहेंगी, साथ ही में मानसिक रूप से भी ध्यान से काम कर पाएंगी।
3. रचनात्मक गतिविधियों में जुड़ें
अपनी रचनात्मक कलाओं पर ध्यान दे सकती हैं, जैसे संगीत, नृत्य, चित्रकारी आदि। इससे मनोबल बढ़ेगा।
4. व्यायाम और पौष्टिक आहार अपनाएँ
नियमित व्यायाम, संतुलित एवं पौष्टिक आहार से बहुत एकाग्रता का अनुभव करेंगी, एवं काफ़ी बीमारियों से भी कोसों दूर रहेंगी।
5. प्रकृति के संपर्क में रहें
कुछ देर बाहर टहलने से, शीतल हवा में साँस लेने से, तनाव से मुक्ति मिलेगी।
6. ‘ना’ कहना सीखें
स्वयं को सर्वोपरि रखें, ध्यान रहे कि आप ही अपने जीवन की बागडोर संभाल रहीं हैं। लोगों को लुभाने एवं उनकी नज़रों में प्रिय रहने के लिए किसी भी प्रकार का तनाव न लें जिससे आपको ही परेशानी का सामना करना पड़े।
8. स्वयं से प्यार करें
यह अत्यंत आवश्यक है: खुद को स्वीकार करें, इस दौड़ में स्वयं को एक ठहराव ज़रूर दें।
स्वयं को प्रसन्न रखना ही सबसे बड़ा आत्म-उपहार
स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए एक चाय की चुस्की ज़रूर लें, समय-समय पर अपना मेकओवर, नए-नए व्यंजन, एवं यात्राओं पर अवश्य जाएँ, इससे दुनिया की जानकारी भी मिलेगी। याद रखें, महिलाओं के लिए कभी भी कुछ सरल नहीं रहा। जिस समाज ने ‘ओवरवर्क शोषण’ (exploitation) को भी उचित सिद्ध किया, उसी समाज में हमें अपनी प्रसन्नता एवं बुनियादी ज़रूरतों के लिए आवाज़ उठानी पड़ेगी। वर्क-लाइफ़ बैलेंस का जीवन में उपस्थित होना बहुत आवश्यक है। हमेशा अपने पेशेवर कार्यों, माता-पिता, पति, बच्चे या दोस्तों के लिए उपस्थित रहकर स्वयं की देखभाल न करना एक गंभीर शोषण है।
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