Why We Must Normalize The Friendship Between A Boy And A Girl: एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं बन सकते कहनेवाले ने शायद वैसी दोस्ती कभी देखी ही नहींI यह ज़रूरी नहीं कि अगर दोनों ऑपोजिट जेंडर के हो तो उनके बीच दोस्ती के अलावा कोई रोमांटिक फिलिंग्स हो सकती हैI दोस्ती दो लोगों के बीच एक बहुत ही पवित्र भावना है जिससे उतनी ही इज़्ज़त और मान्यता दिखानी चाहिए लेकिन हमारा समाज अभी तक एक लड़का और लड़की को साथ में देखकर उन्हें हमेशा एक कपल समझने की भूल कर बैठता हैI यह बहुत ही शर्मिंदगी की बात है कि एक लड़का और लड़की की सच्ची और और पक्की दोस्ती को लोग गलत नज़रों से देखते हैI यह ना सिर्फ़ उनकी गिरी हुई सोच को साबित करती है बल्कि दूसरी तरफ़ उन दोनों लड़का और लड़की के भावनाओं को भी ठेस पहुँचाती हैI
क्यों हमें एक लड़का और लड़की के दोस्ती को सामान्य माननी चाहिए?
1. हमारे समाज की तरक्की
दो लोगों की दोस्ती हमेशा उनके बीच के रिश्ते को और भी मज़बूत बनाती हैI जिससे कि उनका पॉजिटिव साइड देखने को मिलता है और दोनों एक दूसरे को और भी बेहतर तरीके से जान पाते हैI यह बात इसलिए की जा रही है क्योंकि आजकल हर वर्किंग सेक्टर में लड़का और लड़की दोनों समान रूप से योग्य होते है और दोनों को एक साथ मिलकर काम करना पड़ता हैI अगर दोनों में अच्छी दोस्ती ना हो तो वह एक दूसरे से कैसे अच्छे से काम निकालेंगे? एक अच्छी टीम वर्क के लिए अच्छी दोस्ती का होना भी ज़रूरी हैI
2. एक दूसरे का सपोर्ट सिस्टम बन्ना
जब भी हम किसी मुसीबत में होते है या हमें किसी भी तरह की मुश्किल होती है तब एक दोस्त ही हमारी मदद करता है और हमें हर मोड़ पर हमारा मार्गदर्शन करते हैI जिससे हम एक बेहतर इंसान बन पाते हैI अगर कोई लड़का या लड़की एक दूसरे को सपोर्ट करते है तो इसमें गलत क्या है? इसमें उन दोनों का ही भला होता है और वह जीवन में आगे बढ़ पाते हैI
3. दोनों ही प्रोग्रेसिव बनते है
बाहर की दुनिया में कुछ कर दिखाने के लिए और वहां सिर उठाकर जीने के लिए यह जरूरी है की हम लोगों से आत्मविश्वास के साथ बात कर सके, उनसे घुल-मिल सकेI बात करते वक्त हम यह नहीं देखते कि वह लड़का है या लड़की जीवन में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है कि हमारी पर्सनालिटी का विकास हो ताकि हम स्पष्ट रूप से अपनी बात को दूसरों के सामने रख पाए, हर तरह के लोगों से कम्युनिकेट कर पाए चाहे वह लड़का हो या लड़कीI ऐसे में एक लड़की या लड़की के साथ दोस्ती हमारे कम्युनिकेशन स्किल्स को और भी बेहतर बनाती हैI
4. दोनों में बदलाव आती है
एक लड़के को हमेशा से ही यह सिखाया जाता है कि उसका किसी के सामने अपने भावनाओं को ज़ाहिर करना उसकी कमज़ोरी का सबूत है जबकि लड़की को हमेशा से दबाकर रखा जाता है ताकि वह अपनी आवाज़ ना उठा पाएI लड़का और लड़की के बीच की दोस्ती गलतफहमीओं को ना सिर्फ़ दूर करती है बल्कि उनमें बदलाव की भावना पैदा करती हैI दोस्ती में जब वह दोनों एक दूसरे से अपने सुख-दुख बाटेंगे तो उन्हें इस बात का भी अंदाज़ा होगा की एक लड़के के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करना या एक लड़की का खुद के लिए आवाज़ उठाना जायज़ हैI इस दौरान लड़का और लड़की दोनों ही एक दूसरे की इज़्ज़त करना सीखते हैI