5 महिला Music Directors जिन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री पर किया राज

बॉलीवुड के संगीत उद्योग में बेशक कई महिलाओं ने महारत हासिल की है। लोग आज भी लता मंगेशकर, आशा भोसले, अलका यागनिक के धुनों पर झूमते हैं। लेकिन इसी इंडस्ट्री में अगर हम महिला म्यूजिक डायरेक्टर की बात करें तो सिर्फ मुट्ठी भर नाम हमारे सामने आते हैं।

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Khushi Jaiswal
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(Image credit : wikipedia)

Music Directors: बॉलीवुड के संगीत उद्योद में बेशक कई महिलाओं ने महारत हासिल की है। लोग आज भी लता मंगेशकर, आशा भोसले, अलका यागनिक की धुनों पर झूमते हैं। लेकिन इसी इंडस्ट्री में अगर हम महिला म्यूजिक डायरेक्टर की बात करें तो सिर्फ मुट्ठी भर नाम हमारे सामने आते हैं। कई मेल म्यूजिक डायरेक्टर ने हमें एक से बढ़कर एक गाने दिए हैं, लेकिन क्या आप जानते है? हमें कई सुनहरे गीत महिला म्यूजिक डायरेक्टर्स ने भी दिए हैं। म्यूजिक इंडस्ट्री हमेशा से मेल डोमिनेटेड रहीं है, लेकिन कुछ महिलाओं ने अकेले ही इस इंडस्ट्री में राज किया है। चलिए हम आपको आज कुछ महिला म्यूजिक डायरेक्टर्स के बारे में बताते हैं। 

5 महिला Music Directors जिन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री पर किया राज

1. सरस्वती देवी 

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एक जमाना था जब फिल्मों को सही नहीं माना जाता था और अगर उनमें महिलाएं गाये, बजाये तो वो पूरे समाज के लिए निंदा की बात होती है। उस वक्त पारसी समाज की एक लड़की खुर्शीद मिनोचर होमजी ने ऐसे कई बंधन तोड़कर अपने टैलेंट के बल-बुते, एक से बढ़कर एक गाने इस फिल्म इंडस्ट्री को दिए। बॉम्बे टॉकीज के ओनर हिमांशु राय ने उन्हें म्यूजिक कंपोज़ करने की खुली छूट दी थी फिर क्या था? जब टैलेंट से संगीत का मिलन हुआ तो, हमें सरस्वती देवी द्वारा कम्पोज किए गए कई सुनहरे गाने मिले। 'ना जाने किधर आज मेरी नाओ चली रे','सूनी पड़ी रे सितार' आदि जैसे मशहूर गाने सरस्वती देवी द्वारा कम्पोज किया गया है। 

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2. जद्दनबाई 

जब भारत में लोग अपने मनोरंजन के लिए तवायफों के पास जाते थे और फिल्म इंडस्ट्री बस अब धीरे - धीरे लोगों को समाज और पसंद आने लगी थी, तब एक कोठे में जन्मी जद्दनबाई ने अपने संगीत के टैलेंट से लोगों का दिल जीत कर भारत की पहली महिला म्यूजिक कंपोजर बनी। जद्दनबाई उस दौर की फेमस अभिनेता नर्गिस दत्त की माँ और संजय दत्त की नानी लगती हैं। जद्दनबाई हुसैन का जन्म 1892 में बनारस में हुआ था उनके पिता के निधन के बाद वो संगीत सीखने शहर आ गई। कोलकत्ता में उन्होंने श्रीमंत गणपत राव से संगीत सिखा और उसमें महारत हासिल करके जद्दनबाई हुसैन अपनी माँ से भी ज्यादा फेमस तवायफ बनी। 

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3. उषा खन्ना 

जब म्यूजिक इंडस्ट्री में हर तरफ पुरुषों का डोमिनेंस था उस वक्त उषा खन्ना ने हमें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक एवरग्रीन बॉलीवुड गाने दिए थे। कई गानो को तो आप आज भी गुनगुनाते होंगे पर आपको पता नहीं की इसे किसने कम्पोज किया है। 'छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी','दिल देके देखो','तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम', और ऐसे कई फेमस गानों को उषा खन्ना ने ही कम्पोज किया है। उनका जन्म 1941 में हुआ था एक कंपोजर के साथ - साथ वो एक एक्ट्रेस भी थी। एक महिला होने के कारण उनको कई छोटे प्रोजेक्ट्स करने पड़े लेकिन उन्होंने उसमें भी अपने टैलेंट से चार चाँद लगा दिया था। 

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4. जसलीन कौर रॉयल 

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जसलीन आज की फेमस सॉन्ग राइटर, गायक और म्यूजिक कंपोजर है। जसलीन अब किसी पहचान की मोहताज नहीं बॉलीवुड की कई फिल्मों में उन्होंने अपने गानों से चार चाँद लगाया है। हिंदी के साथ - साथ जसलीन पंजाबी, बंगाली, गुजरती और अंग्रेजी में भी गाना गाती हैं। उन्हें उनके कार्य के लिए कई बार अवार्ड्स भी मिले है। उनके कुछ फेमस गानों में से, 'हीरिये', 'संग रहियों', 'रांझा', 'नच दे सारे', 'खो गए हम कहाँ' भी शामिल है। जसलीन का जन्म 1991 में लुधियाना में हुआ था।  

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5. स्नेहा खानवलकर 

स्नेहा म्यूजिक इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्होंने कई फेमस म्यूजिक को कंपोज़ और डायरेक्ट किया है। उन्हें उनके गैंग्स ऑफ वासेपुर भाग 1, भाग 2 के म्यूजिक के लिए फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेट भी किया गया था। उषा खन्ना के बाद स्नेहा दूसरी महिला है, जिसे इस अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। 'ओये लकी' फिल्म में उनके किये हुए बेहतरीन कम के लिए उन्हें जाना जाता है। अपने अलग और बेहतरीन कम्पोजीशन के साथ स्नेहा ने म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना वैल्युएबल कंट्रीब्यूशन दिया है, जिसे सब हमेशा याद रखेंगे। 

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